भागमल सोहटा एक स्वतंत्रता सेनानी थे। भागमल सौहटा ने 1939 में धामी आंदोलन का नेतृत्व किया। इन्हीं आंदोलन के लिए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको भागमल सौहटा के जीवन के बारे में बताएगे।
भगमल सौहटा की जीवनी
जन्म
- श्री भागमल सौठाजी का जन्म 23 सितंबर 1899 को शिमला जिले के जुब्बल क्षेत्र डाकघर धार गाँव मे हुआ था।
- श्री सौठाजी 1922 में कांग्रेस के बड़ौदा सम्मेलन में शामिल हुए और कांग्रेस मंत्री बने ।
- उन्होने हिमालयन रियासती प्रजामंडल की स्थापना में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- हिमाचल को राज्य का दर्जा दिलाना उनका मक़सद था।
- अपने राज्य को उसकी पहचान दिलाने के लिए की गई मेहनत के बदले वो अपने लिए कुछ नहीं चाहते थे।
- जब हिमाचल 18वॉ राज्य बना तब उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।
न तो कभी अपने होने का वज़न डाला ना ही कभी इनके परिवार के किसी व्यक्ति ने उनके नाम का फ़ायदा उठाने के लिए उनके प्रयत्नों का एहसास ही दिलाया।
89 की उम्र में इनका निधन हो गया लेकिन आज भी इनके किए गए प्रयास हिमाचल दिवस को और ख़ास बना देते हैं।
ये हिमाचल के ऐसे शेर थे जिन की दहाड़ हमेशा सुनाई देती रहेगी
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योगदान
भागमल सोहटा ने 1922 में स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और प्रजामंडल आंदोलन में भाग लिया। इसके बाद में उन्होंने 1939 में धामी आंदोलन का नेतृत्व किया। जिसके कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा था।
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