आज इस आर्टिकल में हम आपको बालकृष्ण शिवराम मुंजे की जीवनी – Balakrishna shivaram munje Biography Hindi के बारे में बताएगे।
बालकृष्ण शिवराम मुंजे की जीवनी – Balakrishna shivaram munje Biography Hindi
(English – Balakrishna shivaram munje) बालकृष्ण शिवराम मुंजे भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा हिंदू महासभा के सदस्य थे।
वे 1927 से 1928 में अखिल भारत हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बनवाने में उनका बहुत योगदान था।
वे संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार के राजनितिक गुरु थे।
संक्षिप्त विवरण
नाम | बालकृष्ण शिवराम मुंजे |
पूरा नाम | बालकृष्ण शिवराम मुंजे |
जन्म | 12 दिसंबर 1872 |
जन्म स्थान | बिलासपुर, मध्य प्रान्त (वर्तमान में छत्तीसगढ़), भारत |
पिता का नाम | – |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म |
हिन्दू |
जाति |
– |
जन्म
बालकृष्ण शिवराम मुंजे का जन्म 12 दिसंबर 1872 को मध्य प्रान्त (वर्तमान में छत्तीसगढ़) के बिलासपुर में हुआ था।
शिक्षा और करियर
Balakrishna shivaram munje ने 1898 में मुम्बई में ग्रांट मेडिकल कॉलेज से मेडिकल डिग्री ली।
फिर मुम्बई नगर निगम में चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम करने लगे।
सैन्य जीवन में उनकी गहरी रुचि के चलते वो सेना में कमीशन अधिकारी बन गए। सेना की चिकित्सा शाखा उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध में भाग लिया।
गांधीजी की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति से असहमत होने के कारण डॉ॰ मुंजे कांग्रेस से अलग हो गए और उनकी गिनती हिन्दू महासभा के तेजस्वी नेताओं में होने लगी।
1930 और 1931 के गोलमेज सम्मेलनों में वे हिन्दू महासभा के प्रतिनिधि के रूप में गए थे जबकि गांधीजी केवल 1931 के सम्मेलन में कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में गए। गोलमेज सम्मेलन के बाद फरवरी से मार्च 1931 तक यूरोप का भ्रमण किया। 15 मार्च से 24 मार्च तक वे इटली में भी रुके। वहाँ वे मुसोलिनी से भी मिले।
1934 में मुंजे ने सेंट्रल हिंदू मिलिट्री एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की जिसका उद्देश्य मातृभूमि की रक्षा के लिए युवा हिंदुओं को सैन्य प्रशिक्षण देना और उन्हें ‘सनातन धर्म’ की शिक्षा देना था। साथ ही, निजी सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा की कला में युवाओं को प्रशिक्षित करना था।
निधन – बालकृष्ण शिवराम मुंजे की जीवनी
बालकृष्ण शिवराम मुंजे का निधन 3 मार्च 1948 में हुआ था।
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