गुलजार एक मशहूर गीतकार, शायर, लेखक और निर्देशक है। उनका वास्तविक नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है। उन्होने 1963 में आई फिल्म बंदिनी से बतौर गीतकार अपने करियर की शुरुआत की। दिल को छु लेने वाले शब्दों के इस्तेमाल से जज़्बातों को सामने रखना ही उनकी ताकत है।उन्होने कोशिश , परिचय, मौसम, आँधी जैसी फिल्में बनाई। इन्हे पद्मभूषण,साहित्य अकादमी, दादा साहेब फाल्के अवार्ड,के अलावा नेशनल फिल्म अवार्ड तथा एक ग्रैमी अवॉर्ड से भी नवाजा जा चुका है। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको गुलजार की जीवनी – Gulzar Biography Hindi के बारे में बताएगे।
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गुलजार की जीवनी – Gulzar Biography Hindi
जन्म
गुलज़ार का जन्म 18 अगस्त 1936 में दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत -अब पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता का नाम माखन सिंह कालरा तथा उनकी माता का नाम सुजान कौर था। गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। बचपन गुलजार में ही गुलजार माँ का देहांत हो गया। देश के विभाजन के वक्त उनका परिवार पंजाब के अमृतसर में आकर बस गया। वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले आए। मुंबई आकर उन्होंने एक गैरेज में बतौर मैकेनिक का करना शुरू कर दिया। वह खाली समय में शौकिया तौर पर कवितायें लिखने लगे। इसके बाद उन्होंने गैरेज का काम छोड़ हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के रूप में काम करने लगे। उनका विवाह अभिनेत्री राखी गुलजार के साथ हुआ था। लेकिन उनकी बेटी के जन्म के बाद वे अलग हो गए थे। लेकिन गुलजार साहब और राखी ने कभी भी एक-दूसरे से तलाक नहीं लिया। उनकी एक बेटी का नाम मेघना गुलजार हैं, जोकि एक फिल्म निर्देशक हैं।
करियर
उन्होने 1963 में आई फिल्म बंदिनी से बतौर गीतकार अपने करियर की शुरुआत की। साल 1968 में उन्होंने फिल्म आशीर्वाद का संवाद लेखन किया। इस फिल्म में अशोक कुमार नजर आये थे। इस फिल्म के लिए अशोक कुमार को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला था। इसके बाद उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों के गानों के बोल लिखे जिसके लिए उन्हें हमेशा आलोचकों और दर्शकों की तारीफें मिली। साल 2007 में उन्होंने हॉलीवुड फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर का गाना जय हो लिखा। उन्हें इस फिल्म के ग्रैमी अवार्ड से भी नवाजा गया। उन्होंने बतौर निर्देशक भी हिंदी सिनेमा में अपना बहुत योगदान दिया हैं। उन्होंने अपने निर्देशन में कई बेहतरीन फ़िल्में दर्शकों को दी हैं। जिन्हे दर्शक आज भी देखना पसंद करते हैं। उन्होंने बड़े पर्दे के अलावा छोटे पर्दे के लिए भी काफी कुछ लिखा है। जिनमे दूरदर्शन का शो जंगल बुक भी शामिल है। गुलजार की जीवनी – Gulzar Biography Hindi
रचनाएँ
रचना संग्रह
- कुछ और नज्में – नज़्म संग्रह
- छैंया-छैंया – गज़ल संग्रह
- यार जुलाहे – नज़्म एवं गज़ल संग्रह
- त्रिवेणी – त्रिवेणी संग्रह
- पुखराज – नज़्म एवं त्रिवेणी संग्रह
- रात पश्मीने की – नज़्म एवं त्रिवेणी संग्रह
- चौरस रात -लघु कथाएँ, 1962
- जानम -कविता संग्रह, 1963
- एक बूँद चाँद -कविताएँ, 1972
- रावी पार -कथा संग्रह, 1997
- रात, चाँद और मैं -2002
- खराशें -2003
प्रतिनिधि रचनाएँ
- किस क़दर सीधा सहल साफ़ है यह रस्ता देखो
- अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो, कि दास्ताँ आगे और भी है
- ज़ुबान पर ज़ायका आता था जो सफ़हे पलटने का
- हमें पेड़ों की पोशाकों से इतनी-सी ख़बर तो मिल ही जाती है
- दरख़्त रोज़ शाम का बुरादा भर के शाखों में
- एक नदी की बात सुनी…
- बारिश आने से पहले
- मेरे रौशनदान में बैठा एक कबूतर
- मकान की ऊपरी मंज़िल पर
- माँ उपले थापा करती थी
- किताबें झाँकती हैं
- यारम
- बोलिये सुरीली बोलियाँ
- बड़ी तकलीफ़ होती है
- प्यार वो बीज है
- बस एक लम्हे का झगड़ा था
- बीते रिश्ते तलाश करती है
- हम को मन की शक्ति देना
- पूरा दिन
- रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है
- देखो, आहिस्ता चलो
- ख़ुदा
- इक इमारत
- अभी न पर्दा गिराओ, ठहरो
- जगजीत: एक बौछार था वो…
- खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो?
