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मेजर मोहित शर्मा की जीवनी – Major mohit sharma biography hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको मेजर मोहित शर्मा के बारे में जानकारी देंगे-

मेजर मोहित शर्मा की जीवनी
मेजर मोहित शर्मा की जीवनी

मेजर मोहित शर्मा की जीवनी – Major mohit sharma biography hindi

मेजर मोहित शर्मा एक भारतीय सेना अधिकारी थे. ये 1 पैरा स्‍पेशल फोर्स के कमांडो थे, वे भारत माता के वो वीर बेटे थे, जिन्होंने अकेले अपने दो मित्रों को बचाते हुए 25 आतंकियों को मार गिराया था.
मेजर मोहित शर्मा का जन्म रोहतक हरियाणा में हुआ था. वे भारत देश के गौरव हैं इनके साहस को हमेशा याद रखा जाएगा इन्होनें अपने देश के लिए जान दी थी.आइए हम आपको उनके जीवन से परिचित कराते हैं.

जन्म

मेजर मोहित शर्मा का जन्म सन 13 जनवरी 1978 में हरियाणा के रोहतक ज़िले में हुआ था.

शिक्षा

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मानव स्थली स्कूल दक्षिण एक्सटेंशन दिल्ली से की उसके बाद वो हॉली एंजल स्कूल साहिबाबाद गए. 12 वी तक की शिक्षा के लिए DPS ग़ाज़ियाबाद गए. जहाँ से उन्होंने सन 1995 में अपनी 12 वी परीक्षा पास की उसी दौरान वो NDA की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे.

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परिवार

वे अपने माता पिता की दूसरी संतान थे. इनका घर का नाम माइक था. उनके परिवार में उनके माता पिता और एक भाई भी था. मेजर मोहित शर्मा के पिता का नाम राजेंद्र प्रसाद शर्मा है, ये एक बैंक मैनेजर है. मोहित की माता का नाम सुशीला शर्मा है. मोहित शर्मा की पत्नी का नाम मेजर ऋषिमा शर्मा है, इनकी पत्नी भारतीय सेना में मेजर है. मोहित के भाई का नाम मधु शर्म है. एनडीए की परीक्षा पास करने के कुछ सालों बाद मोहित शर्मा की शादी रिशीमा शर्मा से हुई.

मृत्यु

इस समय इनकी पोस्टिंग कश्मीर में थी. उस समय मार्च 2009 में हफरुदा के जंगल में आतंकियों का पता चलने पर मोहित शर्मा अपने कमांडों के साथ पता करने चल दिए. आतंकियों हमले के कारण 21 मार्च 2009 को गोली लगने से उनकी मृत्यु हो गई. गोली लगने के बाद भी उन्होंने असाधारण वीरता दिखाते हुए कई आतंकियों को मार गिराया,
इसके लिए उनके मरणोपरांत असाधारण वीरता के लिए अशोक चक्र वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 2019 में, दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन ने राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन का नाम बदलकर “मेजर मोहित शर्मा (राजेंद्र नगर) मेट्रो स्टेशन” रख दिया। इस ऑपरेशन को जिस में ये शहीद हुए थे जिस समय ये लीड कर रहे थे उसे ऑपरेशन का नाम रक्षक रख दिया गया है.

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