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अमोल पालेकर की जीवनी – Amol Palekar Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अमोल पालेकर की जीवनी – Amol Palekar Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अमोल पालेकर की जीवनी – Amol Palekar Biography Hindi

अमोल पालेकर की जीवनी - Amol Palekar Biography Hindi

अमोल पालेकर भारतीय अभिनेता और निर्देशक है।

उन्होने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में मराठी फिल्म से की थी। इसके बाद वह बॉलीवुड में आए।

1974 में आई फिल्म रजनीगंधा से दर्शकों के दिल पर छा गए। यही से मिडल क्लास के हीरो के तौर पर पहचान बनी।

अमोल ने बतौर निर्देशक कई फिल्में बनाई, जिनमें कच्ची धूप, नकाब और पहेली शामिल है।

पालेकर एक अच्छे पेंटर भी है। वे ज्यादातर फिल्मों में मध्यवर्गीय समाज के नायक का प्रतिनिधित्व करते दिखे। उन्होंने ऐक्टर के रूप में चितचोर, घरौंदा, मेरी बीवी की शादी, बातों-बातों में, गोलमाल, नरम-गरम, श्रीमान-श्रीमती जैसी कई यादगार फिल्में दीं।

1980 में उन्हे गोलमाल फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

जन्म

अमोल पालेकर का जन्म 24 नवंबर 1944 को मुंबई, भारत में हुआ था।

शिक्षा

अमोल पालेकर ने मुंबई के जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट से शिक्षा प्राप्त की की।

उनका पढ़ाई के साथ-साथ थियेटर की ओर भी  काफी रुझान था।

करियर – अमोल पालेकर की जीवनी

उन्होने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1971 में मराठी फिल्म से की थी। इसके बाद वह बॉलीवुड में आए।

थियेटर में करियर के लिए संघर्ष करने के साथ ही उन्होने एक बैंक में क्लर्क का काम भी कर रहे थे।

उनकी पहली हिंदी फ़िल्म ‘रजनीगंधा’ की सफलता ने उन्हें इसी तर्ज की कई कम बजट वाली कॉमेडी फ़िल्में दिलाई।

1974 में आई फिल्म रजनीगंधा से  वे दर्शकों के दिल पर छा गए।

यही से मिडल क्लास के हीरो के तौर पर उन्हे पहचान बनी। बासु चटर्जी और ऋषिकेश मुखर्जी की ‘चितचोर’,
‘छोटी सी बात’ तथा ‘गोलमाल’ 70’ के दशक की सफल कॉमेडी फ़िल्में रहीं।

अमोल पालेकर सशक्त और हल्के गुदगुदाते सभी भूमिकाओं में फिट जल्दी ही सिनेमा जगत में जाना-माना नाम बन गए। भीमसेन की ‘घरौंदा’, श्याम बेनेगल की ‘भूमिका’ और कुमार साहनी की ‘तंरग’ अमोल के अभिनय बहुआयामी कला छवि को दर्शाती हैं। अमोल ने बतौर निर्देशक कई फिल्में बनाई, जिनमें कच्ची धूप, नकाब और पहेली शामिल है।

पालेकर एक अच्छे पेंटर भी है। वे ज्यादातर फिल्मों में मध्यवर्गीय समाज के नायक का प्रतिनिधित्व करते दिखे। उन्होंने ऐक्टर के रूप में चितचोर, घरौंदा, मेरी बीवी की शादी, बातों-बातों में, गोलमाल, नरम-गरम, श्रीमान-श्रीमती जैसी कई यादगार फिल्में दीं।

फिल्में

अक्स – 2001तीसरा कौन – 1994बात बन जाये – 1986
खामोश – 1985झूठी – 1985अनकही – 1985
दमी और औरत – 1984तरंग – 1984रंग बिरंगी – 1983
प्यासी आँखें – 1983जीवन धारा – 1982रामनगरी – 1982
श्रीमान श्रीमती – 1982नरम गरम – 1981समीरा – 1981
अग्नि परीक्षा – 1981चेहरे पे चेहरा – 1981आँचल – 1980
अपने पराये – 1980गोल माल – 1979मेरी बीवी की शादी – 1979
दो लड़के दो कड़के – 1979बातों बातों में – 1979जीना यहाँ – 1979
दामाद – 1978भूमिका – 1977सफेद झूठ – 1977
अगर – 1977घरौंदा – 1977टैक्सी टैक्सी – 1977
चितचोर – 1976छोटी सी बात – 1975रजनीगंधा – 1974

पुरस्कार – अमोल पालेकर की जीवनी

  • उन्हे पहला राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार फ़िल्म ‘दायरा’ (1996) के लिए दिया गया।
  • पारिवारिक उत्थान के क्षेत्र में निर्देशित फ़िल्म ‘कल का आदमी’ के लिए  उन्हे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।
  • 1980 में उन्हे गोलमाल फिल्म के लिए फिल्म फेयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

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Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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