आज इस आर्टिकल में हम आपको डॉक्टर गैब्रियल हेमरोम की जीवनी के बारे में बताएगे।
डॉक्टर गैब्रियल हेमरोम की जीवनी – Do Garbial Biography Hindi
डॉक्टर गैब्रियल हेमरोम जड़ी बूटी विशेषज्ञ हैं
अपने पूर्वजों से विद्या और प्रेरणा लेकर इसकी मेहता को पहचानते हुए कई बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं
योगदान
रांची से 170 किलोमीटर दूर गुमला जिले के हाथी घोड़े गांव में रहने वाले डॉ गैब्रियल हेमरोम जड़ी बूटी विशेषज्ञ हैं
अपने पूर्वजों से विद्या और प्रेरणा लेकर इसकी मेहता को पहचानते हुए कई बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज कर रहे हैं,
जिसमें कैंसर महत्वपूर्ण रूप से शामिल है। डॉ हेमरोम के पास देश के कोने-कोने से कैंसर के पीड़ित मरीज तो आते ही हैं
साथ ही विजय जी से भी लोग याद इलाज कराने आते हैं और जड़ी बूटी से निर्मित दवा का उपयोग करते हैं।
कईयों ने इस बीमारी से निजात मिल पाया।
हेम्ब्रोम, जो कभी शिकार करना पसंद करते थे, को अच्छी तरह से याद है कि कैसे उन्होंने टोगोनारी पत्तियों के महत्व को सीखा, जिसमें टूटी हड्डियों को जोड़ने की शक्ति होती है।
एक बार उसने एक हिरण को मारकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिये थे।
वह लाश को घर ले गया और मांस को टोगोनारी के पत्तों में लपेट दिया।
बाद में उन्हें पता चला कि मांस जुड़ गया था और सख्त हो गया था।
उन्होंने टोगोनारी पत्तियों के साथ प्रयोग करना शुरू किया और सोचा कि यह क्षतिग्रस्त हड्डियों को जोड़ सकता है।
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