धर्म और ईश्वर के बारे मे अबुल फजल एक खुले विचारो वाले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हे खुले विचारो के कारण नास्तिक भी कहा जाता था। अबुल फजल उत्कृष्ट विचारक और स्तरीय लेखक भी थे। दरबार में आने वाले धर्मो से जुड़े सभी मामलों को वही सुलझाते थे। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आप को अबुल फजल की जीवनी – Abu’l-Fazl ibn Mubarak Biography Hindi बताते है।
अबुल फजल की जीवनी – Abu’l-Fazl ibn Mubarak Biography Hindi
जन्म
अबुल फजल का जन्म 1550 ई. में आगरा में हुआ था। इनके पिता का नाम शेख मुबारक था तथा वे शेख फैजी के छोटे भाई थे। अबुल फजल का पूरा नाम अबुल फजल इब्न मुबारक था। अबुल फजल शेख मुबारक नागौरी की दूसरी संतान थी। अबुल फजल एक बहुत ही पढ़ें लिखे इंसान थे इसलिए लोग उनकी विद्वता का आदर करते थे।
योगदान
उन्होंने अकबर के दक्षिण अभियान का नेतृत्व किया। वे तुर्की, फारसी, संस्कृत, अरबी और हिन्दी के विद्वान थे। उनकी दो रचनाएं अकबरनामा, आईने- अकबरी है। अबुल फजल ने मुगलकालीन शिक्षा और साहित्य में भी अपना पूरा योगदान दिया। अबुल फजल ने दक्कन में अपनी लड़ाई में अकबर की सेना का नेतृत्व भी किया
निधन
1602 में दक्षिण से वापसी के मार्ग में वीर सिंह देव बुंदेला ने जहांगीर के कहने पर उनकी हत्या कर दी थी। अबुल फजल की मृत्यु का अकबर को गहरा धक्का लगा, जिसके चलते अकबर ने खुद को तीन दिनों तक महल के अंदर बंद रखा। इस अपराध के लिए उन्होने सलीम को कभी माफ नही किया।