अमृतलाल वेगड़ की जीवनी – Amritlal Vegad Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अमृतलाल वेगड़ की जीवनी – Amritlal Vegad Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अमृतलाल वेगड़ की जीवनी – Amritlal Vegad Biography Hindi

अमृतलाल वेगड़ की जीवनी
अमृतलाल वेगड़ की जीवनी

(English – Amritlal Vegad)अमृतलाल बेगड़ प्रसिद्ध हिन्दी व गुजराती साहित्यकार, चित्रकार और नर्मदा प्रेमी थे।

उन्होने  नर्मदा  संरक्षण में बड़ी भूमिका निभाई।

उन्होने 1977 में  50 साल व 2002 में 75 साल की उम्र नर्मदा की परिक्रमा की।

उनकी अमृतस्य नर्मदा, तीरे- तीरे  नर्मदा,  नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो व सौंदर्य की
नदी नर्मदा को काफी प्रसिद्धि मिली।

उन्हे साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

संक्षिप्त विवरण

 

नाम अमृतलाल बेगड़
पूरा नाम अमृतलाल बेगड़
जन्म 3 अक्टूबर 1928
जन्म स्थान जबलपुर, मध्य प्रदेश
पिता का नाम
माता का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति

जन्म – अमृतलाल वेगड़ की जीवनी

अमृतलाल बेगड़ का जन्म 3 अक्टूबर 1928 को जबलपुर, मध्य प्रदेश में हुआ था।

शिक्षा

Amritlal Vegad ने 1948 से 1953 तक शांति निकेतन में कला का अध्ययन किया।

नर्मदा की पदयात्रा

अमृतलाल बेगड़ उन चित्रकारों और साहित्यकारों में से थे, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए उल्लेखनीय काम किया। नर्मदा नदी की चार हज़ार कि.मी. की पदयात्रा उन्होंने की और नर्मदा अंचल में फैली बेशुमार जैव विविधता से दुनिया को वाक़िफ कराया।

47 साल की उम्र में 1977 में उन्होंने नर्मदा की परिक्रमा करना शुरू किया था और 2009 तक ये क्रम जारी रहा। उन्होने 1977 में  50 साल की उम्र मेंनर्मदा की परिक्रमा करना शुरू किया था व 2002 में 75 साल की उम्र नर्मदा की परिक्रमा की।

लेखन कार्य

अमृतलाल बेगड़ की हिंदी की प्रसिद्ध किताब- ‘नर्मदा की परिक्रमा’ है, जो उन्होंने नर्मदा परिक्रमा के दौरान हुए अनुभव के आधार पर लिखी थी। नर्मदा के हर भाव और अनुभव को बेगड़ साहब ने अपने चित्रों और साहित्य में उतारा।

उन्होंने गुजराती में सात, हिन्दी में तीन किताबें लिखीं- ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा, ‘अमृतस्य नर्मदा’, ‘तीरे-तीरे नर्मदा’। साथ ही 8-10 पुस्तकें बाल साहित्य पर भी लिखीं। इन पुस्तकों के पाँच भाषाओं में तीन-तीन संस्करण निकले। कुछ का विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका है।उन्‍होंने नर्मदा पर चार किताबें लिखीं. जिनमें ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’ काफी प्रसिद्ध है. इसके अलावा ‘अमृतस्य नर्मदा’, ‘तीरे-तीरे नर्मदा’ और ‘नर्मदा तुम कितनी सुंदर हो’ भी प्रकाशित हुई थी.

पुरस्कार – अमृतलाल वेगड़ की जीवनी

नर्मदा नदी के प्रति उनकी गहरी आस्था थी। यही वजह है कि उनकी नर्मदा वृतांत की तीन पुस्तकें हिंदी, गुजरती, मराठी, बंगला, अंग्रेज़ी और संस्कृत में प्रकाशित हुईं।गुजराती और हिंदी में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ और ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार’ जैसे अनेक राष्ट्रीय पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया था।

उनके द्वारा लिखित ‘सौंदर्य की नदी नर्मदा’ प्रसिद्ध पुस्तक है।

2018 में ‘माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय’ के दीक्षांत समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा मानक उपाधि अमृतलाल को प्रदान की गयी थी। उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण जबलपुर में उनके निवास पर एक सादे समारोह में उपाधि प्रदान की गयी थी।

निधन

अमृतलाल बेगड़ का निधन 90 वर्ष की आयु में 6 जुलाई 2018 को जबलपुर में हुई थी।

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