आज इस आर्टिकल में हम आपको आरिफ मुहम्मद खान की जीवनी – Arif Mohammad Khan Biography Hindi के बारे में बताएगे।
आरिफ मुहम्मद खान की जीवनी – Arif Mohammad Khan Biography Hindi
आरिफ मुहम्मद खान एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा वर्तमान केरल के राज्यपाल हैं।
वे भारत के पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं।
उनके पास ऊर्जा से लेकर नागरिक उड्डयन तक के कई पोर्टफोलियो थे।
वह वर्तमान दुनिया के अनुसार धार्मिक विचारों को सुधारने में सक्रिय रूप से शामिल है।
वे 1984 की राजीव गांधी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे।
भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के आदेश से 1 सितंबर, 2019 को खान को केरल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है।
जन्म
आरिफ मुहम्मद खान 18 नवम्बर 1951 को बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश, भारत में हुआ था ।
उनकी पत्नी का नाम रेशमा आरिफ है।
खान और उनकी पत्नी रेशमा आरिफ शारीरिक रूप से विकलांग लोगों के लिए Samarpan चलाते हैं।
शिक्षा
आरिफ मुहम्मद खान ने जामिया मिलिया स्कूल, दिल्ली, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़ और शिया कॉलेज, लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त की थी।
करियर – आरिफ मुहम्मद खान की जीवनी
- आरिफ मुहम्मद खान ने एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
- वे 26 साल की उम्र में 1977 में यूपी की विधान सभा के सदस्य बने।
- वह वर्ष 1972 से 1973 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे और एक साल पहले में मानद सचिव भी बने थे।
- उन्होंने भारतीय क्रांति दल पार्टी के बैनर पर बुलंदशहर के सियाणा निर्वाचन क्षेत्र से पहला विधान सभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
- खान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 1980 में कानपुर और 1984 में बहराइच से लोकसभा के लिए चुने गए।
- 1986 में, उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बिल के पारित होने पर मतभेद के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ दी,जिसे लोकसभा में राजीव गांधी द्वारा संचालित किया गया था।
- वह तीन तालक कानून के खिलाफ थे और इस मुद्दे पर राजीव गांधी के साथ मतभेद के कारण इस्तीफा दे दिया।
- आरिफ मुहम्मद खान जनता दल में शामिल हो गए और 1989 में फिर से लोकसभा के लिए चुने गए।
- जनता दल के शासन के दौरान खान ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन और ऊर्जा मंत्री की सेवा की।
- उन्होंने जनता दल को बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने के लिए छोड़ दिया और 1998 में फिर
से बहराइच से लोकसभा में प्रवेश किया। - खान ने 1984 से 1990 तक मंत्री पद का दायित्व संभाला।
- 2004 में, वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और कैसरगंज निर्वाचन क्षेत्र से उस वर्ष भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा।
- खान ने गैर-पक्षपाती बने रहने के लिए 2007 में भाजपा छोड़ दी।
- भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के आदेश से 1 सितंबर, 2019 को खान को केरल
के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया है।
योगदान
शाहबानो मामला
मध्य प्रदेश के इंदौर निवासी शाहबानो को उनके पति मुहम्मद खान ने 1978 में तलाक दे दिया था।
पांच बच्चों की मां 62 वर्षीय शाहबानो ने गुजारा भत्ता पाने के लिए कानून की शरण ली।
मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और शीर्ष अदालत ने अपराध दंड संहिता की धारा 125 के अंतर्गत शाहबानो के हक में फैसला देते हुए मुहम्मद खान को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पुरजोर विरोध किया। कट्टरपंथियों के दबाव में राजीव गांधी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को मिलने वाले मुआवजे को निरस्त करते हुए एक साल के भीतर मुस्लिम महिला (तलाक में संरक्षण का अधिकार) अधिनियम, (1986) पारित कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया था।
पुस्तक – आरिफ मुहम्मद खान की जीवनी
पाठ और संदर्भ: कुरान और समकालीन चुनौतियां (Text and Context: Quran and Contemporary Challenges) – 2010
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