ग़ुलाम नबी आज़ाद (English – Ghulam Nabi Azad) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रसिद्ध और वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। मनमोहन सिंह की सरकार के पहले कार्यकाल में ग़ुलाम नबी आज़ाद संसदीय कार्य मंत्री रहे और 27 अक्टूबर, 2005 तक इस पद पर रहे। इसके बाद वह जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। उनको 1982 में ‘कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय’ में केंद्रीय मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया था। 2005 में ग़ुलाम नबी आज़ाद को जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वे पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में मंत्री बनाया गया था।
ग़ुलाम नबी आज़ाद की जीवनी – Ghulam Nabi Azad Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण
नाम | ग़ुलाम नबी आज़ाद |
पूरा नाम, अन्य नाम | ग़ुलाम नबी आज़ाद |
जन्म | 7 मार्च, 1949 |
जन्म स्थान | सोती गांव, ज़िला डोडा, जम्मू और कश्मीर |
पिता का नाम | रहमतुल्लाह बट्ट |
माता का नाम | वासा बेगम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | – |
जाति | – |
जन्म
ग़ुलाम नबी आज़ाद का जन्म 7 मार्च, 1949 को जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में सोती गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम रहमतुल्लाह बट्ट तथा उनकी माता का नाम वासा बेगम था। ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1980 में एक प्रसिद्ध कश्मीरी गायिका शमीम देव आज़ाद से शादी की। उनके एक पुत्र सद्दाम नबी आज़ाद और एक बेटी सोफिया नबी आज़ाद हैं।
शिक्षा
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू से अपनी बैचलर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1972 में कश्मीर विश्वविद्यालय से जूलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस पूरा किया।
राजनीतिक करियर
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1973 में भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में काम करने के तुरंत बाद अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। दो साल बाद उन्हें जम्मू और कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। 1980 में उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से सातवीं लोक सभा के लिए चुने जाने के बाद ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1982 में कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय के प्रभारी उपमंत्री के रूप में केंद्र सरकार में प्रवेश किया। 1984 में वह आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए और राज्य सभा के रूप में महाराष्ट्र के पहले सदस्य (1990-1996) थे। पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान ग़ुलाम नबी आज़ाद ने संसदीय कार्य और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों का प्रभार संभाला।
2 नवंबर, 2005 को ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जून, 2008 में उनकी सरकार ने एक हिंदू मंदिर के बोर्ड में भूमि हस्तांतरण करने की योजना की घोषणा की। कई मुसलमानों को इस निर्णय ने नाराज किया और फलस्वरूप उनका विरोध शुरू हो गया। सात लोग हिंसा में मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक गठबंधन दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और अपनी सरकार को बनाए रखने की कोशिश करने की बजाय ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 7 जुलाई, 2008 को इस्तीफा दे दिया।