आज इस आर्टिकल में हम आपको अमृतलाल नागर की जीवनी – Amritlal Nagar Biography Hindi के बारे में बताएगे।
अमृतलाल नागर की जीवनी – Amritlal Nagar Biography Hindi
अमृतलाल नागर हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक थे।
उन्होंने एक लेखक और पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन वे 7 साल तक भारतीय फिल्म उद्योग में एक सक्रिय लेखक बने रहे।
उन्होंने दिसंबर 1953 और मई 1956 के बीच ऑल इंडिया रेडियो में एक ड्रामा प्रोड्यूसर के रूप में काम किया। उन्होंने नाटक, रेडियोनाटक, रिपोर्ताज, निबन्ध, संस्मरण, अनुवाद, बाल साहित्य आदि के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्हें साहित्य जगत् में उपन्यासकार के रूप में सर्वाधिक ख्याति प्राप्त हुई तदापि उनका हास्य-व्यंग्य लेखन कम महत्वपूर्ण नहीं है। उन्हे साहित्य अकादमी, सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार, बटुक प्रसाद पुरस्कार तथा सुधाकर रजत पदक जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
जन्म
अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त 1916 को गोकुलपुरा, आगरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
उनके पिता का नाम पण्डित राजाराम नागर था तथा उनकी माता का नाम विद्यावती नागर था।
उन्होंने 31 जनवरी 1932 को प्रतिभा से शादी की।
प्रतिभा का वास्तविक नाम सावित्री देवी उर्फ बिट्टो था।
उनके चार बच्चे थे उनके नाम कुमुद नगर, शरद नगर, डॉ. अचला नागर और श्रीमती आरती पंड्या है।
शिक्षा – अमृतलाल नागर की जीवनी
अमृतलाल नागर ने हाईस्कूल तक शिक्षा प्राप्त की। लेकिन निरन्तर स्वाध्याय द्वारा उन्होंने साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्व, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों पर तथा हिन्दी, गुजराती, मराठी, बांग्ला एवं अंग्रेज़ी आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया।
करियर
उन्होंने पहली बार दिसंबर 1928 में पाक्षिक आनंद में एक कविता प्रकाशित की थी। यह कविता साइमन कमीशन के विरोध से प्रेरित थी जिसमें अमृतलाल को लाठी चार्ज के दौरान चोट लगी थी।
अमृतलाल नागर एक लेखक और पत्रकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की,कुछ समय तक मुक्त लेखन एवं 1940 से 1947 ई. तक कोल्हापुर में हास्यरस के प्रसिद्ध पत्र ‘चकल्लस’ के सम्पादन का कार्य किया।
इसके बाद बम्बई एवं मद्रास के फ़िल्म क्षेत्र में लेखन का कार्य किया।
लेकिन वे 7 साल तक भारतीय फिल्म उद्योग में एक सक्रिय लेखक बने रहे।
उन्होंने दिसंबर 1953 और मई 1956 के बीच ऑल इंडिया रेडियो में एक ड्रामा प्रोड्यूसर के रूप में काम किया।
उसके कुछ समय बाद स्वतंत्र लेखन का कार्य किया।
मुख्य कृतियाँ
उपन्यास
बूँद और समुद्र – 1956 | सुहाग के नुपूर – 1960 | शतरंज के मोहरे – 1959 |
अमृत और विष – 1966 | सात घूँघट वाला मुखड़ा – 1968 | एकदा नैमिषारण्ये – 1972 |
मानस का हंस – 1973 | नाच्यौ बहुत गोपाल – 1978 | खंजन नयन – 1981 |
बिखरे तिनके – 1982 | अग्निगर्भा – 1983 | करवट – 1985 |
पीढ़ियाँ – 1990 |
- महाकाल – 1947-1970 से ‘भूख’ शीर्षक प्रकाशित हुई
कहानी संग्रह
वाटिका – 1935 | अवशेष – 1937 | तुलाराम शास्त्री – 1941 |
आदमी, नही! नही! – 1947 | पाँचवा दस्ता – 1948 | एक दिल हजार दास्ताँ – 1955 |
एटम बम – 1956 | पीपल की परी – 1963 | कालदंड की चोरी – 1963 |
मेरी प्रिय कहानियाँ – 1970 | पाँचवा दस्ता और सात कहानियाँ – 1970 | भारत पुत्र नौरंगीलाल – 1972 |
सिकंदर हार गया – 1982 |