- न आने की आहट
- मेरा कुछ सामान
- जय हो
- सपना रे सपना
- काली काली
- रोको मत टोको मत
- जंगल जंगल पता चला है
- लौटूंगी मैं
- तोते उड़ गए
- टैगोर
- बस एक चुप सी लगी है
- चौदहवीं रात के इस चाँद तले
- सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ पर
- पूरे का पूरा आकाश घुमा कर
- जिहाल-ए-मिस्कीं मुकों बा-रंजिश
- गुलज़ार की त्रिवेणियाँ
- मुझको भी तरकीब सिखा
- हिंदुस्तान में दो दो हिंदुस्तान दिखाई देते हैं
- ईंधन
- ज़िन्दगी यूँ हुई बसर तन्हा
- आदतन तुम ने कर दिये वादे
- आँखों में जल रहा है क्यूँ बुझता नहीं धुआँ
- चलो ना भटके
- दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई
- एक परवाज़ दिखाई दी है
- एक पुराना मौसम लौटा याद भरी पुरवाई भी
- हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
- मैं अपने घर में ही अजनबी हो गया हूँ आ कर
- नज़्म उलझी हुई है सीने में
- क़दम उसी मोड़ पर जमे हैं
- साँस लेना भी कैसी आदत है
- शाम से आँख में नमी सी है
- उदास नहीं
- स्पर्श
- वो ख़त के पुरज़े उड़ा रहा था
- इक जरा छींक ही दो तुम
- मौत तू एक कविता है
- अफ़साने
- रात भर सर्द हवा चलती रही
- वो जो शायर था चुप सा रहता था
- लैंडस्केप-1
- लैंडस्केप-2
- पेंटिंग-1
- पेंटिंग-2
- पेंटिंग-3
- स्केच
- वैन गॉग का एक ख़त
- कुछ और मंजर-1
- आम
- अमलतास
- खुमानी, अखरोट!
