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हरेंन ठाकुर की जीवनी – Haren Thakur Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम  आपको हरेंन ठाकुर की जीवनी – Haren Thakur Biography Hindi के बारे में बताएगे।

हरेंन ठाकुर की जीवनी – Haren Thakur Biography Hindi

हरेंन ठाकुर को कोलकाता की ऑल इंडिया फाइन आर्ट अकादमी विश्व भारती कोलकाता का इंफॉर्मेशन सेंटर प्रवासी बंगाल क्लब, कनाडा तथा निवारक की कला संस्थाओं ने सम्मानित किया।

जन्म

झरिया में जन्मे हरेन ठाकुर ने अपनी चित्रकला के माध्यम से रांची को देशभर में प्रतिष्ठित किया है।

पेंटिंग के साथ-साथ स्कल्पचर में भी उन्हें महारत हासिल है।

इंडिया इंटरनेशनल सेंटर सहित कई प्रतिष्ठित स्थानों पर झारखंड से संबंधित उनकी पेंटिंग का प्रदर्शन हुआ है।

शिक्षा – हरेंन ठाकुर की जीवनी

हरेन ठाकुर ने शांतिनिकेतन से अपनी पढ़ाई की

करियर

हरेन ठाकुर 1976 से रांची में बच्चों को कला की शिक्षा दे रहे हैं।

फिलवक्त मेकॉन में आर्ट कंस्लटेंट पद पर काम कर रहे हैं। रॉक गार्डेन, श्रीकृष्ण पार्क, रेलवे स्टेशन, टूरिज्म डिपार्टमेंट में भी इनकी कला देखी जा सकती है। झारखंड, ऑल इंडिया फाइन आर्ट और केमलिन फाउंडेशन अवार्ड इन्हें मिल चुका है। सिटी के प्रमुख आर्ट गैलरी में इनकी पेंटिंग लगी हुई हैं।

इस पेंटिंग के बारे में हरेन ठाकुर कहते हैं कि यह प्यासा प्राणी भविष्य का संकेत दे रहा है। आज वह जिस प्रकार प्यास से छटपटा रहा है, उसी प्रकार यदि हम सचेत होगें, तो हमारी भी यही स्थिति हो सकती है। तालाब खत्म होते जा रहे हैं। इन प्राणियों के लिए तालाब-नदी ही प्यास बुझाने का माध्यम है। बोरिंग करके ये हमारी तरह पानी नहीं पी सकते। अपने फायदे के लिए हम अंधाधुंध बोरिंग करवा रहे हैं, जिससे धरती सूख रही है। कहां से आएगा इन नदियों में पानी। सूखा धरती के ऊपर ही नहीं, अंदर भी पड़ गया है।

मछली के माध्यम से दिखाया जिंदगी की जंग

हरेन ठाकुर कहते हैं कि इस चित्र में एक मछली के लिए भी पानी कम पड़ रहा है। नीचे मिट्टी से पानी खत्म होता जा रहा है। काला पड़ा पानी दर्शा रहा है कि अब हम खतरे के निशान को पार कर चुके हैं। लेकिन वह आकाश की ओर देख रही है, उसके मुंह में एक कमल का फूल है, जो दर्शाता है कि अभी भी उसे जिंदगी की आस है। होप ऑफ लाइफ है।

सम्मान – हरेंन ठाकुर की जीवनी

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