जीवनी हिंदी

अल्का याग्निक की जीवनी – Alka Yagnik Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अल्का याग्निक की जीवनी – Alka Yagnik Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अल्का याग्निक की जीवनी – Alka Yagnik Biography Hindi

अल्का याग्निक की जीवनी
अल्का याग्निक की जीवनी

(English – Alka Yagnik) अल्का याग्निक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायिका है।

उन्होने 6 साल की उम्र में ऑल इंडिया रेडियों के लिए भजन गाए।

1980 में अल्का ने अपना पहला गाना पायल की झनकार के लिए गाया।फिल्म तेजाब के एक-दो-तीन गाने सहित 7 बार फिल्म फेयर पुरस्कार जीते।

वे सामाजिक कार्यो से जुड़ी हुई। उन्होने कई भाषाओं की सात सौ से ज्यादा फिल्मों में करीब 20 हजार गाने गाए है।

वे संगीत से जुड़े कई कार्यक्रमों में जज रही।  उन्होने कुमार शानू और उदित नारायण के साथ कई रोमांटिक गाने गाये।

संक्षिप्त विवरण

 

नामअल्का
पूरा नामअल्का याग्निक
जन्म20 मार्च 1966
जन्म स्थानकोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
पिता का नाम –
माता का नामशुभा याग्निक
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति याग्निक

जन्म

Alka Yagnik का जन्म 20 मार्च 1966 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था।

उनकी माता का नाम शोभा याज्ञिक गायक थीं।

अलका 1989 मे नीरज कपूर से शादी की हैं। उनकी बेटी का नाम सैशा कपूर है।

शिक्षा – अल्का याग्निक की जीवनी

अल्का ने अपने पढ़ाई मॉडर्न हाइ स्कूल फॉर गर्ल्स कलकत्ता से की। घर में संगीत का माहौल होने के कारण अल्का की रूचि भी संगीत की ओर हो गई।

करियर

अलका ने अपने करियर की शुरूआत 6 साल की उम्र में ऑल इंडिया रेडियों के लिए भजन गाए।

10 वर्ष की उम्र में अपनी मा के साथ मुंबई आ गयी।

मुंबई मे निर्माता निर्देशक राजकपूर से मिली, जिन्होंने उनकी आवाज से प्रभावित होकर उन्हें संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल से मिलने की सलाह दी।

1980 में अल्का ने अपना पहला गाना पायल की झनकार के लिए गाया।

बतौर सिंगर अलका याज्ञनिक के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी की जब उन्होने गायन को अपना कॅरियर चुना तो उनके सामने भारत की सुर कोकिला लता मंगेशकर और आशा भोसले थी। लेकिन अलका ने भी इन सबके बीच अपने आप को प्रसिद्ध करने की ठान ली थी।

अलका ने अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म “लावारिस” में “मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है” गाया, जो जबरदस्त हिट हुआ। लगभग आठ वर्ष तक मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में फिल्म “तेजाब” में अपने गीत “एक दो तीन” की सफलता के बाद वह पाश्र्वगायिका के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गई।

वर्ष 1989 में अलका ने फिल्म “कयामत से कयामत तक” में उदित नारायण के साथ “ऎ मेरे हमसफर”, “अकेले है तो क्या गम है” और “गजब का है दिन सोचो जरा” जैसे सुपरहिट युगल गीत गा ए।

1994 से 2012 तक

इन फिल्मों की सफलता के बाद अलका को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। वर्ष 1994 में फिल्म “हम है राही प्यार के” के सॉन्ग के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

इसके बाद 1999 में प्रदर्शित फिल्म “कुछ कुछ होता है” के लिए भी उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

फिल्म तेजाब के एक-दो-तीन गाने सहित 7 बार फिल्म फेयर पुरस्कार जीते।

उन्होने कई भाषाओं की सात सौ से ज्यादा फिल्मों में करीब 20 हजार गाने गाए है।

वे संगीत से जुड़े कई कार्यक्रमों में जज रही।  उन्होने कुमार शानू और उदित नारायण के साथ कई रोमांटिक गाने गाये।

2012 में, हिंदी सिनेमा के 100 सालों के दौरान, फिल्म ताल के गीत ‘ताल से ताल मिला’ को ‘देसी मार्टिनी’, हिंदुस्तान टाइम्स फीवर 104 के द्वारा किए गए एक पोल में सर्वाधिक मत मिले।

गाने

पुरस्कार – अल्का याग्निक की जीवनी

15 फरवरी 2000 को उन्हें नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति के आर नारायणन द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

उन्होंने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, सात फिल्मफेयर पुरस्कार, तीन ज़ी सिने पुरस्कार, इत्यादि जीते हैं।

इसे भी पढ़े – सीमा समृद्धि कुशवाहा की जीवनी – Seema Samruddhi Kushwaha Biography Hindi

Exit mobile version