असद भोपाली (English – Asad Bhopali) बॉलीवुड के एक गीतकार हैं। उन्होने 1949 की फिल्म “दुनिया” के लिए दो गीत लिखे, जिन्हे मोहम्मद रफी (रोना है तो चुपके चुपके रो) और सुरैया (अरमान लूटे दिल टूट गया) की आवाज में रिकॉर्ड किया गया था।
असद भोपाली की जीवनी – Asad Bhopali Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण
नाम | असद भोपाली |
पूरा नाम, वास्तविक नाम | असादुल्लाह खान |
जन्म | 10 जुलाई 1921 |
जन्म स्थान | भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत |
पिता का नाम | मुंशी अहमद खान |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | मुस्लिम |
जाति | – |
जन्म
असद भोपाली का जन्म 10 जुलाई 1921 को भोपाल, मध्य प्रदेश, भारत में हुआ था। उनके पिता का नाम मुंशी अहमद खान था और असद उनकी पहली संतान थे। उनका जन्म नाम असादुल्लाह खान था।
असद की दो पत्नियां और नौ बच्चे थे, जिनमें से गालिब असद फिल्म उद्योग का हिस्सा हैं।
शिक्षा और करियर
उन्होंने फारसी, अरबी, उर्दू और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा प्राप्त की थी। असद अपनी शायरी के चलते धीरे धीरे असद भोपाली के नाम से मशहूर हो गये। 28 साल की उम्र में यह गीतकार बनने के लिए बंबई आ गये, लेकिन अपनी पहचान बनाने के लिए उन्हें पूरे जीवन संघर्ष करना पड़ा।
उन्होंने पहले पहल 1949 की फिल्म “दुनिया” के लिए दो गीत लिखे, जिन्हे मोहम्मद रफी (रोना है तो चुपके चुपके रो) और सुरैया (अरमान लूटे दिल टूट गया) की आवाज में रिकॉर्ड किया गया था। इन्हे प्रसिद्धि इनके बी. आर. चोपडा की फिल्म अफसाना के गीतों से मिली। असद ने अपने समय के सबसे प्रमुख संगीत निर्देशकों जैसे कि श्याम सुन्दर, हुस्नलाल-भगतराम, सी. रामचंद्र, खय्याम, धनी राम, मानस मुखर्जी, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, कल्याणजी-आनंदजी और हेमंत मुखर्जी के साथ काम किया है।
गीत
- दिल दीवाना बिन सजना के माने ना – मैंने प्यार किया
- कबूतर जा जा जा – मैने प्यार किया
- हम तुम से जुदा होक – एक सपेरा एक लुटेरा
- दिल का सूना साज़ – एक नारी दो रूप
- ऐ मेरे दिल-ए-नादां तू ग़म से न घबराना – टॉवर हाउस
- दिल की बातें दिल ही जाने – रूप तेरा मस्ताना
- हसीन दिलरुबा करीब आ ज़रा – रूप तेरा मस्ताना
- अजनबी तुम जाने पहचाने से लगते हो – हम सब उस्ताद हैं
- इना मीना डीका दाई डम नीका – आशा
- वो जब याद आये बहुत याद आये – पारसमणि
- हम कश्म-ए कशे गम से गुज़र क्यों नहीं जाते – फ्री लव
- प्यार बांटते चलो – हम सब उस्ताद हैं
- सुनो जाना सुनो जाना – हम सब उस्ताद हैं
- हंसता हुआ नूरानी चेहरा- पारसमणि
- मैने कह था आना संडे को – उस्तादों के उस्ताद
- पजामा तंग है कुर्ता ढीला – शिमला रोड
- आप की इनायतें आप के करम – वंदना
पुरस्कार
1990 में असद को उनके द्वारा फिल्म मैंने प्यार किया के लिए लिखे गीत कबूतर जा जा जा के लिए प्रतिष्ठित फिल्मफेयर पुरस्कार दिया गया, हालांकि, तब तक वह पक्षाघात होने से अपाहिज हो गये थे।
मृत्यु
Asad Bhopali की मृत्यु 9 जून 1990 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुई थी।