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अजय घोष की जीवनी – Ajoy Ghosh Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अजय घोष की जीवनी – Ajoy Ghosh Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अजय घोष की जीवनी – Ajoy Ghosh Biography Hindi

अजय घोष की जीवनी
अजय घोष की जीवनी

(English – Ajoy Ghosh)अजय घोष  भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता थे।

ये हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य रहे तथा 1928 ई. में सरदार भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु एवं बटुकेश्वर दत्त के साथ कारावास गए एवं लाहौर काण्ड में उन्हें भी अभियुक्त के रूप में सज़ा दी गई।

वे पार्टी के प्रमुख पत्र ‘दि नेस्शनल फ्रंट’ के संपादकीय मंडल में भी थे और उन्होंने कई पुस्तिकाएं भी लिखीं।

 

संक्षिप्त विवरण

नामअजय घोष
पूरा नाम, अन्य नाम
अजय घोष
जन्म20 फरवरी, 1909
जन्म स्थान चित्तरंजन, बंगाल
पिता का नामशचीन्द्र नाथ घोष
माता  का नामसुधान्शु बाला
राष्ट्रीयता भारतीय
मृत्यु
11 जनवरी, 1962
मृत्यु  कारण
 क्षय रोग

जन्म – अजय घोष की जीवनी

अजय घोष का जन्म 20 फरवरी 1909 ई. को चित्तरंजन, बंगाल में हुआ था।

उनके पिता का नाम शचीन्द्र नाथ घोष था, जोकि कानपुर के प्रतिष्ठित चिकित्सक थे।

उनकी माता का नाम सुधान्शु बाला था। अजय चार भाई और दो बहन थे।

शिक्षा

अजय घोष की शिक्षा पहले कानपुर फिर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई।

अजय घोष ने इलाहाबाद से बीएससी पास किया था।

क्रांतिकारी जीवन

अजय घोष 1923 में सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, बटुकेश्वर दत्त आदि के सम्पर्क में आये और क्रांतिकारी दल ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकेशन एसोसिएशन के सदस्य बन गए।

1928 में सांडर्स की हत्या और 1929 में केंद्रीय असेम्बली में बम फेंकने के बाद जब द्वितीय लाहौर षड्यंत्र केस के नाम से भगत सिंह आदि पर मुकदमा चला तो उस मुक्कदमे में अभियुक्त अजय घोष भी सम्मिलित थे, लेकिन उनके विरुद्ध पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण बाद में वे रिहा कर दिये गये।

कम्युनिस्ट नेता

अजय घोष विचाराधीन कैदी के रूप में जेल में रहने के कारण कम्युनिस्ट विचारों के सम्पर्क में आए। 1931 की कराची कांग्रेस में उनका सुभाष चंद्र बोस से भी परिचय हुआ।

फिर भी उनके ऊपर सबसे अधिक प्रभाव कम्युनिष्ट नेता श्रीनिवास सर देसाई का पड़ा और वे भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी में सम्मिलित हो गये।

1936 में अजय घोष कम्युनिष्ट पार्टी की पोलितब्यूरो के सदस्य बने और 1951 से 1952 तक पार्टी जनरल सेक्रेटरी रहे। वे पार्टी के प्रमुख पत्र ‘दि नेस्शनल फ्रंट’ के संपादकीय मंडल में भी थे और उन्होंने कई पुस्तिकाएं भी लिखीं।

मृत्यु – अजय घोष की जीवनी

अजय घोष की मृत्यु 11 जनवरी, 1962 को क्षय रोग के कारण हुई।

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