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गंगा प्रसाद विमल की जीवनी – Ganga Prasad Vimal Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको गंगा प्रसाद विमल की जीवनी – Ganga Prasad Vimal Biography Hindi के बारे में बताएगे।

गंगा प्रसाद विमल की जीवनी – Ganga Prasad Vimal Biography Hindi

गंगा प्रसाद विमल हिंदी के जाने माने लेखक, अनुवादक और जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय के पूर्व प्रोफेसर थे।

उनका पहला काव्य संग्रह साल 1967 में ‘विज्जप’ नाम से आया था।

पहला उपन्यास ‘अपने से अलग’ साल 1972 में आया था।

उनका पहला कहानी संग्रह ‘कोई भी शुरुवात’ साल 1967 में आया था।

उन्हें हिंदी साहित्य जगत में ‘अकहानी आंदोलन’ के जनक के रूप में जाना जाता था।

जन्म

गंगा प्रसाद विमल का जन्म 1939 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुआ था।

उनका विवाह 5 फरवरी 1965 को कमलेश अनामिका के साथ संपन्न हुआ, जिनसे इनकी दो सन्तानें जिनका नाम आशीष और कनुप्रिया है।

शिक्षा

गंगा प्रसाद विमल ने 1965 में पंजाब विश्विद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की।

करियर और योगदान

वे केंद्रीय हिंदी निदेशालय के निदेशक भी रह चुके थे। वे ओस्मानिया विश्विद्यालय और जेएनयू में शिक्षक भी रहे थे। वे दिल्ली विश्विद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज से भी जुड़े थे। हिंदी साहित्य जगत में ‘अकहानी आंदोलन’ के जनक के रूप में जाना जाता था। वे कवि, कहानीकार, उपन्यासकार और अनुवादक भी थे।

उन्होंने 12 से अधिक लघु कहानी संग्रह, उपन्यास और कविता संग्रह लिखे हैं। उनका पहला काव्य संग्रह साल 1967 में ‘विज्जप’ नाम से आया था। पहला उपन्यास ‘अपने से अलग’ साल 1972 में आया था। उनका पहला कहानी संग्रह ‘कोई भी शुरुवात’ साल 1967 में आया था। गंगा प्रसाद विमल ‘चंद्रकुंवर बर्थवाल संचयन’ का संपादन किया था।

उन्होंने प्रेमचंद तथा मुक्तिबोध पर किताबें लिखी थी। उनकी लगभग 20 से अधिक पुस्तकें छपी थीं। उन्हें कई राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले थे। उन्होंने उपन्यास, नाटक, आलोचना भी लिखीं तो कई रचनाओं का संपादन कार्य भी किया।

रचनाएँ – गंगा प्रसाद विमल की जीवनी

कविता संग्रह

उपन्यास

कहानी संग्रह

सम्मान एवं पुरस्कार

गंगा प्रसाद विमल को साहित्य और संस्कृति के लिये किये गये कार्यों पर दुनिया भर से अनेक पुरस्कारों एवं सम्मानों से नवाज़ा गया।

मृत्यु – गंगा प्रसाद विमल की जीवनी

गंगा प्रसाद विमल की 80 वर्ष की आयु में  दिसंबर 2019 को श्रीलंका में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। गंगा प्रसाद विमल अपनी बेटी और पोती के साथ यात्रा कर रहे थे जो उसी सड़क दुर्घटना में मारे गए।

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