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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी – Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी – Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography Hindi के बारे में बताएगे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी – Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Biography Hindi

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

Dr. Sarvepalli Radhakrishnan एक दर्शनशास्त्री, भारतीय संस्कृति के संवाहक, आस्थावान हिंदू विचारक तथा दूसरे राष्ट्रपति और पहले उपराष्ट्रपति थे।

उन्होने 1962 से 1976 तक दूसरे राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।

उन्होने मद्रास के प्रेसीडेंसी कॉलेज से अध्यापन का कार्य शुरू किया इसके बाद उन्होने मैसूर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर कार्यरत हुए और फिर देश के कई विश्वविद्यालयों में शिक्षण कार्य किया।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1954 में नागरिकत्व का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

जन्म – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तिरुतनी ग्राम, तमिलनाडु में हुआ था।

साधारण परिवार में जन्में राधाकृष्णन का बचपन तिरूतनी एवं तिरूपति जैसे धार्मिक स्थलों पर बीता।

उनके पिता का नाम सर्वेपल्ली वीरास्वामी तथा उनकी माता का नाम सिताम्मा था।

1903 में 16 वर्ष की आयु में ही उनका विवाह सिवाकामू  के साथ हुआ।

शिक्षा

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्राम्भिक शिक्षा क्रिश्चियन मिशनरी संस्था लुथर्न मिशन स्कूल में हुई और आगे की पढाई मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में पूरी हुई।

स्कूल के दिनों में ही डॉक्टर राधाकृष्णन ने बाइबिल के महत्त्वपूर्ण अंश कंठस्थ कर लिए थे ,
जिसके लिए उन्हें विशिष्ट योग्यता का सम्मान दिया गया था।

छोटी उम्र में ही आपने स्वामी विवेकानंद और वीर सावरकर को पढा तथा उनके विचारों को आत्मसात भी किया।

आपने 1902 में मैट्रिक स्तर की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और छात्रवृत्ति भी प्राप्त की ।

क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास ने भी उनकी विशेष योग्यता के कारण छात्रवृत्ति प्रदान की।

योगदान

शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. राधाकृष्णन का अमूल्य योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा।

वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।

वह एक विद्वान, शिक्षक, वक्ता, प्रशासक, राजनयिक, देशभक्त और शिक्षा शास्त्री थे।

अपने जीवन में अनेक उच्च पदों पर रहते हुए भी वह शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देते रहे।

उनका कहना था कि यदि शिक्षा सही प्रकार से दी जाए तो समाज से अनेक बुराइयों को मिटाया जा सकता है।

करियर

उपलब्धियां – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

विचार

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Books

पुरस्कार – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी

मृत्यु

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का लम्बी बीमारी के बाद 17 अप्रैल, 1975 को चेन्नई में उनका देहांत हो गया।

आज इस आर्टिकल में हमने आपको डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जीवनी के बारे में बताया इसको लेकर आपका कोई सुझाव या कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते है.

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