जीवनी हिंदी

काशीनाथ नारायण दीक्षित की जीवनी -Kashinath Narayan Dikshit Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको काशीनाथ नारायण दीक्षित की जीवनी -Kashinath Narayan Dikshit Biography Hindi के बारे में बताएगे।

काशीनाथ नारायण दीक्षित की जीवनी -Kashinath Narayan Dikshit Biography Hindi

काशीनाथ नारायण दीक्षित की जीवनी
काशीनाथ नारायण दीक्षित की जीवनी

kashinath narayan dikshit भारतीय पुरातत्व के विद्वान थे।

उन्होंने भारतीय संग्रहालयों का अखिल भारतीय संघ स्थापित कराया।

पुरातत्व विषय में विशेष योग्यता प्राप्त करने बाद उन्होने सबसे पहले मुंबई और लखनऊ के संग्रहालयों के ‘क्यूरेटर’ के रुप में कार्य किया।

आपने मोहन जोदड़ो तथा पहाड़पुर के पुराताविक उत्खनन कार्य का निर्देशन किया।

वे पुरातत्व के तीनों अंगों – लिपि, अभिलेख तथा मुद्राशास्त्र के विशेषज्ञ थे।

1920 में काशीनाथ नारायण दीक्षित ‘आर्कियालाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया’ के अधीक्षक नियुक्त हो गये।

 

जन्म

काशीनाथ नारायण दीक्षित का जन्म  21 अक्टूबर 1889 को महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ।

शिक्षा – काशीनाथ नारायण दीक्षित की जीवनी

महाराष्ट्र के पंढरपुर से प्रारंभिक अध्ययन करने के बाद उन्होने सांगली में अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की।

एम. ए. (संस्कृत) में विशेष योग्यता प्राप्त करने के कारण मुम्बई विश्वविद्यालय के सभी पुरस्कार और वृत्तियाँ प्राप्त कीं।

करियर

पुरातत्व विषय में विशेष योग्यता प्राप्त करने बाद उन्होने सर्वप्रथम मुंबई और लखनऊ के संग्रहालयों के ‘क्यूरेटर’ के रुप में कार्य किया। 1920 में काशीनाथ नारायण दीक्षित ‘आर्कियालाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया’ के अधीक्षक नियुक्त हो गये। योग्यता के बल पर उनकी नियुक्ति 1937 में डायरेक्टर जनरल ऑफ आर्कियालाजी के पद पर हो गई।

काशीनाथ नारायण दीक्षित मोहन जोदड़ो पहाड़पुर के उत्खनन कार्य का निर्देशन किया।  गुजरात में प्रागऐतिहासिक युग संबंधी उत्खनन को भी आरम्भ कराया था। काशीनाथ, पुरातत्व के तीनों अंगों- लिपि, अभिलेख तथा मुद्राशास्त्र के विशेषज्ञ थे।

1943 की अलीगढ़ इतिहास कांग्रेस के भी अध्यक्ष काशीनाथ नारायण दीक्षित थे। एएसआई ने बरेली के पास अहिछत्र में बड़े पैमाने पर खुदाई की। दीक्षित 1944 में सेवानिवृत्त हुए ।

Read This -> नारायण मल्हार जोशी की जीवनी – N. M. Joshi Biography Hindi

मृत्यु

काशीनाथ नारायण दीक्षित की  12 अगस्त 1946 को मृत्यु हो गई।

इसे भी पढ़े – 20 अक्टूबर का इतिहास – 20 October History Hindi

Exit mobile version