आज इस आर्टिकल में हम आपको जे. पी. दत्ता की जीवनी – J. P. Dutta Biography Hindi के बारे में बताएगे।
जे. पी. दत्ता की जीवनी – J. P. Dutta Biography Hindi
जे. पी. दत्ता हिन्दी फ़िल्मों के एक निर्देशक हैं।
जे. पी. दत्ता ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1985 में फ़िल्म ‘ग़ुलामी’ से की थी।
1988 में जेपी दत्त को भारत के राष्ट्रपति से अपने सुपर हिट फिल्म सीमा के लिए ‘राष्ट्रीय एकीकरण पर सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
जन्म
जे. पी. दत्ता का जन्म 3 अक्टूबर, 1949 को बॉम्बे (मुम्बई), महाराष्ट्र में हुआ था।
उनका पूरा नाम ज्योति प्रकाश दत्ता है। उनके पिता का नाम ओ. पी. दत्ता था।
ओ. पी. दत्ता भी अपने समय के मशहूर फ़िल्म निर्माता-निर्देशक और संवाद लेखक रहे थे।
जे. पी. दत्ता को अपने पिता से ही फ़िल्में बनाने का सपना मिला था।
जे. पी. दत्ता ने अपने समय की हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध अभिनेत्री बिंदिया गोस्वामी से विवाह किया था।
उनकी दो बेटियाँ भी हैं। जिनका नाम निधि और सिद्धि है।
करियर – जे. पी. दत्ता की जीवनी
जेपी दत्त अपनी फिल्मों का निर्माण जेपी फिल्म्स के तहत करते हैं।
जेपी दत्त हिंदी सिनेमा में देशभक्ति युद्ध फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं।
इनकी फिल्मों में हमेशा ही अव्वल दर्जे की स्टारकास्ट शामिल होती है।
जे. पी. दत्ता ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1985 में फ़िल्म ‘ग़ुलामी’ से की थी।
वर्ष 1988 में जेपी दत्त को भारत के राष्ट्रपति से अपने सुपर हिट फिल्म सीमा के लिए ‘राष्ट्रीय एकीकरण पर सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के राष्ट्रीय स्तर के कारण, इसे अमेरिकी अकादमी पुरस्कारों के बराबर माना जाता है।
रक्षा मंत्रालय उन्हें अपनी युद्ध फिल्मों के लिए पूर्ण समर्थन देता है।
जेपी दत्त ने कई फ़िल्में लिखी हैं और निर्देशित भी की हैं, जिनमे रिफ्यूजी, एलओसी कारगिल, उमराव जान जैसी फ़िल्में शामिल हैं।
केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (2010) के लिए फीचर फिल्म सेक्शन जूरी की अध्यक्षता भी की। वर्ष 2013 में जेपी दत्ता ने वर्ष 1997 में खुद की निर्देशित फिल्म बॉर्डर का सीक्वल बनाने का एलान किया था।
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फिल्में
2006 – उमराव जान | 2003 – एल ओ सी कारगिल | 2000 – रिफ्युज़ी |
1997 – बॉर्डर | 1993 – क्षत्रिय | 1989 – बटवारा |
1989 – हथियार | 1988 – यतीम | 1985 – गुलामी |
पुरस्कार
- 1998 – फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार – बॉर्डर
- 1988 में जेपी दत्त को भारत के राष्ट्रपति से अपने सुपर हिट फिल्म सीमा के लिए ‘राष्ट्रीय एकीकरण पर सर्वश्रेष्ठ फ़ीचर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
रोचक तथ्य – जे. पी. दत्ता की जीवनी
- उन्होने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 1985 में फ़िल्म ‘ग़ुलामी’ से की थी।
- 1997 में उन्होंने ब्लॉक बस्टर फ़िल्म बनाई ‘बॉर्डर’। यह फ़िल्म सुपर-डुपर हिट रही।
- उन्होने अपने करियर में ‘रिफ्यूजी’ के बाद वर्ष 2003 में जे. पी. दत्त ने कारगिल पर आधारित फ़िल्म ‘एल ओ सी करगिल’ बनाई।
- 2006 में उन्होंने पीरियोडिक फ़िल्म ‘उमराव जान’ बनाई, जिसमें अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय की जोड़ी एक साथ दिखाई दी। यह फ़िल्म भी उनकी कुछ हिट फ़िल्मों में से एक है।
- 2013 में जेपी दत्ता ने वर्ष 1997 में खुद की निर्देशित फिल्म बॉर्डर का सीक्वल बनाने का एलान किया था।
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