दामोदर गणेश बापट भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता थे उन्हे कुष्ठ रोगियों के लिए पूरा जीवन समर्पित करने वाले गणेश बापट को साल 2018 में पद्मश्री सम्मान से नवाज गया था। उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अलंकार से भी सम्मानित किया गया था। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको दामोदर गणेश बापट की जीवनी – Damodar Ganesh Bapat Biography Hindi के बारे में बताएगे।
दामोदर गणेश बापट की जीवनी – Damodar Ganesh Bapat Biography Hindi
जन्म
दामोदर गणेश बापट का जन्म ग्राम पथरोट, जिला अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ था।
शिक्षा
दामोदर बापट ने नागपुर से बीए और बीकॉम की पढ़ाई पूरी की।
योगदान
बचपन से ही उनके मन में सेवा की भावना कूट-कूटकर भरी थी। यही वजह है कि वे करीब 9 वर्ष की आयु से आरएसएस(राष्ट्रीय सेवा संघ ) के कार्यकर्ता बन गए। पढ़ाई पूरी करने के बाद बापट ने पहले कई स्थानों में नौकरी की, लेकिन उनका मन नहीं लगा। इसके बाद वे छत्तीसगढ़ के वनवासी कल्याण आश्रम जशपुरनगर पहुंचे और बच्चों को पढ़ाने लगे। पढ़ाने के दौरान वे कुष्ठ रोगियों से भी मिले और जीवन भर उनकी सेवा करते रहे।
वे सदाशिव कात्रे के संपर्क में आए जिन्होंने 1962 में एक समुदाय की स्थापना की थी, जिसका नाम कुष्ठ रोगियों की देखभाल के लिए चंपा से 8 किलोमीटर दूर स्थित गाँव सोठी में भारतीय कुष्ठ निवारक संघ (BKNS) है।
कात्रे के साथ बापट ने कुष्ठ रोगियों के साथ-साथ उनके सामाजिक और वित्तीय पुनर्वास के लिए काम किया।
1975 में, बापट को भारतीय कुष्ठ निवारक संघ के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था, और इसके बाद उनकी वृद्धि का श्रेय उन्हें दिया जाता है।
1972 से लेकर 2019 में अपनी मृत्यु तक, अपने जीवन के अंतिम साढ़े चार दशकों के दौरान उन्होंने कुष्ठ रोगियों की सेवा की। उन्होंने कुष्ठ रोग के बारे में जन जागरूकता को बेहतर बनाने के लिए भी काम किया।
पुरस्कार
- 12 सितंबर 2006 को, उन्हें श्री अहिल्योत्सव समिति, इंदौर द्वारा 10वें राष्ट्रीय देवी अहिल्याबाई राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास, शिक्षा और सुधार में उनकी सेवा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया था।
- 2018 में में उन्हे कुष्ठ रोगियों के लिए पूरा जीवन समर्पित करने वाले गणेश बापट को पद्मश्री सम्मान से नवाज गया था।
- उन्हें छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अलंकार से भी सम्मानित किया गया था।
- बापट ने अन्य पुरस्कारों को भी प्राप्त किया, जैसे विवेकानंद सेवा पुरस्कार, श्री बडाबाजार कुमार सभा पुस्ताकलया, कोलकाता द्वारा प्रदान किया गया; भाऊराव देवरस फाउंडेशन द्वारा भाऊराव देवरस सेवा स्मृति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
मृत्यु
जुलाई 2019 में उन्हे ब्रेन हेमरेज हुआ था। जिसके बाद उन्हें बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। 17 अगस्त 2019 को 84 वर्ष की आयु में 2 बजकर 35 मिनट पर छत्तीसगढ़ के एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।