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अनुराधा पौडवाल की जीवनी – Anuradha Paudwal Biography Hindi

अनुराधा पौडवाल (English – Anuradha Paudwal) हिन्दी सिनेमा की एक प्रमुख पार्श्वगायिका हैं। वे 1990 के दशक में काफी लोकप्रिय रहीं।

अनुराधा पौडवाल की जीवनी – Anuradha Paudwal Biography Hindi

Anuradha Paudwal Biography Hindi
Anuradha Paudwal Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण

नामअनुराधा पौडवाल
पूरा नामअनुराधा पौडवाल
जन्म27 अक्टूबर 1954
जन्म स्थानअल्मोड़ा, उत्तरांचल
पिता का नाम
माता का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति

जन्म

अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्टूबर 1954 को करवार, उत्तर कन्नड जिला, कर्नाटक के एक कोंकणी परिवार में हुआ था। लेकिन उनका पालन-पोषण मुंबई में हुआ था। उनका विवाह अरुण पौडवाल से हुआ जो कि प्रसिद्ध संगीतकार एसडी बर्मन के सहायक थे। अरुण एक संगीतकार थे। नब्बे के दशक में अनुराधा पौडवाल अपने करियर के शिखर पर थीं, उसी समय उनके पति अरुण की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उनके एक बेटा आदित्य पौडवाल और बेटी कविता पौडवाल है। उनके बेटे आदित्य पौडवाल का 12 सितंबर 2020 को महज 35 साल की उम्र में किडनी की दिक्कत से निधन हो गया।

करियर

Anuradha Paudwal  ने अपने करियर की शुरुआत 1973 में फिल्म अभिमान (अमिताभ बच्चन, जया बच्चन) से की थी, जिसमे उन्होने एक श्लोक गीत गया था। 1976 में उन्हे कालीचरण मे गाने का मौका मिला पर उनके एकल गाने की शुरुआत हुई फिल्म आप बीती (हेमा मालिनी, शशि कपूर) से। इस फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने दिया जिनके साथ अनुराधा ने और भी कई प्रसिद्ध गाने गाए। उन्होने और संगीतकारों (राजेश रोशन, जे देव, कल्याणजी आनांदजी) के साथ भी अच्छी जोड़ी बनाई। अनुराधा ने कभी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण नही लिया ये कहते हुए की उन्होने कई बार कोशिश की पर बात नही बनी। उन्होने लताजी को सुनते सुनते और खुद घंटो अभ्यास करते करते ही अपने सुर बनाए।

अनुराधा को फिल्म हीरो के गानो की सफलता के बाद लोकप्रियता मिली और उनकी गिनती शीर्ष गायिकाओं में की जाने लगी| इस फिल्म मे उन्होने लक्षिकांत-प्यारेलाल के साथ जोड़ी बनाई। हीरो की सफलता के बाद इस जोड़ी ने कई और फिल्मों मे सफल गाने दिए जैसे मेरी जंग, बटवारा, राम लखन और आखरी में तेज़ाब। इसके बाद उन्होने टी-सीरीज़ के गुलशन कुमार के साथ हाथ मिलाया और कई नये चेहरों को बॉलीवुड में दाखिला दिलाया। इनमे से कुछ हैं उदित नारायण, सोनू निगम, कुमार सानू, अभिजीत, अनु मलिक और नदीम श्रवण।

विवाद

  • अनुराधा पौडवाल को अपनी सफलता के साथ कुछ विवादों का भी सामना करना पड़ा। उनके पति अरुण की मृत्यु के बाद उनके और गुलशन कुमार के रिश्तों पर अफवाहें उड़ने लगीं वहीं अपनी सफलता के चरम पर उन्होने सिर्फ़ टी-सीरीज़ के साथ काम करने का एलान कर दिया जिसका फायदा अल्का याग्निक को मिला। अनुराधा पौडवाल ने फिल्मों से हटकर भक्ति गीतों पर ध्यान देना शुरू किया और इस क्षेत्र में बहुत से सफल भजन गाए। कुछ समय तक काम करने के बाद उन्होने एक विश्राम ले लिया और 5 साल बाद फिर पार्श्व गायन में आ गयीं हालाँकि उनका लौटना उनके लिए बहुत सफल साबित नही रहा।
  • वह विवादों में तब आईं, जब उन्होंने लोकप्रिय पार्श्व गायिका लता मंगेशकर को चुनौती दी और दावा किया कि “उन्होंने एक दिन में अधिकतम संख्या में गाने रिकॉर्ड किए हैं।”

पुरस्कार

  • उन्हे 1986 में  गीत “मेरे मैन बाजो मृदंग” के लिए सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर (महिला) के रूप में फ़िल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • अनुराधा पौडवाल को 1991 में ‘नज़र के सामने’ (फिल्म, आशिकी) और ‘दिल है की मानता नहीं’ (फिल्म, दिल है की मानता नहीं) गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर (मादा) के रूप में दो फिल्मफेयर पुरस्कार।
  • वर्ष 1993 में गीत “धक-धक करने लगा” (फिल्म बेटा) के लिए सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर (महिला) के रूप में फ़िल्मफेयर अवॉर्ड।
  • 2004 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ‘महाकाल पुरस्कार’ से सम्मान।
  • वर्ष 2010 में “लता मंगेशकर पुरस्कार” से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2011 में “मदर टेरेसा अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2016 में डी लिट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
  • अनुराधा पौडवाल को 2017 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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