आज इस आर्टिकल में हमने आपको गोविंद नारायण सिंह की जीवनी के बारे में बताने जा रहे है. गोविन्द नारायण सिंह एक भारतीय राजनेता थे जो 30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे विन्ध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमन्त्री अवधेश प्रताप सिंह के बेटे थे। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको गोविन्द नारायण सिंह के जीवन के बारे में बताएगे
गोविन्द नारायण सिंह की जीवनी

जन्म
गोविन्द नारायण सिंह का जन्म 25 जुलाई, 1920 को रामपुर बघेलान मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम अवधेश प्रताप सिंह था वे विन्ध्य प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे। उनका विवाह मई, 1945 में श्रीमती पद्यावती देवी के साथ हुआ था। वे 5 बेटों और 1 बेटी के पिता थे। उनके बेटे हर्ष सिंह पहली बार 1980 में रामपुर बघेलान से विधायक चुने गए और फिर कांग्रेस बीजेपी और राष्ट्रीय समता दल की टिकट पर चुनाव जीते।
शिक्षा
गोविन्द नारायण सिंह ने एमए, एलएलबी की पढ़ाई की और उन्होने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पीएचडी किया।
करियर
1941 में आतंककारी कार्य के लिये नजरबन्द, 1942 के अगस्त आन्दोलन से 1944 तक कारावास। 1946 से 1947 के अन्त तक बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में लेक्चरर तथा गवेषणा कार्य भी किया।
1948 में भारतीय प्रशासन सेवा के लिये चुने जाकर विन्घ्यप्रदेश सरकार के अंतर्गत असिस्टेन्ट रीजनल कमिश्नर के पद पर नियुक्ति और कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे दिन ही पद त्याग। विद्यार्थी जीवन से ही बनारस में 1941 से 1946 तक विद्यार्थी संघ और विद्यार्थी कांग्रेस के अध्यक्ष में भी रहे ।
1952 के सामान्य निर्वाचन में विन्ध्यप्रदेश विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए । 1953 से 1957 तक विन्ध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी चार सालों तक रहे। विन्ध्यप्रदेश विधान सभा सदस्य के रूप में जागीरदारी उन्मूलन समिति, भू-राजस्व समिति, लोक लेखा समिति तथा अन्य विभिन्न समितियों में कार्य किया। मध्यप्रदेश विधान सभा की सदस्यता में 1957 से 1959 तक लोक लेखा समिति के सभापति। इसके बाद याचिका समिति के सभापति। उपमंत्री बनने पर सभापति के पद से त्यागपत्र दे दिया । प्रदेश कांग्रेस की चुनाव समिति के सदस्य। 15 अगस्त, 1960 से उप मंत्री, तत्पश्चात् उप गृह मंत्री तथा 27 मई, 1963 से उप मंत्री लोक कार्य (सिंचाई)। 30 सितम्बर, 1963 से स्थानीय शासन मंत्री, संविद शासन काल में मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश।
मृत्यु
गोविन्द नारायण सिंह की मृत्यु 10 मई, 2005 को हुई