बाबा आमटे की जीवनी – Baba Amte Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको बाबा आमटे की जीवनी – Baba Amte Biography Hindi के बारे में बताने जा रहे हैं

बाबा आमटे की जीवनी – Baba Amte Biography Hindi

बाबा आमटे की जीवनी

सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक एक्टिविटी के नाम से जाने जाने वाले बाबा
आमटे ने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में बिता दिया.

अगर हम महान समाजसेवी के बारे में बात करें तो बाबा आमटे का नाम भी उन
में आता है.

गूगल भी उनकी फोटो अपने डूडल में लगाता है.

जन्म

बाबा आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 में महाराष्ट्र के वर्धा जिले के हिंगनघाट शहर में हुआ था.

बाबा आमटे का पूरा नाम मुरलीधर देवीदास आमटे था.

उनके पिता का नाम देवीदास आमटे और उनकी माता का नाम लक्ष्मी बाई आमटे था.

वह एक धनी परिवार से संबंध रखते थे.

उनके पिता ब्रिटिश गवर्नमेंट में ऑफिसर थे

और उनको डिस्टिक एडमिनिस्ट्रेशन और रिवेन्यू कलेक्शन की जिम्मेदारियां सौंपी हुई थी.

बचपन में ही मुरलीधर को बाबा के नाम से पुकारा जाता था इसी वजह से उनको बाबा आमटे भी कहा जाता है.

शिक्षा – बाबा आमटे की जीवनी

उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा नागपुर के मिशन स्कूल से शुरू की और उन्होंने कानून तक की पढ़ाई की. पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने कई और विषयों को भी पढ़ा. इसके साथ-साथ उन्होंने स्थानीय तौर पर वकालत का कार्य करना भी आरंभ कर दिया. वकालत के दौरान उन्होंने देखा कि भारतीय गांव सचमुच ही खराब हालत में है.

योगदान

गांधी जी के प्रभाव में आकर उन्होंने अपने मित्र राजगुरु का साथ छोड़ दिया और गांधी जी के साथ अहिंसा के रास्ते पर चलना शुरू कर दिया. उन्होंने गांव गांव जाकर किसानों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं के लिए आवाज उठाना भी आरंभ कर दिया और उन्होंने जगह-जगह भूमि सुधार आंदोलन को भी शुरू किया.

जिस दौरान में भूमि सुधार आंदोलन शुरू कर रहे थे उस दौरान कुष्ठ रोग नामक एक बीमारी सामाजिक कलंक हुआ करती थी, जिसकी वजह से उन से ग्रस्त लोगों को सामाजिक रूप से बहिष्कार कर दिया जाता था इससे कुष्ठ रोगियों बहुत ही परेशानियां झेलनी पड़ती थी.आमटे ने महाराष्ट्र में कुष्ठ रोगियों और विकलांगों के लिए तीन आश्रम की स्थापना की. जिसमें से सबसे पहले आश्रम को एक पेड़ के नीचे शुरू किया गया जिसे को आनंदवन के नाम से जाना जाता है.

बाबा आमटे को मिले सम्मान और पुरस्कार

  • बाबा आमटे को 1971 में पदम श्री विभूषण पुरस्कार दिया गया.
  • 1978 में राष्ट्रीय भूषण पुरस्कार.
  • 1999 में गांधी शांति पुरस्कार भी दिया गया.
  • बाबा आमटे को 1979 में जनमालाल  बजाज पुरस्कार.
  • 1986 में राजा राममोहन राय पुरस्कार दिया गया.
  • 1991 में आदिवासी सेवक पुरस्कार दिया गया.
  • बाबा आमटे को 1985 में रमन मैग्सेसे पुरस्कार दिया गया.
  • 1980 में एन.डी. दीवान पुरस्कार दिया गया.
  • मानवता के विकास में योगदान में उन्हें 1987 में जी.डी. बिरला इंटरनेशनल पुरस्कार दिया गया.
  • नागपुर महाराष्ट्र के द्वारा उनको 1997 में महात्मा गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट पुरस्कार भी दिया गया.
  • 1998 में उन्हें अपंगों की सहायता करने के लिए अपंग मित्र पुरस्कार दिया गया

सबके अलावा उन्हें सतपुल मित्तल अवार्ड, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री अवार्ड, सावित्रीबाई फुले अवॉर्ड, आदिवासी सेवक पुरस्कार, कुमार गंधर्व पुरस्कार इत्यादि भी दिए गए हैं.

निधन – बाबा आमटे की जीवनी

बाबा आमटे का निधन 9 फरवरी 2008 में 94 साल की आयु में चंद्रपुर जिले के बडोरा में उनके निवास स्थान पर हुआ कहते हैं, कि इस तरह के समाज सेवक कभी मरते नहीं है बल्कि हर किसी के हृदय में आज भी जीवित रहते हैं,

उसी प्रकार के कार्य समाज सेवक बाबा आमटे ने किए थे जिनको लोग आज भी नमस्कार करते हैं.

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