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आशुतोष दास की जीवनी – Ashutosh Dash Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको आशुतोष दास की जीवनी – Ashutosh Dash Biography Hindi के बारे में बताएगे।

आशुतोष दास की जीवनी – Ashutosh Dash Biography Hindi

आशुतोष दास की जीवनी
आशुतोष दास की जीवनी

 

(English – Ashutosh Dash) आशुतोष दास स्वतंत्रता सेनानी और समाज सेवक थे।

सत्याग्रह आंदोलन में सक्रिय भाग लेने के कारण ये कई बार जेल गये।

संक्षिप्त विवरण

 

नामआशुतोष दास
पूरा नामडॉ. आशुतोष दास
जन्म1888 में
जन्म स्थानसेरामपुर, हुगली ज़िला, बंगाल 
पिता का नाम
माता का नाम –
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
जाति

जन्म – आशुतोष दास की जीवनी

डॉ. आशुतोष दास का जन्म 1888 ई. में सेरामपुर, हुगली ज़िला, बंगाल में हुआ था।

शिक्षा और योगदान

आशुतोष दास ने 1914 में कोलकाता मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर की डिग्री लेने के बाद इंडियन मेडिकल सर्विस में भर्ती हुए। ‘प्रथम विश्वयुद्ध’ खत्म होते ही गांधीजी के आह्वान पर उन्होंने यह सरकारी नौकरी छोड़ दी और ग्रामीण जनता के उत्थान के कार्यों में लग गए।

Ashutosh Dash ने हरिपाल नामक ऐसे गांव को सर्वप्रथम अपना केंद्र बनाया जो सदा मलेरिया और काला अजार की महामारी से ग्रस्त रहता था। उनकी सेवा से उस क्षेत्र में यह रोग समाप्त हो गया। अविवाहित डॉ.दास ने अपना तन, मन, धन पूरी तरह से जन सेवा को समर्पित कर दिया था।

विद्यार्थी जीवन में ही ये ‘अनुशीलन समिति’ से जुड़े। इस क्रांतिकारी संगठन से ही बाद में क्रांतिकारी ‘जुगांतर पार्टी’ अस्तित्व में आई थी। इस बीच इनका संपर्क अनेक क्रांतिकायों से हुआ और उन्होंने अपने ज़िले में इस संगठन को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।

आशुतोष दास ने 1930 से 1934 तक के सत्याग्रह आंदोलन में सक्रिय भाग लिया और इस कारण उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। ये अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे और गांधीजी से इनका निकट का संबंध था। उन्हीं के प्रयत्न से ‘कांग्रेस चक्षु चिकित्सा समिति’ का गठन हुआ था।

इस समिति की ओर से डॉ. आशुतोष दास ने डॉक्टरों के दल दूर-दूर के देहातों में भेजकर लोगों के आँखो के रोगों का इलाज कराया था।

मृत्यु – आशुतोष दास की जीवनी

आशुतोष दास की मृत्यु 31 जुलाई 1941 को हुई थी ।

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