Biography Hindi

लाला मुरलीधर की जीवनी – Lala Murlidhar Biography Hindi

लाला मुरलीधर को “ग्रैण्ड ओल्ड मैन ऑफ पंजाब”(Great Old Man of Punjab)भी कहॉं जाता है। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको लाला मुरलीधर की जीवनी – Lala Murlidhar Biography Hindi के बारे में बताएगे।

लाला मुरलीधर की जीवनी – Lala Murlidhar Biography Hindi

योगदान

  • उनका पूरा नाम रायबहादुर लाला मुरलीधर था।
  • आपको सरकार ने केसर-ए-हिन्द व रायसाहब की उपाधि दे रखी थी।
  • परन्तु पदवी आदि का दान भी आपको देश सेवा के रास्ते से नहीं हटा सका।
  • आपने सरकार की शराब द्वारा करोड़ांे रूपये बनाने की भी आलोचना की।
  • आपने दिसम्बर 1885 में बम्बई में कांग्रेस के आरम्भिक अधिवेशन में भाग लिया।
  • तत्पश्चात उन्होंने मांग की कि विधान परिषद के सदस्य लोगों के द्वारा चुने हुए होने चाहिए।
  • लाला मुरलीधर को “ग्रैण्ड ओल्ड मैन ऑफ पंजाब” (great old man of punjab)भी कहॉं जाता है।
  • मुरलीधर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। आप अम्बाला में वकालत करते थे।
  • लाला मुरलीधर ने 1885 में उत्तर पश्चिम सीमा प्रान्त और पंजाब में विधान परिषद स्थापित करने की मांग की थी।

योगदान

  • खैर-अन्देश के माध्यम से आप ने अधिकारियों के अत्याचार, भ्रष्टाचार, लालफीताशाही और पक्षपात के विरूद्ध आवाज उठाई।
  • आपने ब्रिटिश सरकार की आर्थिक नीति पर भी प्रहार किया। आपने भारतीय निर्धनता के लिए इंग्लैण्ड को उत्तरदायी ठहराया।
  • आपने प्रैस के माध्यम से भी अपने विचार रखे। आपने 1889 में अम्बाला से खैर-अन्देश साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया।
  • 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग हत्याकांड हुआ और इसी कारण समुचे में हरियाणा तीव्र उत्तेजना पैदा हो गई।
  • इसके विरोध में लाला मुरलीधर ने “सर ” व “राय बहादुर ” की उपाधि त्याग दी।
  • 1880 में सिक्खों ने सिक्ख सभा बनाई। 1885 में जब कांग्रेस का प्रथम सम्मेलन बॉम्बे में हुआ तो 72 अनुयायियों में से एक प्रान्त पंजाब (हरियाणा) की तरफ से एकमात्र लाला मुरलीधर जी ही गए थे ।

1891 के नागपुर अधिवेशन में लाला मुरलीधर पहले कांग्रेसी थे जिन्होंने अंग्रेजी गुलामी से छुटकारा पाने के लिए स्वदेशी का हथियार अपनाने को कहा था।

आपने सितम्बर 1920 के विशेष कलकत्ता अधिवेशन में भी भाग लिया। आपने असहयोग आन्दोलन के दौरान राय सहाब, केसर-ए-हिन्द की उपाधि तथा प्रमाण पत्र भी लौटा दिए।

22-24 अक्तूबर 1920 को अम्बाला डिविजन की पहली कान्फ्रेन्स भिवानी में आयोजित की गई।

जिसका सभापतित्व आपने किया। महात्मा गांधी, मौलाना अबुल कलाम आजाद और अली बंधुओं ने सभा को सम्बोधित किया।

इसमे राजस्थान और हरियाणा के पडोसी जिलों के हजारों लोगों ने भाग लिया था।

इसमें महात्मा गांधी जी ने असहयोग आन्दोलन की विशेषताओं पर चर्चा की और आशा की कि लोग सफलतापूर्वक कार्यक्रम को क्रियान्वित करेंगे तथा पंजाब और खिलाफत आन्दोलन के प्रश्न पर सरकार की नीतियों की आलोचना करेंगे।

मृत्यु

25 अप्रैल, 1924 को पंजाब के वयोवृद्ध नेता का अम्बाला में निधन हो गया

मोहम्मद रफी की जीवनी – Mohammad Rafi Biography Hindi

 

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close