अजीत डोभाल (English – Ajit Doval) देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है। उन्होने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र से डिग्री ली और 1968 में केरल कैरड से आईपीएस बने।
1972 में इंटेलिजेंस ब्यूरो में पहुंचे और 2005 में रिटायर हुए। मिजोरम और पंजाब में अलगाववाद को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्हे कीर्ति चक्र से भी नवाजा गया। उन्होने 2009 में विवेकानंद इन्टरनेशनल फाउंडेशन की स्थापना की। 2014 से देश के एनएसए की ज़िम्मेदारी संभाल रहे है।
अजीत डोभाल की जीवनी – Ajit Doval Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण
नाम | अजीत डोभाल |
पूरा नाम | अजीत डोभाल |
जन्म | 20 जनवरी 1945 |
जन्म स्थान | पीढ़ी गढ़वाल |
पिता का नाम | गुनानंद डोभाल |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति | – |
जन्म
Ajit Doval का जन्म 20 जनवरी 1945 को पीढ़ी गढ़वाल में हुआ था।
उनके पिता का नाम गुनानंद डोभाल था जोकि इंडियन आर्मी में थे।
उनकी पत्नी का नाम अनु डोभाल है। उनके बेटे का नाम शौर्य डोभाल एक निजी इक्विटी पेशेवर और सार्वजनिक नीति विचारक हैं। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हैं।
शिक्षा
उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल से पूरी की थी, उन्होंने 1967 में आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद वे आईपीएस की तैयारी में लग गए।
करियर
इसके बाद Ajit Doval ने 1968 में केरल कैडर से आईपीएस में चुने गए थे,1989 में अजीत डोभाल ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर से चरमपंथियों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन ब्लैक थंडर’ का नेतृत्व किया था।
वह सक्रिय रूप से मिजोरम, पंजाब और कश्मीर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं। उन्होने अपने करियर में ज्यादातर समय खुफिया विभाग में ही काम किया है।
कहा जाता है कि वह सात साल तक पाकिस्तान में खुफिया जासूस रहे। 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी के चीफ के पद से रिटायर हुए हैं।
उन्होने 2009 में विवेकानंद इन्टरनेशनल फाउंडेशन की स्थापना की। इस दौरान न्यूज पेपर में लेख भी लिखते रहे।
30 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया।
3 जून 2019 को उन्हें 5 साल के लिए एनएसए के रूप में फिर से नियुक्त किया गया और उन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री रैंक दिया गया।
सम्मान और पुरस्कार
- 1988 में उन्हे कीर्ति चक्र से भी नवाजा गया।
- दिसंबर 2017 में आगरा विश्वविद्यालय और क्रमशः मई 2018 में कुमाऊं विश्वविद्यालय से विज्ञान और साहित्य में रणनीतिक और सुरक्षा मामलों में उनके योगदान के लिए एक मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- Ajit Doval को नवंबर 2018 में एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा दर्शनशास्त्र में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था।