चंद्रबाबू नायडू की जीवनी – Chandrababu Naidu Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको चंद्रबाबू नायडू की जीवनी – Chandrababu Naidu Biography Hindi के बारे में बताएगे।

चंद्रबाबू नायडू की जीवनी – Chandrababu Naidu Biography Hindi

चंद्रबाबू नायडू की जीवनी
चंद्रबाबू नायडू की जीवनी

(English -Chandrababu Naidu)चंद्रबाबू नायडू  प्रसिद्ध राजनेता एवं आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री  है।

वे  1995-2004  तक आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।

1978 में आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार के एक विधायक और सबसे कम उम्र
के मंत्री बने।

वर्ष 1983 में टीडीपी में शामिल हो गए।

2014 के चुनावों में  चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा के साथ गठबंधन करके सत्ता में वापसी की थी।

वे नये आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने।

संक्षिप्त विवरण

 

नाम चंद्रबाबू नायडू
पूरा नाम नारा चंद्रबाबू नायडू
जन्म 20 अप्रैल 1950
जन्म स्थान  नारावारिपल्ली, चंद्रगिरि, मद्रास स्टेट, भारत (अब आंध्रप्रदेश में है)
पिता का नाम  कर्जूरा
माता का नाम अम्मानम्मा
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिन्दू

जन्म – चंद्रबाबू नायडू की जीवनी

Chandrababu Naidu जन्म 20 अप्रैल 1950 को नारावारिपल्ली, चंद्रगिरि, मद्रास स्टेट, भारत (अब आंध्रप्रदेश में है) में हुआ था।

उनके पिता का नाम कर्जूरा और उनकी माता का नाम अम्मानम्मा था।

नायडू भाई बहनों में सबसे बड़े है एवं उनकी दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई है |

शिक्षा

चंद्रबाबू ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा शेशापुरम ग्राम पंचायत और चंद्रगिरी जैसे भिभिन्न विद्यालयों में अध्ययन प्राप्त किया |

उन्होंने श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय तिरुपति से अर्थशास्त्र में मास्टर्स की उपाधि हासिल की और आजकल इसी
विश्वविद्यालय से पीएचडी के लिए अपना शोध कार्य कर रहे हैं।

करियर

शानदार नेतृत्व कौशल और राजनीति में रुचि की वजह से उन्हें, स्थानीय युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनने का अवसर प्राप्त हुआ था।Chandrababu Naidu के राजनीतिक जीवन में निर्णायक मोड़ तब आया, जब उन्होंने वर्ष 1978 में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की थी।

नायडू न केवल 28 वर्ष की आयु में विधायक (एमएलए) बने, बल्कि वह एपी मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र के मंत्री भी बनने में कामयाब हुए।एक उभरते हुए नेता के रूप में नायडू को तकनीकी शिक्षा और सिनेमेटोग्राफी (छायांकन) का पोर्टफोलियो दिया गया था।

वर्ष 1980 में नायडू की राजनीतिक ताकत और बढ़ गई थी, क्योंकि नायडू ने एनटीआर के नाम से मशहूर एक प्रतिष्ठित तेलगू फिल्म कलाकार नंदमुरी तारक रामा राव, जो बाद में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, उनकी दूसरी बेटी भुवनेश्वरी से शादी कर ली थी।वर्ष 1994 में राज्य में अपने शासनकाल के दौरान, नायडू ने कार्यशीलता की एक प्रबंधकीय शैली के साथ खुद तकनीकी समझ रखने वाले मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था।

1994 में वह एनटीआर मंत्रिमंडल में वित्त ओर राजस्व मंत्री बने लेकिन अगस्त 1995 में अपने ससुर एन. टी. रामा राव को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाने के लिए एक आंतरिक पार्टी तख्तापलट का नेतृत्व किया और बहुसंख्यक विधायकों के समर्थन से सत्ता संभाल ली।

तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष

इसके साथ ही चंद्रबाबू नायडू तेलुगू देशम पार्टी के अध्यक्ष बन गए और जनवरी 1996 में एनटीआर के निधन के बाद पार्टी पर पूर्ण नियंत्रण हासिल कर लिया लेकिन उन पर कई वर्षों तक पीठ में छुरा घोंपने वाले का ठप्पा लगा रहा।उन्होंने इसके साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और गैर कांग्रेसी, गैर भाजपा दलों के संयुक्त मोर्चा बनाने में मदद की।

उन्हें 1997 में प्रधानमंत्री के पद की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया
कि वह अपने को आंध्र प्रदेश के विकास के लिए समर्पित करना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री पद – चंद्रबाबू नायडू की जीवनी

Chandrababu Naidu राज्य के लिए “विजन 2020” के साथ आए और उन्होंने घोषणा की कि उन्हें राज्य के मुख्यमंत्री की बजाय, मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पहचाना जाए।उनके दृष्टिकोण के आलेख के मुताबिक, 2020 तक आंध्र प्रदेश एक नव-परिवर्तित राज्य होगा और इस परिवर्तन में सूचना प्रौद्योगिकी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

विशेष रूप से, उसमें नायडू ने हैदराबाद को सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र में तब्दील करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई थी।इन योजनाओं में से कई योजनाओं को उन्होंने, आठ वर्षों में मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होते हुए लागू किया था। नायडू की छवि एक कर्मनिष्ठ सीईओ की है और वह अपने कार्यालय में कंप्यूटरों से डेटा विश्लेषण और उसके अनुसार काम करते हैं।

चंद्रबाबू नायडू को विश्व बैंक में एक सलाहकार के रूप में शामिल किया गया था।

विदेशी नेताओं के कहने पर, उन्होंने नई दिल्ली के बाद हैदराबाद को अपना दूसरा ठिकाना बना लिया था।

अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी उनकी सराहना की। इनके कामों की वजह से कई संस्थाओं और आईटी कंपनियों ने हैदराबाद या जिसे कभी-कभी “साइबराबाद” भी कहा जाता था, में अपनी दुकानें स्थापित कर दी थीं।वर्ष 1999 के विधानसभा चुनावों में नायडू ने टीडीपी गठबंधन के साथ 185 सीटों पर जीत हासिल करके अपनी पार्टी की जीत का नेतृत्व किया।

2004 में  उनकी पार्टी को एक बड़ा झटका तब लगा था, जब वह केवल 49 सीटों पर ही जीत हासिल करने में कामयाब हो पाए थे।Chandrababu Naiduने अपनी पार्टी का फिर से गठन करने और मंच पर वापसी करने के लिए शपथ ली। टीडीपी ने 2009 के विधानसभा चुनावों में अपना बेहतर प्रदर्शन किया और कांग्रेस ने राज्य में सत्ता को बरकरार रखा।

हालांकि, वर्ष 2014 के चुनावों में, चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा के साथ गठबंधन करके सत्ता में वापसी की थी।

वे नये आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने।

हत्या का प्रयास

1 अक्टूबर 2003 को वेंकटेश्वर मंदिर जा रहे नायडू एक बम विस्फोट में बच गए थे, लेकिन इस घटना में
उनकी कॉलरबोन (हंसली) और दो पसलियाँ टूट गईं थीं।

इस मामले में पुलिस ने 33 लोगो को आरोपी बनाया, जिसमे से चार व्यक्ति गिरफ्तार हुए। माओवादी नेता और मुख्य
साजिशकर्ता पी सुधाकर रेड्डी वर्ष 2009 में वारंगल जिले में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया।

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