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बाबूलाल गौर की जीवनी – Babulal Gaur Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको बाबूलाल गौर की जीवनी – Babulal Gaur Biography Hindi  के बारे में बताएगे।

बाबूलाल गौर की जीवनी – Babulal Gaur Biography Hindi

बाबूलाल गौर की जीवनी

बाबूलाल गौर एक भारतीय राजनेता है और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके है।

वे भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखती है।

1974 में पहली बार भोपाल दक्षिण से उपचुनाव लडा और विजय हुये।

और 1977 से गोविन्दपुरा सीट से 7 बार विजय हुये। ‘भारतीय मज़दूर संघ‘ के संस्थापक सदस्य हैं।

उन्होंने दिल्ली और पंजाब आदि राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में भी भाग लिया था।

गौर जी को आपात काल के दौरान 19 माह की जेल की सजा भी काटनी पड़ी।

1974 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा बाबूलाल गौर को ‘गोवा मुक्ति आन्दोलन’ में शामिल होने के कारण ‘स्वतंत्रता संग्राम सेनानी‘ का सम्मान प्रदान किया गया था।उन्हें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में ‘नगरीय प्रशासन एवं विकास‘, ‘भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास‘ विभाग का मंत्री बनाया गया है।

जन्म

बाबूलाल गौर का जन्म 2 जून, 1930 को नौगीर ग्राम, प्रतापगढ़ ,उत्तर प्रदेश में हुआ था।

वे बचपन से ही भोपाल में रहे। इनके पिता का नाम श्री रामप्रसाद था।

शिक्षा

बाबूलाल गौर ने बी.ए. और एल.एल.बी. की डिग्रियाँ प्राप्त की हैं।

उन्हे अंगेजी, हिन्दी का अच्छा ज्ञान है।

करियर – बाबूलाल गौर की जीवनी

  • श्री गौर पहली बार 1974 में भोपाल दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जनता समर्थित उम्मीदवार के रूप में निर्दलीय विधायक चुने गये थे।
  • वे 7 मार्च, 1990 से 15 दिसम्बर, 1992 तक मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन, विधि एवं विधायी कार्य, संसदीय कार्य, जनसम्पर्क, नगरीय कल्याण, शहरी आवास तथा पुनर्वास एवं ‘भोपाल गैस त्रासदी’ राहत मंत्री रहे।
  • वे 4 सितम्बर, 2002 से 7 दिसम्बर, 2003 तक मध्य प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
  • सामाजिक तथा सार्वजनिक जीवन में किये गये विभिन्न महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिये श्री गौर को कई सम्मान तथा पुरस्कार प्राप्त होते रहे हैं।
  • 1991 में दैनिक नई दुनिया भोपाल द्वारा लिये गये विचार मत में उन्हें ‘वर्षश्री’ की उपाधि प्रदान की गई थी।
  • इस उपाधि के लिए बाबूलाल गौर के साथ अर्जुन सिंह एवं माधव राव सिंधिया सहित अन्य आठ लोगों के नाम भी शामिल थे।
  • बाबूलाल गौर ने अनेक देशों की यात्राएँ की हैं। वे सोवियत संघ के निमंत्रण पर 1989 में रूस गये।
  • जनवरी, 1991 में उन्होंने मध्य प्रदेश विधान सभा के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ के अधिवेशन में श्रीलंका की यात्रा की।
  • उन्होंने 1996 में नेपाल की यात्रा की। श्री गौर 1998 में मध्य प्रदेश संसदीय संघ की ओर से पैरिस, ब्रुसेल्स, सेलबर्ग, जिनेवा, रोम, फ़्राँस एवं जर्मनी की यात्रा पर गये। श्रीलंका की यात्रा के दौरान बाबूलाल गौर को सिंगारिया क्लब द्वारा 55 साल की आयु से अधिक होने पर भी 1999 मीटर ऊंचाई चढ़ने पर सम्मानित किया गया।

योगदान

श्री गौर 1946 से ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के स्वयंसेवक और वे ‘भारतीय मज़दूर संघ’ के संस्थापक सदस्य भी हैं।

वे 1956 से ‘भारतीय जनसंघ’ के सचिव भी रहे चुके हैं।

उन्होने राजनीति में सक्रिय होने के पूर्व भोपाल की कपड़ा मिल में नौकरी की और श्रमिकों के लिए में कई आंदोलनों में भाग लिया। इसके अतिरिक्त गौर जी ने राष्ट्रीय स्तर के कई राजनीतिक आंदोलनों में भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इसमे प्रमुख रूप से आपात काल के विरोध में आंदोलन, गोवा मुक्ति आंदोलन, दिल्ली में बेरूवाड़ी सहित पंजाब आदि  कई राज्यों में आयोजित सत्याग्रहों में सक्रिय भागीदारी निभाई।

श्री गौर को आपात काल के दौरान 19 माह तक जेल की सजा काटनी पड़ी।

सफलता

1974 में भोपाल दक्षिण विधान सभा क्षेत्र से वे पहली बार चुने गए।

1977 में  गोविन्दपुरा विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और 2003 तक  लगातार सात बार विधान सभा चुनाव जीतते रहे।

उन्होंने 1993 के विधान सभा चुनाव में 59,666 मतों के अंतर से विजय प्राप्त कर इतिहास रचा था।

बाबूलाल गौर ने 2003 के विधान सभा चुनाव में 64 हजार 212 मतों के अंतर से विजय प्राप्त कर अपने ही कीर्तिमान को तोड़ दिया। वे दसवीं विधान सभा 1993 से 1998 में भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक, सभापति, लोकलेखा समिति, सदस्य सरकारी उपक्रम समिति, विशेषाधिकार समिति आदि के सदस्य रहे और संगठन में नगरीय निकाय के प्रभारी और प्रदेश महामंत्री भी रहे।

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अलग-अलग पदों पर किए गए कार्य

  • ग्यारहवीं विधान सभा 1999 से 2003 में बाबूलाल गौर नेता प्रतिपक्ष बनने से पहले ‘भारतीय जनता पार्टी’ के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे।
  • श्री गौर जी को 8 दिसम्बर, 2003 को नगरीय प्रशासन तथा विकास, विधि एवं विधायी कार्य, आवास एवं पर्यावरण, श्रम एवं भोपाल गैस त्रासदी राहत मंत्री बनाया गया।
  • 2 जून, 2004 को गृह, विधि एवं विधायी कार्य और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री बनाया गया था
  • बाबूलाल गौर को 23 अगस्त, 2004 से 29 नवंबर, 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रीके रूप में चुना गया ।
  •  4 दिसम्बर, 2005 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग, वाणिज्यिक कर रोज़गार, सार्वजनिक
  • उपक्रम तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री के रूप में बाबूलाल गौर शामिल किया गया था
  • और 20 दिसंबर, 2008 को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से सम्मिलित किया गया।

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मृत्यु – बाबूलाल गौर की जीवनी

बाबूलाल गौर का 89 वर्ष की आयु में आज सुबह यानि 21 अगस्त 2019 को निधन हो गया।

भोपाल के नर्मदा अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। हृदय गति रुकने से उनकी मौत हुई।

वह पिछले 14 दिनों से अस्पताल में भर्ती और वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम पर थे।

मध्य प्रदेश सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल गौर के निधन के बाद राज्य में तीन दिवसीय शोक की घोषणा की।

उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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