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कंचन चौधरी भट्टाचार्य की जीवनी – Kanchan Chaudhary Bhattacharya Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको कंचन चौधरी भट्टाचार्य की जीवनी – Kanchan Chaudhary Bhattacharya Biography Hindi के बारे में बताएगे।

कंचन चौधरी भट्टाचार्य की जीवनी – Kanchan Chaudhary Bhattacharya Biography Hindi

कंचन चौधरी भट्टाचार्य देश की पहली महिला डीजीपी थी।

1973 बैच की आईपीएस अफसर कंचन चौधरी भट्टाचार्य 2004 में उत्तारखंड की डीजीपी बनी थीं।

31अक्टूबर 2007 को सेवा से सेवानिवृत्त हुई। वह किरण बेदी के बाद इस देश की दूसरी महिला आईपीएस अधिकारी है।

उन्होने थोड़े समय पूर्व  राजनीति में कदम रखा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हरिद्वार, उत्तराखंड से 2014  के भारतीय आम चुनाव में भाग लिया।

जन्म

कंचन चौधरी भट्टाचार्य का जन्म 1947 को हिमाचल प्रदेश में हुआ था।

उनके पिता का नाम मदन मोहन चौधरी था।

उनके पति का नाम देव भट्टाचार्य  है और उनकी दो बेटियाँ है।

उनकी बहन का नाम कविता चौधरी है ।

जिन्होने 80 के दशक में दूरदर्शन पर  कंचन चौधरी भट्टाचार्य पर आधारित ‘उड़ान’ नाम एक सीरीयल भी पेश किया था, जिसने उस समय काफी सुर्खियां बटोरी थीं

शिक्षा – कंचन चौधरी भट्टाचार्य की जीवनी

कंचन चौधरी ने राजकीय महिला महाविद्यालय अमृतसर से शिक्षा प्राप्त की थी ।

इसके बाद बाद में उन्होंने अपनी पोस्ट-स्नातक स्तर की पढ़ाई अंग्रेजी साहित्य में दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से पूरी की। उन्होने 1993 में न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया के यूनिवर्सिटी ऑफ वोलांगगॉन्ग से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर की डिग्री प्राप्त की।

करियर

उनके पास 33 वर्ष के कार्य का एक शानदार अनुभव है।

वे किसी राज्य की डीजीपी बनने वाली पहली महिला है और उन्होंने उत्तराखंड राज्य के डीजीपी के रूप में अपनी सेवाएँ प्रदान की। वह 1973 में आईपीएस में शामिल होने वाली दूसरी अधिकारी और उत्तर प्रदेश कैडर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं।

उन्हें भारत की और से इंटरपोल की बैठक में प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित किया गया जोकि कैनकन, मेक्सिको में 2004 में आयोजित की गयी थी। उन्होंने 1980 के बाद से कई विशेष प्रशिक्षणों और पाठ्यक्रमों में भाग लिया, जैसे, छह हफ्ते मानव संसाधन प्रबंधन (NITIE), बॉम्बे में, एक सप्ताह आर्थिक अपराध जांच प्रबंधन सिंगापुर में ब्रिटेन के कॉमनवेल्थ सचिवालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में, और तीन सप्ताह हैदराबादकी राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के उन्नत प्रबंधनक कार्यक्रम में।

उत्तराखंड पुलिस की और से सर्व भारतीय महिला पुलिस के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने दुसरे महिला पुलिस सम्मेलन की मेजबानी की जिसकी भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक उत्कृष्ट प्रदर्शन के रूप में प्रशंसा की गयी थी। उन्हें अपनी ईमानदारी और आम आदमी की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता के लिए काफी अधिकारियों के बीच में से डीजीपी चयनित किया गया था। उन्होंने पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो की ओर से महिलाओं की पुलिस में भर्ती और प्रशिक्षणजारी रखने जेसे मुद्दों को भारत में पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में उठाया।

31अक्टूबर 2007 को सेवा से सेवानिवृत्त हुई।

उन्होने थोड़े समय पूर्व  राजनीति में कदम रखा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में हरिद्वार, उत्तराखंड से 2014  के भारतीय आम चुनाव में भाग लिया। 2014 में आम आदमी पार्टी के टिकट से हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गई थीं

पुरस्कार – कंचन चौधरी भट्टाचार्य की जीवनी

लम्बी और मेधावी सेवाओं के लिए 1989 में राष्ट्रपति पदक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए 1997 में राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया।
हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन और उत्कृष्ट महिला प्राप्तकर्ता 2004 में राजीव गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मृत्यु

कंचन चौधरी भट्टाचार्य का सोमवार 26 अगस्त 2019 की रात को मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया,

जहां पिछले पांच-छह महीनों से उनका इलाज चल रहा था।

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