आज इस आर्टिकल में हम आपको इंद्रपाल की जीवनी के बारे में जानकारी देना जा रहे है. इंद्रपाल एक स्वतन्त्रता सेनानी थे। उन्होने भगत सिंह और यशपाल के साथ मिलकर कई क्रांतिकारी गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको इंद्रपाल की जीवनी के बारे में बताएगे।
इंद्रपाल की जीवनी

जन्म
इंद्रपाल का जन्म 5 अप्रैल 1905 को नादौन में हुआ। उनका बचपन का नाम मंगत राम था.
करियर
अपनी शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होने कुछ समय के लिए शिक्षक के रूप में काम किया। इसके बाद में वे लाहौर चले गए और सुदर्शन चक्र पत्रिका का सम्पादन करने लगे। उन्होने भगत सिंह और यशपाल के साथ मिलकर कई क्रांतिकारी गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इंद्रपाल जी तुगलकाबाद के समीप बदरपुर गाँव में एक साधु के भेष में रहते थे। कई बमकांडों में भी उनका हाथ रहा था जिसके चलते उन्हे सिंहमुमरी जेल में सजा कटनी पड़ी। 1948 में महात्मा गांधी की हत्या का समाचार मिला तो वे इसे सुनकर बेहोश हो गए थे। जिसके बाद इनको बहुत सी यातनाएं सहन करनी पड़ी जिससे ये बीमार रहने लगे जिसके बाद इनको ब्रिटिश सरकार बेहोश होने के बावजूद बहार फेंक दिया जिसके कुछ दिनों बाद इनकी मृत्यु हो गई.
पंडित सुंदरलाल शर्मा की जीवनी – Pandit Sundarlal Sharma Biography Hindi
मृत्यु
इंद्रपाल की 13 अप्रैल 1948 को हुई थी.
आज इस आर्टिकल में हमने आपको इंद्रपाल की जीवनी के बारे में बताया इसको लेकर अगर आपका कोई सवाल या कोई सुझाव है तो आप नीचे हमें कमेंट कर सकते है.