डॉ.कमल मुसद्दी जी ने हिंदी साहित्य की विद्याओ – कविता , कहानी एकांकी परिचर्चाएं , साक्षात्कार आदि का लेखन कार्य किया। वे एक लेखक के साथ -साथ एक कवियत्री भी है। डॉ कमल मुसददी की जीवनी- Dr. Kamal Musaddee Biography Hindi
डॉ.कमल मुसद्दी हिंदी की एक ऐसी विदुषी महिला रचनाधर्मी हैं. जो कहानी, संस्मरण, गंभीर एवं हास्य पद्य रचना में अपूर्व दक्ष हैं। वे देश में उत्कृष्ट रचनाओं के लिए जानी जाती है । शब्दों को नए अर्थ देना उनकी प्रतिभा हैं। कमल मुसद्दी भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में काम किया वे समिति की वरिष्ठ उपाध्यक्षा भी हैं। उनका प्रकाशित तीसरा कविता संग्रह – ‘सवेंदना पर सिलवटें’ का लोकार्पण 23 जून, 2018 को हुआ था। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको डॉ कमल मुसददी की जीवनी- Dr. Kamal Musaddee Biography Hindi के बारे में बताएगे।
डॉ कमल मुसददी की जीवनी- Dr. Kamal Musaddee Biography Hindi
जीवन परिचय
डॉ.कमल मुसद्दी जी कानपुर, उत्तर प्रदेश में रहती है। डॉ.कमल मुसद्दी जी ने हिंदी साहित्य की विद्याओ – कविता , कहानी एकांकी परिचर्चाएं , साक्षात्कार आदि का लेखन कार्य किया। उन्होने आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर प्रकाशित होने वाले साहित्यिक संगोष्ठियों एवं काव्य गोष्ठियों में अनेको बार प्रतिभागिता की है। इनकी प्रकाशित कृत्य , -‘अंजुरी भर ओस’ (काव्यसंग्रह) ‘कटे हाथो के हस्ताक्षर ‘ (कवितासंग्रह), ‘वत्सला ‘ (कहानीसंग्रह), है।
इस समय डॉ.कमल मुसद्दी जी आयुध निर्माणी बोर्ड (भारतसरकार) द्वारा संचालित ओ० एफ० इंटर कॉलेज, अर्मापुर, कानपुर में हिंदी की प्रवक्ता है। कमल मुसद्दी भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय में काम किया।
कमल मुसददी की कविताएं अपने समय और समाज में सवेंदना के क्षरण को पूरी शिद्दत और समग्रता में अभिव्यक्त करती है। उनका प्रकाशित तीसरा कविता संग्रह – ‘सवेंदना पर सिलवटें’ का लोकार्पण 23 जून, 2018 को हुआ था। इस पढ़ते हुए यह महसूस होता है कि कहीं भीतर कुछ चटक रहा है अधिकांश कविताएं प्रयत्न नहीं है तभी तो वे लिखती है, ‘जब -जब मेरी संवेदना/ आहात/ अचंभित /उदासीन या उल्लास से भर जाती है मेरे भीतर कविता कुनमूनाती है।’ आधुनिक जटिल और सश्लिंष्ट जीवन में जब लोगों के पास अपने लोक संस्कृति, लोक छवियों के दर्शन का समय नहीं है, ऐसे में मैं सिर्फ सामाजिक सरोकार व सांस्कृतिक सरोकार, परंपरा, रीति-रिवाज यहां तक की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति कवियत्री के गहरी सरोकार और क्षरण दुश्चिंता इन कविताओं को मूल्यवान बनाती है।
‘बरगद की उदासी’ के माध्यम से कवयित्री ने समकालीन पारिवारिक मूल्यों और आदर्शों में बिखराव को रेखांकित किया है। संबंधों में पहले जैसी उष्णता, आत्मीयता, गरिमा, पवित्रता के भाव अब नहीं रह गए हैं। घर के बड़े बुजुर्ग आज एक कोने में पड़े बोझ से प्रतीत होते जा रहे हैं। जीवन की यादें, कृत्रिम हंसी की आवश्यकता, अकेलेपन की विवशता और स्त्री अस्मिता के अनेक प्रश्न इन कविताओं के हुए फलक को विस्तार देते हैं। डॉ कमल मुसददी की जीवनी- Dr. Kamal Musaddee Biography hindi
अनेक कविताओं में कवयित्री की निजी अनुभूतियों को वाणी दी गई है तो अनेक में जीवन की कठोर वास्तविकता और विडंबनाओं से मुठभेड़ है।
कविताएं
- आह से अपना गान
- रिश्ते
- दीवार
- कला
- नींद
- हां मैं लड़की हूं.
- ‘बच्चे’ आदि अनेक ऐसी कविताएं हैं जिन्हें बार-बार पढ़ने का मन करता है।
सम्मान
- महादेवी वर्मा स्मृति सम्मान ,
- कानपुर गौरव सम्मान मानस संगम,
- संत कवि गुरु गोविंद सिंह महाराज साहित्य साधना सम्मान -बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के 39वें महाधिवेशन में दिया गया.
- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राप्त वाचस्पति सम्मान मुख्य है.