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जवाहरलाल नेहरु की जीवनी – jawaharlal-nehru Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको जवाहरलाल नेहरु की जीवनी – jawaharlal-nehru Biography Hindi के बारे में बताएंगे।

जवाहरलाल नेहरू की जीवनी

जवाहर लाल नेहरु की जीवनी
जवाहर लाल नेहरु की जीवनी

जवाहरलाल नेहरू, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे और स्वतंत्रता के पूर्व और बाद की भारतीय राजनीति में केंद्रीय व्यक्तित्व है।

महात्मा गांधी के संरक्षण में, भी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने 1947 में भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर 1964 तक अपने निधन के समय तक उन्होंने शासन किया. भारत के स्वतंत्रता में उनका बहुत बड़ा योगदान है।

जन्म

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में इलाहाबाद में हुआ था।

उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी था।

उनका पूरा नाम पंडित जवाहरलाल नेहरू था।

उनके पिता जवाहरलाल नेहरू उनके इकलौते पुत्र और 3 पुत्रियां थी।

जवाहरलाल नेहरू को बच्चो से बढ़ा ही लगाव था और वे बच्चों को देश का भावी निर्माता मानते थे।

1916 में उनकी शादी कमला नेहरू से हुई।

1917 में इनके घर में एक बेटी ने जन्म लिया जिसका नाम प्रियदर्शनी रखा गया।

जो कि भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी। जिन्हें हम इंदिरा गांधी के नाम से जानते हैं।

शिक्षा – जवाहरलाल नेहरु की जीवनी

नेहरू को दुनिया के बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिला था।

उन्होने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैरो कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिट लंदन से पूरी की।

उन्होने लॉ की डिग्री कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की।

हैरो और लंदन के बीच में पढ़ाई करके 1912 में नेहरू जी ने बार-एट-लॉ की उपाधि ग्रहण की और वह बार में बुलाए गए। इंग्लैंड दोनों ने 7 साल बिताए जिसमें वहां के फैबियन समाजवाद और आयरिश राष्ट्रवाद के लिए एक तर्कसंगत दृष्टिकोण विकसित किया.

योगदानऔर संघर्ष

जवाहरलाल नेहरू द्वारा लिखी गई किताबें

पंडित जवाहरलाल नेहरू एक अच्छे नेता और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं बल्कि वह एक अच्छे लेखक भी थे।

उनकी कलम के द्वारा लिखा हुआ हर एक शब्द सामने वाले पर गहरा असर डालता था।

इसके साथ साथ ही उनके किताबें पढ़ने के लिए काफी उत्साहित रहते थे।

उनके द्वारा लिखी गई आत्मकथा पुस्तक 1936 में प्रकाशित की गई थी।

इसके साथ-साथ उन्होंने कई अन्य किताब भी लिखी उनके नाम इस प्रकार हैं-

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सम्मान

मृत्यु – जवाहरलाल नेहरु की जीवनी

चीन के साथ हुए युद्ध के थोड़े वक्त बाद ही जवाहरलाल नेहरू का स्वास्थ्य बिगड़ गया।

इसके बाद मई 1964 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।

जवाहरलाल जैसे महापुरुष की मृत्यु के बाद भारत के देशवासियों को बहुत गहरा दुख पहुंचा था क्योंकि उन्होंने अपने अच्छे व्यक्तित्व की छाप हर किसी पर छोड़ी थी।  वह एक लोकप्रिय राजनेता थे वहीं उनकी कुर्बानी और योग दानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस लिए उनकी याद में कई सड़कें, जवाहरलाल नेहरू स्कूल, जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल इत्यादि को बनाने की शुरुआत की गई।

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