भीष्म नारायण सिंह एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। वे असम और मेघालय के राज्यपाल रहे थे। साथ ही 1991 से 1993 तक वह तमिलनाडु के राज्यपाल भी रहे जिसमें पुडुचेरी (तत्कालीन पांडिचेरी) और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का अतिरिक्त प्रभार भी शामिल है। वे वर्ष 1967 में पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। वर्ष 1976 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए। उन्होंने केंद्र में संसदीय कार्य, आवास, श्रम, खाद्य, नागरिक आपूर्ति तथा संचार मंत्री के रूप में कार्य किया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको भीष्म नारायण सिंह की जीवनी – Bhishma Narain Singh Biography Hindi के बारे में बताएगे।
भीष्म नारायण सिंह की जीवनी – Bhishma Narain Singh Biography Hindi
जन्म
भीष्म नारायण सिंह का जन्म 13 जुलाई 1933 में जिले के छतरपुर स्थित उदयगढ़ में किसान परिवार में हुआ था।
शिक्षा
भीष्म नारायण सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के स्नातक की उपाधि ग्रहण की । छात्र जीवन में नारायण सिंह ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में यूथ कांग्रेस का गठन किया । श्री सिंह ने पलामू जिले में ग्राम पंचायत और ग्राम परिषदों का गठन किया। उन्होने 1967 से 1976 तक बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप मेन कार्य किया । बाद में राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री (1971), खान मंत्री (1972-73)खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री (1973-74) रहे चुके हैं। 1976 में आप राज्यसभा के लिए चुने गए। 1982 में पुनः राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।
भीष्म नारायण सिंह 1985 से 1996 तक असम, मेघालय सहित सात राज्यों के राज्यपाल रहे थे। 1985 में मद्रास के गवर्नर रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को मद्रास यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनाया था।
भीष्म नारायण सिंह 1967 में पहली बार हुसैनाबाद के विधायक चुने गए और बिहार के शिक्षा मंत्री बने। 1972 में दुबारा विधायक बने और बिहार में खान मंत्री बने। 1976 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए और 1980 में इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में संसदीय कार्य मंत्री रहे फिर 1983 खाद आपूर्ति मंत्री बने।
1970 में भीष्म नारायण सिंह कांग्रेस पारलीमेंट्री पार्टी के उपर सचेतक बने। 1980 में वे संसदीय मामलों के राज्य मंत्री बने और नारायण सिंह को 1980 से 1983 तक संचार श्रम और गृह निर्माण विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार मिला। भीष्म नारायण सिंह को जनवरी-फरवरी 1982 में नागरिक आपूर्ति राज्य मंत्री भी रहे। उन्होने 15 वर्षों तक बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य रहे हैं। 1967 में BISCOMAUNके डायरेक्टर हैं। 1973 और 75 में बिहार राज्य को ऑपरेटिव गृह निर्माण विद परिषद के चेयरमैन रहे हैं। और वे मेघालय और तमिलनाडु के राज्यपाल रहे हैं।
पुरस्कार
- भीष्म नारायण सिंह को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है।
- अप्रैल, 2005 में भीष्म नारायण सिंह को अल्जीरिया की सरकार द्वारा ‘मेडल ऑफ मेरिट’ और ‘सर्टिफिकेट ऑफ ऑनर’ से नवाजा गया।
- 2005 में रूस ने भीष्म नारायण सिंह को आर्डर ऑफ फ्रेंडशिप के सम्मान से भी नवाजा था।
- अप्रैल 2009 में रूसी संघ के “ऑर्डर ऑफ फ्रेंडशिप” का सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मनित किया गया।
मृत्यु
भीष्म नारायण सिंह की मृत्यु 1 अगस्त 2018 को हुई थी।