मणि रत्नम की जीवनी – Mani Ratnam Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको मणि रत्नम की जीवनी – Mani Ratnam Biography Hindi के बारे में बताएगे।

मणि रत्नम की जीवनी – Mani Ratnam Biography Hindi

मणि रत्नम की जीवनी - Mani Ratnam Biography Hindi

मणि रत्नम भारत के प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-निर्देशक हैं।

वे तमिल तथा हिन्दी फ़िल्मों के निर्देशक हैं।

उनकी पहली फिल्म 1983 में कन्नड भाषा में आई पल्लवी अनु पल्लवी ने ठीक – ठाक बिजनेस किया, जिसमें अनिल कपूर ने लीड रोल प्ले किया था।

इस फिल्म को कर्नाटक ने पुरस्कृत किया था।

अपनी फिल्मों के माध्यम से लव स्टोरी, पोलिटिकल ड्रामा और आतंकवाद को दिखाने के लिए जाने जाते है।

उन्हे 6 बार नेशनल अवार्ड और इसके साथ ही पदमश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है।

उन्होने रोजा बांबे, दिल से, गुरु और सथिया जैसी कई बेहतरीन फिल्में बना चुके है।

जन्म

मणि रत्नम का जन्म 2 जून 1956 को चेन्नई के मदुरै में हुआ था।

उनका वास्तविक नाम गोपाल रत्नम सुब्रमण्यम अय्यर  था। उनके पिता का नाम रत्नम अय्यर था।

उनके पिता एक फिल्म निर्माता थे, जो ‘वीनस पिक्चर’ जैसी बड़ी प्रोडक्शन कंपनी के साथ काम कर चुके थे।

मणिरत्नम का विवाह 1988 में राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुहासनी से हुआ।

सुहासनी प्रख्यात अभिनेता कमल हसन की भतीजी और चारु हासन की बेटी हैं।

1992 में सुहासनी ने अपने बेटे नंदन (Nandan) को जन्म दिया

शिक्षा

मणिरत्नम ने  अपनी स्कूली शिक्षा चेन्नई से ही पूरी की।

उन्होंने ‘मद्रास विश्वविद्यालय’ से कॉमर्स क्षेत्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

फिल्म बनाने से पहले उन्होंने ‘जमना लाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडी’ से एमबीए करके मैनेजमेंट कंसल्टेंट का काम किया।

फिल्मों को वास्तविकता से रूबरू कराने वाले मणिरत्नम के दो भाई थे और दोनों ही फिल्म निर्माता थे, लेकिन किसी दुर्घटना की वजह से उनके दोनों भाई इस दुनिया में नहीं रहे।

करियर

फिल्में बनाने से पहले मणिरत्नम फिल्म सहायक के तौर पर भी काम कर चुके थे। फिल्म निर्देशक के रूप में उनकी पहली फिल्म कन्नड़ में ‘पल्लवी अनु पल्लवी’ थी, जिसमें अभिनेता अनिल कपूर और लक्ष्मी ने काम किया।

इसके बाद मणिरत्नम ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और दक्षिण की तमाम भाषाओं में फिल्में बनाई। लेकिन मणिरत्नम को प्र्सिद्धि ‘मौना रागम’ से मिली। यह फिल्म नव विवाहित जोड़े को लेकर बनाई गई थी, जिसे लोगों ने भी पसंद किया था।

मणिरत्नम के लिए 1989 में बनाई गई ‘गीताजंली’ मील का पत्थर साबित हुई। यह व्यावसायिक रूप से बहुत ही सफल रही। इस फिल्म के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ भी प्रदान किया गया।

मणिरत्नम जिस तरह से दक्षिण के एक जाने – माने निर्देशक हैं, उसी तरह से वह बॉलीवुड के विख्यात फ़िल्मकार भी हैं। हिन्दी फिल्मों में उन्होंने ‘टेरोरिज्म ट्राइलॉजी’, ‘रोजा’ (1992), ‘बॉम्बे’ (1995), ‘दिल से’ (1998) जैसी कई फिल्में दीं, जो पूरी तरह से आतंकवाद के ऊपर आधारित थीं।

‘नायकन’ मणिरत्नम की एक ऐसी फिल्म है, जिसे विदेशों में भी काफ़ी सराहा गया। टाइम पत्रिका ने वर्ष 2005 में पहली बार सर्वकालिक 100 महान् फिल्मों की सूची जारी की थी। इसमें मणिरत्नम की ‘नायकन’, सत्यजीत रे की ‘द अपु ट्राइलॉजी’ और गुरुदत्त की ‘प्यासा’ को जगह मिली थी।

 फ़िल्में

Bombay – 1995 Chekka Chivantha Vaanam – 2018 Dil Se – 1998 Thalapathi – 1991
Nayakan – 1987 Roja – 1992 Alai Payuthey – 2000 Kaatru Veliyidai – 2017
OK Kanmani – 2015 Iruvar – 1997 Mouna Ragam – 1986 Guru – 2007
Kannathil Muthamittal – 2002 Raavanan – 2010 Raavan – 2010 Kadal – 2013
Geethanjali – 1989 Agni Natchathiram – 1988 Anjali – 1990 Thiruda Thiruda – 1993
Yuva – 2004 Pallavi Anu Pallavi – 1983 Ayitha Ezhuthu – 2004 Saathiya – 2002
Ok Jaanu – 2017 Pagal Nilavu – 1985 Idaya Kovil – 1985 Unaru – 1984
Aasai – 1995 Nerrukku Ner – 1997 Dumm Dumm Dumm – 2001 Indira – 1995
Taj Mahal – 1999 Chatriyan – 1990 Gaayam – 1993 Five Star – 2002
Dasarathan – 1993 Thambi – 2005 Dayavan – 1988 Kasak -1992
Bloody Paki – 2011 Annavru – 2003 Yaad Rakhegi Duniya – 1992 Anuraga Sangamam
Eriyum Kannadi – 2019 Chandrodaya – 1999 The Other Side of Bollywood -2006 Nayakudu – 1987
Chor Chor – 1974

पुरस्कार व सम्मान

  • मणिरत्नम को अब तक 6 राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
  • वर्ष 2002 में उन्हें भारत सरकार का चौथा सर्वोच्च पुरस्कार ‘पद्मश्री’ दिया गया।
  • इसके अलावा उन्होने अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में भी कई पुरस्कार अपनी झोली में डाले हैं।

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