चित्तू पांडेय का शेर-ए-बलिया भी कहा है। ब्रिटिश विरोधी आंदोलन में चित्तू पांडेय ने लोगों की फौज बनाकर अंग्रेजों को खदेड़ने का काम किया। तो आइये आज हम इस आर्टिकल में आपको चित्तू पांडेय की जीवनी – Chittu Pandey Biography Hindi के बारे में बताने जा रहे है।
चित्तू पांडेय की जीवनी – Chittu Pandey Biography Hindi
जन्म
चित्तू पांडेय का जन्म 10 मई 1565 को बलिया के एक गांव रत्तचूक में हुआ था। चित्तू पांडेय को प्यार से बलिया का शेर कहा जाता है ।
परमानंद दास की जीवनी – Parmanand Das Biography Hindi
योगदान
उन्होने बलिया में भारत छोड़ो आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिंत्तू पांडेय ने 1942 में ब्रिटिश विरोधी आंदोलन में स्थानीय लोगों की फौज बनाकर अंग्रेजों को खदेडा था । बलिया के स्थानीय कांग्रेस नेता चितू पांडेय ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 10 अगस्त,1942 को बलिया में स्थापित अस्थाई सरकार का नेतृत्व किया था।
19 अगस्त 1942 को वहां स्थानीय सरकार बनी तब कुछ दिनों तक बलिया में चित्तू पांडेय का शासन भी रहा। लेकिन बाद में कुछ दिनों के बाद अग्रेजों ने इसे दबा दिया। यह सरकार बलिया के कलेक्टर को सत्ता त्यागने और सभी गिरफ्तार कांग्रेसियों को रिहा कराने में सफल रही। चितू पांडेय जी अपने आप को गांधीवादी मानते थे.
निधन
चित्तू पांडेय की मृत्यु सन 1946 में हुई थी।