- रिश्ते बस रिश्ते होते हैं
- एक में दो
- कुछ खो दिया है पाइके
- किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से
- वक्त को आते न जाते न गुजरते देखा
- सितारे लटके हुए हैं तागों से आस्माँ पर
- बर्फ़ पिघलेगी जब पहाड़ों से
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प्रमुख फ़िल्में और टीवी सीरियल
- आँधी – 1975
- इजाजत -1987
- माचिस -1996
- हु तू तू -1999
- मौसम- 1975
- अंगूर- 1982
- परिचय – 1972
- कोशीश – 1972
- लेकिन – 1990
- Raazi – 2018
- मेरे अपने – 1971
- खुशबू – 1975
- किनारा – 1977
- किताब – 1977
- नमकीन – 1982
- आचनक – 1973
- लिबास – 1988
- दस काहनियाँ – 2007
- रुदाली – 1993
- जस्ट मैरिड – 2007
- मासूम -1983
- आनंद – 1971
- ओके जानू – 2017
- साथिया – 2002
- खामोशी – 1970
- गुड्डी – 1971
- मीरा – 1979
- बसेरा – 1981
- मिर्जा – 2016
- इश्किया – 2010
- बावर्ची -1972
- आशीर्वाद – 1968
- नमक हराम – 1973
- खुबसुरत – 1980
- डेढ़ इश्किया – 2014
- चुपके चुपके – 1975
- सदमा- 1983
- घरौंदा – Gharaonda -1977
- बंदिनी- 1963
- किल दिल – Kill Dil – 2014
- पलकों की छाँव में – 1977
- Do Dooni Char – 1968
- ज़रा सी ज़िन्दगी -1983
- महबूब की मेहंदी -1971
- एक अकार -1985
- फ़रार- 1975
- सुनीये – 1984
- एक पाल -1986
- क्या दिल्ली क्या लाहौर – 2014
- चाची 420 – 1997
- गृहप्रवेश -1979
- मिर्ज़ा ग़ालिब -1988
- किरदार -1993
- जंगल बुक
Songs
- Kabhi Yun Bhi To Ho – Khwahish – A Dream Come True · 2012
- Singaar Ko Rehne Do – Gulzar in Conversation with Tagore · 2016
- Tujhse Naraz Nahin Zindagi – Masoom · 1960
- Bujh Gaya Tha Kyun Diya – Gulzar in Conversation with Tagore · 2016
- Nakhriley – Kill Dil · 2014
- Rooh Dekhi Hai Kabhi – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Jagah Nahin Ab Dairy Mein – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Ek Kali Do Pattiyan – Main Aur Mera Saya · 1993
- Main Ghoomta Hoon – Gulzar in Conversation with Tagore · 2016
- Sunehari Koonje Jab – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Kabhi Kabhi Jab Main Baith Jaata Hoon – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Agar Aisa Bhi Ho Sakta – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Kill Dil – Sweeta · 2014
- Tere Aankhon Se Hi – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Raat Bhar Sard Hava Chalti Rahi – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Khalaaon Mein Tairate Jazeeron Mein – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Kab Aate Ho – Kab Aate Ho · 2005
- Os Padi Thhi Raat Bahut – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Khol Kar Bahon Ke Do – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Ek Lams Halka Subuk – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Sirf Ehsaas Ke Paas Ho Tum – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Us Din Ki Baat Hai – Main Aur Mera Saya · 1993
- Yaad Hai Ek Din – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Mafia Love
- Saans Lena Bhi – Gulzar’s Nazm · 2012
- Baarish – India Music Week · 2013
- Bas Ek Hi Sur Mein Ek Hi Laya Pe – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Pehle Se Kya Likha Thha – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Woh Khat Ke Purze – Marasim · 1999
- Din Kuchh Aise Guzaarta Hai Koi – Nazm, Vol. 1 & 2 · 2012
- Gulzar Speaks – Sehma Sehma -Marasim · 1999
- Kachche Rang
पुरस्कार
- वर्ष 1972 में ‘कोशिश’ फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले का पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1975 में ‘मौसम’ फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कारसे नवाजा जा चुका है।
- वर्ष 1987 में ‘इजाज़त’ फ़िल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 2009 में फ़िल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ में उनके गीत ‘जय हो’ को ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को देखते हुए वर्ष 2004 में उन्हें देश के तीसरे बड़े नागरिक सम्मान पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया।
- इसके अतिरिक्त गुलज़ार को वर्ष 2002 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ भी मिल चुका है।
- क़रीब चार दशकों से भारतीय सिने प्रेमियों को अपने गीतों का दीवाना बनाने वाले मशहूर गीतकार गुलज़ार को वर्ष 2013 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया गया है। गुलजार यह सम्मान पाने वाले 45वीं शख्सियत हैं।
- इसके अतिरिक्त उन्हें 1977, 1979, 1980, 1983, 1988, 1991,1998, 2002, 2005 आदि में सर्वश्रेष्ठ गीतकार का फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी मिल चुका है।