कल्याण सिंह ( English – Kalyan Singh ) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वे जनवरी 2015 से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बने। इससे पहले उन्हे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी नियुक्त किया गया।
वे दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल निर्वाचित किया गया।
उन्हें कट्टरपंथी हिन्दुत्व वादी के रूप में जाना जाता है और बाबरी मस्जिद विध्वंस में उनका कार्य विवादों से घिरा हुआ है।
कल्याण सिंह की जीवनी – Kalyan Singh Biography in Hindi

संक्षिप्त विवरण
नाम | कल्याण सिंह |
पूरा नाम | कल्याण सिंह लोधी राजपूत |
जन्म | 5 जनवरी 1932 |
जन्म स्थान | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | तेजपाल सिंह लोधी |
माता का नाम | सीता |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति | लोधी |
जन्म
कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अलीगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
उनके पिता का नाम तेजपाल सिंह लोधी और उनकी माता का नाम सीता था। उनकी पत्नी का नाम रामवती है।
कल्याण सिंह के एक बेटा और एक बेटी है।
कल्य़ाण सिंह के बेटे राजवीर सिंह राजू भैया भारतीय जनता पार्टी के एटा से सांसद हैं।
करियर
कल्याण सिंह जून,1991 में उत्तर प्रदेश के पहली बार मुख्यमंत्री बने। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया।
कल्याण सिंह 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अत्रौली और कास्गंज से विधायक निर्वाचित किए गए।
चुनावों में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभर कर सामने आया लेकिन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी-बहुजन समाज पार्टी ने गठबन्धन सरकार बनायी और विधान सभा में कल्याण सिंह विपक्ष के नेता बने।
वे सितम्बर 1997 से लेकर नवम्बर 1999 तक दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए।
21 अक्टूबर 1997 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
कल्याण सिंह पहले से ही कांग्रेस विधायक नरेश अग्रवाल के सम्पर्क में थे और उन्होंने जल्द ही नयी पार्टी लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और 21 विधायकों का समर्थन दिलाया।
इसके लिए उन्होंने नरेश अग्रवाल को ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा।
दिसम्बर1999 में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी 2004 में दोबारा भाजपा से जुड़ गए । 2004 के आम चुनावों में कल्याण सिंह ने बुलन्दशहर से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा का चुनाव लड़ा।
2009 में उन्होंने एक बार फिर से भाजपा को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये।
कल्याण सिंह ने 4 सितम्बर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली और उन्हें जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया।