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जुही चावला की जीवनी – Juhi Chawla Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको जुही चावला की जीवनी – Juhi Chawla Biography Hindi  के बारे में बताएगे।

जुही चावला की जीवनी – Juhi Chawla Biography Hindi

जुही चावला एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, मॉडल, फिल्म निर्माता है।

उन्होने अपने करियर की शुरुआत  1986 में फिल्म सल्तनत से की।

उन्होने बंगाली, पंजाबी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु भाषा फिल्मों के
अलावा मुख्य रूप से हिंदी भाषा फिल्मों में काम किया है।

जूही चावला ने 1984 में मिस इंडिया का खिताब हासिल कर चुकी हैं और साथ ही वो 1984 में ही मिस युनिवर्स बेस्ट कॉस्टयूम का भी अवार्ड जीती हैं।

जन्म

जूही चावला का जन्म 13 नवंबर 1967 को अंबाला, हरियाणा में हुआ।

उनके पिता का नाम एस चावला   और मां का नाम मोना चावला है।

उनके बड़े भाई का नाम बॉबी चावला है और उनकी बहन का नाम सोनिया चावला है।

जूही के पिता पंजाबी और माता गुजराती हैं।

उनके पिता भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी थे।

जूही चावला की धडी बिजनेसमैन जय मेहता से हुई है,

उनके दो बच्चे भी हैं उनके बेटे का नाम अर्जुन और उनकी बेटी का नाम जहान्वी है।

जय मेहता और जूही चावला इंडियन प्रीमियर लीग टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के सह-मालिक हैं, जिन्होंने शाहरुख खान के साथ अपनी कंपनी रेड मिर्च एंटरटेनमेंट के तहत भागीदारी की। उनके भाई बॉबी चावला लाल मिर्च एंटरटेनमेंट के सीईओ थे।

शिक्षा

जूही चावला ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा फ्रंट कॉन्वेन्ट स्कूल मुंबई से की.

उन्होंने आगे की पढ़ाई सिडनहम कॉलेज मुंबई से की. जूही ने क्लासिकल डांस और सिंगिंग की ट्रेनिंग भी ली है

पढ़ाई खत्म करने के बाद जूही ने वर्ष 1984 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपने खिताब नाम किया, साथ ही उन्होंने 1984 में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ कॉस्टयूम पुरस्कार भी जीता।

करियर – जुही चावला की जीवनी

उन्होने अपने करियर की शुरुआत 1986 में फिल्म सल्तनत से की, हालांकि यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर विफल रही, इसके बाद 1987 में जूही ने कन्नडा सिनेमा की फिल्म प्रेमलोक से की, फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर सफल रही और जूही को काफी सरहाना मिली।

इसके बाद जूही को  1988 में फिल्म कयामत से कयामत तक फिल्म मिली, इस फिल्म में जूही के साथ आमिर खान की जोड़ी बड़े पर्दे पर नजर आई, फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई और इसके बाद जूही ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होने बंगाली, पंजाबी, मलयालम, तमिल, कन्नड़ और तेलुगु भाषा फिल्मों के अलावा मुख्य रूप से हिंदी भाषा फिल्मों में काम किया है।

फिल्म

लक बाई चांस क्रेजी 4किस्मत कनेक्शनभूतनाथ
सलाम-ए-इश्कओम शांति ओम 7½ फेरेदोस्ती
पहेलीहोम डिलीवरीतीन दीवारेंझंकार बीट्स
आमदनी अठन्नी खर्चा रुपइयावन टू का फोरएक रिश्ता गैंग
कारोबारफिर भी दिल है हिन्दुस्तानीशहीद ऊधम सिंहअर्जुन पंडित
सफारीझूठ बोले कौआ काटेडुप्लीकेटमिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी
सात रंग के सपनेदीवाना मस्तानाइश्कयेस बॉस
दरारबंदिशतलाशीराम जाने बेला
कर्तव्यआतंक ही आतंकनाजायज़ईना मीना डीका
साजन का घरअंदाज़द जेंटलमैनपरमात्मा
भाग्यवानघर की इज्जतडरहम हैं राही प्यार के
लुटेरेइज़्ज़त की रोटीआइनाशतरंज राधा
तड़ीपारपहला नशाकभी हाँ कभी नाबोल राधा बोल
दौलत की जंगमेरे सजना साथ निभानाराधा का संगमबेवफ़ा से वफ़ा
राजू बन गया जेंटलमैनबेनाम बादशाहभाभी आशातुम मेरे हो
सी आई डीशानदारकाफ़िलास्वर्ग ज्योति
ज़हरीलेलव लव लवकयामत से कयामत तकसल्तनत

टीवी सीरियल

सामाजिक कार्य

जूही चावला राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय तौर पर बहुत से सामाजिक कार्यों एवं उद्देश्यों से जुडी हुई हैं।

थेलेसेमिया के खिलाफ जंग में उन्होंने बहुत से सराहनीय कार्य किये ऑर दान भी खड़ा किया।

मोबाइल फ़ोन रेडिएशन के से होने वाली हानि के बारे में जागरूकता फैलाने में भी उन्होंने अहम् योगदान दिया है।

स्कूलों में भेंट देना, सेमीनार आयोजित करना एवम नागरिकों के साथ काम करते हुए मंत्रियों ऑर अधिकारियों तक अपनी बात पहुचने में वे हमेशा आगे रही हैं।

उनके इसी कार्य के कारण उन्हें इंदिरा गांधी मेमोरियल अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चूका है।

आई.पी.एल क्रिकेट टीम

2008 में जूही ऑर पति जय मेहता ने शाहरुख़ खान के साथ सहभागिता में आई पी एल की कोलकाता फ्रेंचाइस के अधिकार ख़रीदे। यह एक टी-20 क्रिकेट टीम है।

यह सौदा 300 करोड़ रूपये में हुआ जो की करीबन 75 मिलियन डॉलर के बराबर है।

इस टीम का नाम कोलकाता नाईट राइडर्स है।

2009 में यह टीम आई पी एल के सब से ज्यादा पैसा कमाने वाली टीम बन गयी ऑर साथ ही साथ सबसे बड़ी ब्रांड(42.1 मिलियन डॉलर) भी। वित्तीय तौर पर भी यह टीम सबसे ज्यादा लाभ देने वाली टीम बन गयी है। शरुआती दौर में खराब खेल ऑर विवादों में घिरे रहने के बाद सन  2012 में टीम ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए आई पी एल का खिताब अपने नाम किया।

पुरस्कार – जुही चावला की जीवनी

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