अनुपम खेर की जीवनी – Anupam Kher Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको अनुपम खेर की जीवनी – Anupam Kher Biography Hindi के बारे में बताएगे।

अनुपम खेर की जीवनी – Anupam Kher Biography Hindi

अनुपम खेर की जीवनी
अनुपम खेर की जीवनी

(English – Anupam Kher) अनुपम खेर भारतीय फिल्म अभिनेता है।

उन्होने डीएवी स्कूल शिमला से शिक्षा प्राप्त की। 1978 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा नई दिल्ली से स्नातक किया।

उन्होने 1984 में फिल्म सारांश में 28 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया। वे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्युट ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे।

अनुपम खेर ने अभी तक 500 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।

उन्होंने हॉलीवुड की फिल्मों में उल्लेखनीय अभिनय किया है जिसमें से “बेंड इट लाइक बेकहम” (2002), “लस्ट कॉशन” (2007) और “सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक” (2012), इत्यादि शामिल हैं।डैडी और मैंने गांधी को नहीं मारा फिल्मों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।

आठ फिल्मफेयर और पद्मभूषण मिला।

संक्षिप्त विवरण

 

नाम अनुपम
पूरा नाम अनुपम खेर
जन्म 7 मार्च 1955
जन्म स्थान शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत
पिता का नाम  पुष्करनाथ खेर
माता का नाम दुलारी खेर
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिन्दू
जाति खेर

जन्म

अनुपम खेर का जन्म 7 मार्च 1955 को शिमला, हिमाचल प्रदेश, भारत में हुआ था।

उनके पिता का नाम पुष्करनाथ खेर जोकि वन विभाग में क्लर्क थे तथा उनकी माता का नाम दुलारी खेर है।

अनुपम खेर के छोटे भाई का नाम राजू खेर है जोकि अभिनेता है।

उनकी पहली पत्नी का नाम मधुमालती तथा इसके बाद 1985 में उन्होने किरण खेर से विवाह किया।

उनके बेटे का नाम सिकंदर खेर है।

 

शिक्षा – अनुपम खेर की जीवनी

Anupam Kher की प्रारंभिक शिक्षा डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल शिमला से प्राप्त की।

1978 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा नई दिल्ली से स्नातक किया।

वे नेशनल स्‍कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र व पूर्व अध्‍यक्ष भी रहे हैं।

करियर

अपने फिल्मी करियर की शुरुआत अनुपम खेर ने 1982 में ‘आगमन’ नामक फिल्म से की थी लेकिन 1984 में आई ‘सारांश’ उनकी पहली हिट फिल्म मानी जाती है।

उन्होने 1984 में फिल्म सारांश में 28 साल के बुजुर्ग का किरदार निभाया। मुंबई में अपने अभिनय के संघर्ष के दिनों में वह रेलवे स्टेशन के एक प्लेटफार्म पर सोते थे।

2016 में, अनुपम खेर ने एबीपी न्यूज डॉक्यूमेंटरी भारतवर्ष (टीवी सीरीज) में सुनाई,जो प्राचीन भारत से 19वीं शताब्दी की यात्रा का वर्णन करता है।

अनुपम खेर ने अभी तक 500 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है।

उन्होंने हॉलीवुड की फिल्मों में उल्लेखनीय अभिनय किया है जिसमें से “बेंड इट लाइक बेकहम” (2002), “लस्ट कॉशन” (2007) और “सिल्वर लाइनिंग्स प्लेबुक” (2012), इत्यादि शामिल हैं।

अनुपम खेर ने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा (एनएसडी) और सेंसर बोर्ड ऑफ इंडिया दोनों में अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।

2005 में उन्होने“Actor Prepares” नामक एक अभिनय स्कूल की नींव रखी।

वर्ष 2007 में, अनुपम खेर ने एनएसडी के सहपाठी सतीश कौशिक के साथ मिलकर एक नई फिल्म प्रोडक्शन कंपनी “करोल बाग प्रोडक्शन” की शुरुआत की।

2007 में अनुपम खैर अपने साथियों एनएसडी, सतीश कौशिक जैसी फिल्मे की। दोनों ने मिलकर करोल बाग़ प्रोडक्शन की स्थापना की और उनकी पहले फिल्म तेरे संग थी, जिसे सतीश कौशिक ने ही डायरेक्ट किया था।

