मन्मथनाथ गुप्त (English – Manmath Nath Gupta) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रान्तिकारी तथा सिद्धहस्त लेखक थे। 13 वर्ष की उम्र में ही वे स्वतन्त्रता संग्राम में कूद गये और जेल गये। बाद में वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सक्रिय सदस्य भी बने और 17 वर्ष की आयु में उन्होंने सन् 1925 में हुए काकोरी काण्ड में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने हिन्दी, अंग्रेज़ी तथा बांग्ला में आत्मकथात्मक, ऐतिहासिक एवं गल्प साहित्य की रचना की है।
मन्मथनाथ गुप्त की जीवनी – Manmath Nath Gupta Biography Hindi

संक्षिप्त विवरण
नाम | मन्मथनाथ गुप्त |
पूरा नाम अन्य नाम | मन्मथनाथ गुप्त |
जन्म | 7 फरवरी, 1908 |
जन्म स्थान | वाराणसी |
पिता का नाम | वीरेश्वर विराटनगर |
माता का नाम | – |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
मृत्यु | 26 अक्टूबर, 2000 |
मृत्यु स्थान | – |
जन्म
मन्मथनाथ गुप्त का जन्म 7 फरवरी 1908 को वाराणसी में हुआ था। उनके पिता का नाम वीरेश्वर विराटनगर थे जोकि नेपाल में एक स्कूल के हेडमास्टर थे।
शिक्षा
Manmath Nath Gupta ने दो साल तक नेपाल के एक स्कूल शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद में वे वाराणसी आ गए। उस समय के राजनीतिक वातावरण का प्रभाव उन पर भी पड़ा । मन्मथनाथ गुप्त मात्र 13 वर्ष की आयु में ही स्वतंत्रता संग्राम में कूद गये और जेल गये। बाद में वे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सक्रिय सदस्य भी बने।
जेल यात्रा
1921 में ब्रिटेन के युवराज के बहिष्कार का नोटिस बांटते हुए गिरफ्तार कर लिए गए और तीन महीने की सजा हो गई। जेल से छूटने पर उन्होंने काशी विद्यापीठ में प्रवेश लिया और वहाँ से विशारद की परीक्षा उत्तीर्ण की।
योगदान
1925 के प्रसिद्ध काकोरी कांड में मन्मथनाथ गुप्त ने सक्रिय रूप से भाग लिया। ट्रेन रोककर ब्रिटिश सरकार का खजाना लूटने वाले 10 व्यक्तियों में वे भी सम्मिलित थे।
लेखन कार्य
लेखन के प्रति उनकी प्रवृत्ति पहले से ही थी। जेल जीवन के अध्ययन और मनन ने उसे पुष्ट किया। छूटने पर उन्होंने विविध विधाओं में विपुल साहित्य की रचना की। उनके प्रकाशित ग्रंथों की संख्या 80 से अधिक है।
प्रमुख रचनाएँ
- ‘भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का इतिहास’
- ‘क्रान्ति युग के अनुभव’
- ‘चंद्रशेखर आज़ाद’
- ‘विजय यात्रा’
- ‘यतींद्रनाथ दास’
- ‘कांग्रेस के सौ वर्ष
- ‘कथाकार प्रेमचंद’
- ‘प्रगतिवाद की रूपरेखा’
- साहित्यकला समीक्षा
मृत्यु
मन्मथनाथ गुप्त की मृत्यु 26 अक्टूबर, 2000 में हुई।