आज इस आर्टिकल में हम आपको गीता फोगाट की जीवनी – Geeta Phogat Biography Hindi के बारे में बताएगे।
गीता फोगाट की जीवनी – Geeta Phogat Biography Hindi
(English – Geeta Phogat)गीता फोगाट एक भारतीय महिला फ्रीस्टाइल पहलवान
है।
वे फ्री स्टाइल कुश्ती कला में भारत के लिए गोल्ड जितने वाली पहली भारतीय महिला बन गई है।
संक्षिप्त विवरण
नाम | गीता फोगाट |
पूरा नाम | गीता फोगाट |
जन्म | 15 दिसंबर 1988 |
जन्म स्थान | बलाली, हरियाणा |
पिता का नाम | महावीर सिंह फोगाट |
माता का नाम | शोभा कौर |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति | – |
जन्म – गीता फोगाट की जीवनी
गीता फोगाट 15 दिसंबर 1988 को बलाली, हरियाणा में हुआ था।
उनके पिता का नाम महावीर सिंह फोगाट हैं तथा उनकी माता का नाम शोभा कौर है।
उनके परिवार में उनके माता पिता के अलावा इनके 6 भाई बहन है।
जिसमें इनकी अपनी तीन बहन है बबिता, ऋतू और संगीता तथा प्रियंका फोगाट और विनेश फोगाट इनके चाचा के बच्चे हैंगीता ने 20 नवंबर 2016 को पवन कुमार नामक पहलवान से शादी की है।
ऊँचाई और वजन
गीता फोगाट की ऊँचाई 5 फीट 3.5 इंच और उनका वजन 55 किलो हैं।
शिक्षा
Geeta Phogat कॉलेज की पढाई एमडीयु रोहतक हरियाणा से हुई है.
उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा भिवानी में ही हुई.
पहलवानी में जाने के बाद उनके पास समय ही नहीं बचता था और ना ही शरीर साथ देता था वो पहलवानी से थक जाती थी, जिससे उनकी पढाई पर भी असर पड़ता था।
करियर
फागट ने 19 और 21 दिसंबर 2009 के बीच पंजाब के जालंधर में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था।
2010 राष्ट्रमंडल खेलों – गीता फोगाट की जीवनी
उन्होंने स्वर्ण पदक मैच में ऑस्ट्रेलिया से एमिली बेनस्टेड को हराकर नई दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं
की कुश्ती में भारत का पहला स्वर्ण पदक जीता।
2012 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक
फीगैट ने कुश्ती फिला एशियाई ओलंपिक योग्यता टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता जो अप्रैल 2012 में कजाकिस्तान के अल्माटी में संपन्न हुआ। वह नेपाल के नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनएसएनआईएस), पटियाला में मुख्य कोच ओपी के मार्गदर्शन में कठोर प्रशिक्षण लेकर आये हैं।
फागट को कनाडा के टोनिया वेर्बेक (1 ‘3) ने अपने शुरुआती मुकाबले में पीटा था।
उसे कांस्य पदक जीतने का मौका मिला क्योंकि कनाडाई फाइनल में पहुंचे थे।
दोहराव दौर में, उसने यूक्रेन से लाज़ेरेवा से अपना पहला मैच गंवा दिया।
2012 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप
कनाडा में आयोजित 2012 के विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में, फोगट ने कांस्य पदक जीता।
पहले दौर में, फोगत ने रूस की मारिया गुरोवा का सामना किया, जिसमें उन्होंने 3: 1 को हराया।
जापान के साओरी योशिदा के खिलाफ दूसरे दौर में फोगाट के लिए 5: 0 का नुकसान हुआ।
फाइनल बनाने वाले जापानी गल्पर के साथ, फाोगट ने क्वेशाजिया के अकिज़िया दौस्तबेवा के खिलाफ पहले दोहराव के दौर में चुनाव लड़ा था,23 दिसंबर 2016 को प्रदर्शित हुई हिन्दी भाषी फ़िल्म दंगल उन्हीं पर आधारित है, जिसमें उनका किरदार फ़ातिमा सना शेख (युवावस्था) और ज़ायरा वसीम (किशोरावस्था) ने निभाया है जबकि आमिर ख़ान ने उनके पिता और प्रशिक्षक महावीर सिंह फोगाट का किरदार निभाया।
पुरस्कार और उपलब्धियां – गीता फोगाट की जीवनी
- 2009 का राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप, जिसमे 55 किलो ग्राम भार के पहलवानी में स्वर्ण पदक जीती। यह चैम्पियनशिप जालन्धर में हुआ था।
- इसके बाद 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों जो दिल्ली में आयोजित हुआ था, उसमे उन्होंने 55 किलो ग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. इसमें इन्होने ऑस्ट्रेलिया के एमिली बेन्स्तेद को हराया था.
- 2011 में राष्ट्रमंडल कुश्ती चैम्पियनशिप हुई थी, जोकि लन्दन के मेलबर्न में हुई थी. इसमें गीता ने 56 किलो ग्राम वर्ग की प्रतियोगता में स्वर्ण पदक जीता था.
- 2012 में विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 55 किलो ग्राम भार वर्ग में कास्य पदक जीता था. इसी साल गीता ने एफआईएलए (फिला एशियन ओलम्पिक क्वालिफिकेसन टूर्नामेट) में स्वर्ण पदक जीता. यह प्रतियोगिता 55 किलो ग्राम भार वर्ग की थी जिसको अस्ताना में आयोजित किया गया था। इसके साथ ही 2012 में ही गुमी में एशियन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता जोकि 55 किलो ग्राम के भार वर्ग की थी में कास्य पदक जीता था.
- 2013 में राष्ट्रमंडल पहलवानी चैम्पियनशिप खेलों में रजत पदक जीता था जो कि जोहान्सबर्ग में आयोजित की गई थी।
- इसमें गीता ने 59 किलो ग्राम भार वर्ग के प्रतियोगिता में भाग लिया था।
- 2015 में एशियन चैम्पियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन दोहा में हुआ था जो कि 58 किलो ग्राम भार वर्ग का था, इस प्रतियोगिता में बबिता फोगाट ने कास्य पदक प्राप्त किया था। यह प्रतियोगिता लॉस वेगास में हुई थी।
विवाद
दंगल फ़िल्म में उनके कोच पी आर सोंधी की कड़ी ट्रेनिग के बारे में जो दिखाया गया है, उस पर उनके कोच ने असहमति जताई थी। उन्होंने कहा की ये सच हो सकता है कि लडकियां दोहरी ट्रेनिंग से खुश नहीं थी,
जिसको गीता ने भी बताया की यह पूरी तरह सच नहीं है।
उन्होंने कहा की सोंधी हमारे अच्छे कोच रहे है।
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