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हरिशंकर शर्मा की जीवनी – Harishankar Sharma Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको हरिशंकर शर्मा की जीवनी – Harishankar Sharma Biography Hindi के बारे मे बताएगे।

हरिशंकर शर्मा की जीवनी – Harishankar Sharma Biography Hindi

हरिशंकर शर्मा की जीवनी
हरिशंकर शर्मा की जीवनी

 

(English – Harishankar Sharma) हरिशंकर शर्मा भारत के प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, लेखक, व्यंग्यकार और पत्रकार थे।

संक्षिप्त विवरण

 

नामहरिशंकर शर्मा
पूरा नामहरिशंकर शर्मा
जन्म19 अगस्त, 1891
जन्म स्थानहरदुआगंज, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश
पिता का नामनाथूराम शंकर शर्मा
माता का नाम
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म
हिन्दू
जाति

जन्म

Harishankar Sharmaका जन्म 19 अगस्त 1891 ई. को उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जनपद के हरदुआगंज कस्बे में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित नाथूराम शंकर शर्मा था  जोकि हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। बचपन से ही उन्हें घर में साहित्यिक वातारण मिला था, जिसका पंडित जी पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ा। एक दिन वह भी आया कि वे राष्ट्र के मूर्धन्य साहित्यकारों में गिने जाने लगे थे।

शिक्षा – हरिशंकर शर्मा की जीवनी

हरिशंकर शर्मा की शिक्षा विधिवत् किसी स्कूल अथवा काँलेज में नहीं हुई थी। घर पर रह कर ही उन्होंने उर्दू, फ़ारसी, गुजराती तथा मराठी आदि भाषाओं का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया था।

पंडित जी के पिता के यहाँ अनेक साहित्यकार उनसें भेंट करने आया करते थे, जिनमें आचार्य पंडित पदमसिंह शर्मा प्रमुख थे। शर्मा जी अपने पिता के साथ इन साहित्यकारों की बातचीत को बड़े ध्यान से सुना करते थे।

आगे चलकर इसका लाभ शर्मा जी को मिला और उनके संपर्क तथा प्रभाव से अपने पिता की भांति एक दिन वे स्वंय एक कवि, लेखक, पत्रकार एवं व्यंग्यकार के रूप में विख्यात हो गए।

पत्रकार – हरिशंकर शर्मा की जीवनी

हरिशंकर शर्मा उच्च कोटि के पत्रकार थे। ‘आर्यमित्र’ तथा ‘भाग्योदय’ के अतिरिक्त आपने, ‘आर्य संदेश’, ‘निराला’, ‘साधना’, ‘प्रभाकर’, ‘सैनिक’, ‘कर्मयोग’, ‘ज्ञानगंगा’ तथा ‘दैनिक दिग्विजय’ आदि कई पत्र-पत्रिकाओं का कुशलता एवं स्वाभिमान के साथ सम्पादन किया था।

वे विविध विषयों से संबंधित साम्रगी के साथ-साथ सुरुचिपूर्ण हास्य-व्यंग्य की रचनाएँ भी प्रकाशित करते थे। इन रचनाओं के माध्यम से वे समाज में व्याप्त कुरीतियों, रूढियों तथा विभीषिकाओं पर कारारी चोट करते थे।

‘आर्यमित्र’ के सम्पादन के दिनों में सर्वश्री बनारसीदास चतुर्वेदी, डाँ.सत्येन्द्र तथा रामचन्द्र श्रीवास्तव जैसे सुयोग्य व्यक्तियों का सहयोंग उन्हें प्राप्त हुआ था।

‘आर्यमित्र’ का सम्पादन पंडित जी से पूर्व पंडित रूद्रदत्त शर्मा सम्पादकाचार्य तथा लक्ष्मीधर वाजपेयी ‘सर्वानन्द’ के नाम से कर चुके थे।

रचनाएँ

रत्नाकरअभिनव हिन्दी कोशहिन्दुस्तानी कोश
 घास-पातपिंजरा पोल चिड़ियाघर
 रामराज्य कृष्ण संदेशमहर्षि महिमा
वीरांगना वैभवमटकाराम मिश्रपाखंड
प्रदर्शनीगड़बड़ गोष्ठी
 हिन्दी साहित्य परिचयअंग्रेज़ी साहित्य परिचय

मृत्यु – हरिशंकर शर्मा की जीवनी

Harishankar Sharma की मृत्यु 9 मार्च 1968 को हुई।

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