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आबिदा सुल्तान की जीवनी – Abida Sultan Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको आबिदा सुल्तान की जीवनी – Abida Sultan Biography Hindi के बारे में बताएगे।

आबिदा सुल्तान की जीवनी – Abida Sultan Biography Hindi

आबिदा सुल्तान की जीवनी

 

(English – Abida Sultan)आबिदा सुल्तान भोपाल सियासत की राजकुमारी एवं भारत की पहली महिला पायलट थी।

उन्हें 25 जनवरी, 1942 को उड़ान लाइसेंस मिला था।

 

 

 

संक्षिप्त विवरण

नामआबिदा सुल्तान (Abida Sultan)
पूरा नाम, अन्य नाम
आबिदा सुल्तान
जन्म28 अगस्त 1913
जन्म स्थानभोपाल
पिता का नामहमीदुल्लाह ख़ान
माता  का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
11 मई, 2002
मृत्यु कारण

जन्म – आबिदा सुल्तान की जीवनी

आबिदा सुल्तान का जन्म 28 अगस्त 1913 को हुआ था।

उनके पिता का नाम हमीदुल्लाह ख़ान भोपाल रियासत के अंतिम नवाब थे।

उनकी परवरिश दादी सुल्तान जहां बेगम ने किया था।

अपनी दादी के अनुशासन में रहकर बहुत कम उम्र में ही आबिदा सुल्तान कार ड्राइविंग के अलावा घोड़े, पालतू चीतल (चीतल हिरण का एक सुंदर रूप) जैसे जानवरों की सवारी और शूटिंग कौशल में पारंगत हो चुकी थी।

योगदान

1949 में वे अखिल भारतीय महिला स्क्वैश की चैंपियन रहीं।

आबिदा का निकाह 18 जून, 1926 को कुरवाई के नवाब सरवर अली ख़ान के साथ हुआ।

दादी की प्रिय पोती आबिदा पहली बार पिता के उत्तराधिकारी का अनुमोदन प्राप्त करने के लिए अपनी दादी नवाब सुल्तान जहां बेगम के साथ 1926 में लंदन गईं थीं। देश के विभाजन की उथल-पुथल के बाद  1949 में उन्होंने भारत छोड़ दिया और पाकिस्तान चली गई।

आबिदा सुल्तान ने अपना आशियाना कराची में बनाया और अपनी गतिविधियां जारी रखीं। उन्होंने सन 1954 में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व और सन 1956 में चीन का दौरा किया।

धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली आबिदा1960 में मार्शल कानून के विरोध में फातिमा जिन्ना- जो मोहम्मद अली जिन्ना की बहन थीं, का साथ दिया था। वे महिला अधिकारों की पक्षधर थीं। जनवरी 1954 में पिता द्वारा भोपाल वापस लौटने की पेशकश को ठुकरा चुकी आबिदा 12 वर्षों तक अपने पिता से दूर रहीं, लेकिन उनकी मृत्यु के समय वे भोपाल आई।

मृत्यु – आबिदा सुल्तान की जीवनी

आबिदा सुल्तान अक्टूबर 2001 तक अनेक रोगों से ग्रस्त हो गईं।

27 अप्रैल, 2002 को कार्डियक ऑपरेशन के लिए उन्हें शौकत उमर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ 11 मई, 2002 को उनका निधन हो गया।

उनके पुत्र शहरयार मोहम्मद ख़ान पाकिस्तान में विदेश सचिव रहे है

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