- एक दिल हजार अफसाने – 1986 – लगभग सभी कहानियों का संकलन
नाटक
युगावतार – 1956 | बात की बात – 1974 | चंदन वन – 1974 |
चक्करदार सीढ़ियाँ और अँधेरा – 1977 | उतार चढ़ाव – 1977 | नुक्कड़ पर – 1981 |
चढ़त न दूजो रंग – 1982 |
व्यंग्य
नवाबी मसनद – 1939 | सेठ बाँकेमल – 1944 | कृपया दाएँ चलिए – 1973 |
हम फिदाये लखनऊ – 1973 | मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ – 1985 | चकल्लस – 1986 |
अन्य कृतियाँ
- गदर के फूल – 1957 – 1857 की इतिहास-प्रसिद्ध क्रांति के संबंध में महत्त्वपूर्ण सर्वेक्षण
- ये कोठेवालियाँ – 1960 – वेश्याओं की समस्या पर एक मौलिक एवं अनूठा सामाजिक सर्वेक्षण
- जिनके साथ जिया – 1973 – साहित्यकारों के संस्मरण
- चैतन्य महाप्रभु – 1978 – आत्मपरक लेखों का संकलन
- टुकड़े-टुकड़े दास्तान – 1986 – आत्मपरक लेखों का संकलन
- साहित्य और संस्कृति – 1986 – साहित्यिक एवं ललित निबंधों का संकलन
- अमृत मंथन – 1991 – अमृतलाल नागर के साक्षात्कार, संपादक : डॉ. शरद नागर एवं डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी
- अमृतलाल नागर रचनावली – संपादक : डॉ. शरद नागर, 12 खंडों में, 1992
- फिल्मक्षेत्रे रंगक्षेत्रे – 2003 – नागरजी के फिल्म, रंगमंच तथा रेडियो नाटक संबंधी लेखों का संकलन
- अत्र कुशलं, तत्रास्तु – 2004 – नागरजी एवं रामविलास शर्मा के व्यक्तिगत पत्राचार का संग्रह
बाल साहित्य – अमृतलाल नागर की जीवनी
नटखट चाची – 1941 | निंदिया आजा – 1950 | बजरंगी नौरंगी – 1969 |
बजरंगी पहलवान – 1969 | बाल महाभारत – 1971 | इतिहास झरोखे – 1970 |
बजरंग स्मगलरों के फंदे में – 1972 | हमारे युग निर्माता – 1982 | छ: युग निर्माता – 1982 |
अक्ल बड़ी या भैंस – 1982 | आओ बच्चों नाटक लिखें – 1988 | सतखंडी हवेली का मालिक – 1990 |
फूलों की घाटी – 1997 | बाल दिवस की रेल – 1997 | सात भाई चंपा – 1998 |
इकलौता लाल – 2001 | साझा – 2001 | सोमू का जन्मदिन – 2001 |
शांति निकेतन के संत का बचपन – 2001 | त्रिलोक विजय – 2001 |
अनुवाद
- बिसाती – 1935 – मोपासाँ की कहानियाँ
- प्रेम की प्यास – 1937 – गुस्ताव फ्लाबेर के उपन्यास ‘मादाम बोवरी’ का संक्षिप्त भावानुवाद
- काला पुरोहित – 1939 – एंटन चेखव की कहानियाँ
- आँखों देखा गदर – 1948 – विष्णु भट्ट गोडसे की मराठी पुस्तक ‘माझा प्रवास’ का अनुवाद
- दो फक्कड़ – 1955 – कन्हैयालाल माणिकलाल मुन्शी की तीन गुजराती नाटक
- सारस्वत – 1956 – मामा वरेरकर के मराठी नाटक का अनुवाद
संपादन
- सुनीति – 1934
- सिनेमा समाचार – 1935-36
- अल्लाह दे – 20 दिसंबर, 1937 से 3 जनवरी 1938, साप्ताहिक
- चकल्लस – फरवरी, 1938 से 3 अक्टूबर, 1938, साप्ताहिक
- नया साहित्य – 1945
- सनीचर – 1949
- प्रसाद – 1953-54
पुरस्कार – अमृतलाल नागर की जीवनी
- अमृत लाल नागर जी को ‘बूँद’ और ‘समुद्र’ पर काशी नागरी प्रचारिणी सभा का बटुक प्रसाद पुरस्कार एवं सुधाकर रजत पदक से सम्मानित किया गया।
- सुहाग के नूपुर पर उत्तर प्रदेश शासन का ‘प्रेमचन्द पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
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- ‘अमृत और विष’ पर साहित्य अकादमी का 1967 का पुरस्कार एवं सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से नवाजा गया।
- भारत सरकार द्वारा 1982 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
मृत्यु
अमृतलाल नागर जी की मृत्यु 23 फ़रवरी, 1990 ई. को लखनऊ में हुई थी।
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