2008 से 2010 तक

2010 में उनको प्रथम शिक्षा फाउंडेशन के सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया, जो भारत में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।

2011 में उन्होंने मोहनलाल और जयाप्रदा के साथ मिलकर मलयालम भाषा में रोमांटिक ड्रामा प्राणायाम शुरू किया।

खैर के अनुसार प्राणायाम उनके जीवन की 7 सबसे पसंदीदा फिल्मो में से एक है।

उन्होंने बहुत से मराठी फिल्मे भी की है जिनमें मुख्य रूप से तुझा… थोडा माझा, कशाला उद्याची बात और मलयालम भाह्सा की रोमांटिक ड्रामा फिल्मे भी शामिल है।

2009 में खैर ने कार्ल फ्रेडरिक्क्सन को डिज्नी पिक्सर 3डी एनीमेशन फिल्म के लिये अपना आवाज़ भी दिया था।

उन्होंने ब्रिटिश फिल्म शोंग्राम करना शुरू कर दी। जो एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है और 1971 के बांग्लादेश लिबरेशन युद्ध पर आधारित है।

2010 में उनको प्रथम शिक्षा फाउंडेशन के सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया, जो भारत में बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने का प्रयास करती है।Anupam Kher ने कई शो की मेजबानी की जैसे कि सवाल दस करोड़ का, Say Na Something to Anupam Uncle, द अनुपम खेर शो- कुछ भी हो सकता है आदि।

फिल्में – अनुपम खेर की जीवनी

  • 2018 अय्यारी
  • 2007 गाँधी पार्क, दस कहानियाँ, दिलरुबा, जाने भी दो यारों, गौरी, लागा चुनरी में दाग
  • 2006 चुप चुप के, खोसला का घोसला, शादी से पहले, अपना सपना मनी मनी, विवाह, उमर, आप की खातिर, प्रतीक्षा, जानेमन
  • 2005 हम जो कह ना पाये, पहेली, यारां नाल बहारां, क्या कूल हैं हम
  • 2003 एक अलग मौसम
  • 2002 कोई मेरे दिल से पूछे
  • 2000 शिकार, कहो ना प्यार है
  • 1999 हसीना मान जायेगी
  • 1998 बड़े मियाँ छोटे मियाँ
  • 1995 दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
  • 1993 डर
  • 1992 नागिन और लुटेरे, बेटा, शोला और शबनम, खेल
  • 1991 त्रिनेत्र
  • 1990 नेहरू, दिल
  • 1989 निशानेबाज़ी , राम लखन, त्रिदेव
  • 1988 मेरे बाद
  • 1986 कर्मा
  • 1985 मिसाल
  • 1984 सारांश

विवाद

  • मई 2016 में, अनुपम खेर ने 1990 के पलायन के दौरान मारे जाने वाले कश्मीरी पंडितों के एक कोलाज को साझा करते हुए ट्विटर पर एक ट्वीट किया और कहा कि “हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ‘पोस्टर ब्वॉय’ बुर्हान वानी की हत्या पर सभी शोक व्यक्त करते हैं जो एक आतंकवादी था। लेकिन किसी ने भी वर्ष 1990 में पलायन के दौरान मारे जाने वाले पंडितों पर शोक व्यक्त नहीं किया।” जिससे उन्हें कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पडा।
  •  जनवरी 2016 में, पद्मा पुरस्कार विजेताओं की सूची में अपना नाम देखने के बाद अनुपम खेर और कादर खान के मध्य काफी कहासुनी हुई। खान ने उद्धृत करते हुए कहा, “अनुपम खेर ने पद्म भूषण प्राप्त करने के लिए क्या किया है?”

पुरस्कार – अनुपम खेर की जीवनी

  • 1985 में उन्हे फिल्म सारांश के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से नवाजा गया।
  • 1996 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के लिए मिला
  • उन्हे 1993 में फिल्म खेल फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार से सम्मानित किया।
  • 1994 में उन्हे फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता पुरस्कार फिल्म डर के लिए नवाजा गया।
  • उन्‍हें फिल्‍म ‘डैडी’ और ‘मैंने गांधी को न‍हीं मारा’ के लिए राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कार भी मिल चुका हैा
  • भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए अनुपम खेर को वर्ष 2004 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2016 में उन्हे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

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