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चंदूलाल चंद्राकर की जीवनी – Chandulal Chandrakar Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको चंदूलाल चंद्राकर की जीवनी – Chandulal Chandrakar Biography Hindi के बारे में बताएगे।

चंदूलाल चंद्राकर की जीवनी – Chandulal Chandrakar Biography Hindi

चंदूलाल चंद्राकर 1980 में दुर्ग से सांसद चुने गए।

इससे पहले वे दैनिक हिंदुस्तान के संपादक व 1964 से 1970 तक भारत की प्रेस एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे।

वे 1975 से 1978 तक वे प्रेस कर्मचारी के फेडरेशन के अध्यक्ष व 1978 से भिलाई इस्पात कारखाने के इस्पात मजदूरों के यूनियन के अध्यक्ष रहे चुके है।

वे 1970 से 1977 तक लोक सभा के सदस्य रह चुके हैं।

श्री चंद्राकर केंद्र सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रह चुके हैं।

जन्म

चंदूलाल चंद्राकर का जन्म 1 जनवरी 1921 को दुर्ग के निपानी गांव में हुआ था।

उनके पिता एक किसान थे।

शिक्षा

चंदूलाल चंद्राकर बचपन से ही मेधावी रहे।

दुर्ग में प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए भी वे सदैव तत्पर रहते थे।

चंदूलाल चंद्राकर की b.a. की पढ़ाई रॉबर्टसन कॉलेज,जबलपुर से हुई थी।

करियर – चंदूलाल चंद्राकर की जीवनी

1945 से 1970 तक

राजनीति से पहले चंदूलाल चंद्राकर सक्रिय रूप से पत्रकारिता से जुड़े।

दूसरे विश्व युद्ध के समय उन्होंने अभ्यस्त पत्रकारों जैसी पत्रकारिता करने लगे।

1945 से पत्रकार के तौर पर उनकी पहचान होने लगी। उनके समाचार ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ सहित देश -विदेश के अन्य अखबारों को में प्रकाशित होने लगे। चंदूलाल चंद्राकर को नौ ओलंपिक खेलों और तीन एशियाई खेलों की रिपोर्टिंग का तेज अनुभव रहा। राष्ट्रीय अखबार दैनिक हिंदुस्तान के संपादक के रूप में भी उन्होंने कार्य किया। छत्तीसगढ़ से राष्ट्रीय समाचार पत्र के संपादक के पद पर पहुंचने वाले  वे पहले व्यक्ति थे। युद्धस्थल से भी उन्होंने बिना डरे समाचार भेजें। चंदूलाल चंद्राकर ने विश्व के लगभग सभी देशों की यात्रा एक पत्रकार के रूप में की।

1970 में पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के साथ ही सक्रिय राजनीति में हिस्सा लेने की शुरुआत हुई और लोकसभा के लिए 5 बार निर्वाचित हुए। पर्यटन, नागरिक उड्डयन, कृषि, ग्रामीण जैसे महत्त्वपूर्ण विभागों के मंत्री का दायित्व संभालते हुए उन्होंने देश की सेवा के लिए  भी काम किया। अखिल भारतीय कमेटी के महासचिव व मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता प्रवक्ता के रूप में भी वे सक्रिय रहे।  छत्तीसगढ़ निर्माण सर्वदलीय मंच के अध्यक्ष रहकर उन्होंने राज्य आंदोलन को एक नई शक्ति प्रदान की थी।

चंदूलाल चंद्राकर ने अपनी लेखनी से ज्वलंत मुद्दे उठाना, बहस की गुंजाइश तैयार करने वाले पत्रकारों में चंदूलाल चंद्राकर को सम्मानजनक स्थान प्राप्त हुआ है।

1970 से 1995 तक

 मृत्यु – चंदूलाल चंद्राकर की जीवनी

2 फरवरी 1995 को चंदूलाल चंद्राकर की मृत्यु हो गई थी।

सम्मान

निर्भीक पत्रकारिता से छत्तीसगढ़ का नाम देश में रोशन करने वाले व्यक्तित्व से नई पीढ़ी को प्रेरणा लेने और मूल्य आधारित पत्रकारिता को प्रोत्साहन मिले इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन ने उनकी याद में पत्रकारिता के क्षेत्र में चंदूलाल चंद्राकर फेलोशिप स्थापित किया है।

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