मनोहर लाल खट्टर भारत के हरियाणा राज्य के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए हैं। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो गैर जाट समुदाय से आते हैं, 18 साल बाद वे इस पद पर आसीन होने वाले पहले गैर जाट नेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं।हरियाणा विधान सभा में वे करनाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय के बाद विधायक दल द्वारा उन्हें नेता चुना गया और मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको मनोहर लाल खट्टर की जीवनी – Manohar Lal Khattar Biography Hindi के बारे में बताएगे।
मनोहर लाल खट्टर की जीवनी – Manohar Lal Khattar Biography Hindi
जन्म
मनोहर लाल खट्टर का जन्म 5 मई, 1954 में रोहतक के निदाना गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम हरवंश लाल खट्टर था वे एक साधारण से किसान परिवार से आने वाले खट्टर पंजाबी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। खट्टर का परिवार 1947 के भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान से आकार रोहतक जिले के निदाना गाँव में बस गया था।
शिक्षा
खट्टर स्कूल की सभी गतिविधियों में काफी आगे थे। वे डॉक्टर बनाना चाहते थे, पढ़ाई के इसी शौक के चलते खट्टर अपने परिवार में 10वीं पास करने वाले पहले सदस्य बने। खट्टर ने पंडित नेकी राम शर्मा गवर्नमेंट कॉलेज, रोहतक से अपना हाई स्कूल पूरा किया। इसके बाद में वे दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री पूरी करने के लिए दिल्ली चले गए। वे अपने कॉलेज के दिनों में दिल्ली के सदर बाजार के पास एक दुकान भी चलाया करते थे।
करियर
बचपन में वे अपने दोस्तों के बीच ‘हेडमास्टर’ नाम से लोकप्रिय थे । उनके दादा भगवान दास खट्टर अपने परिवार के साथ देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से निंदाना आए थे। मनोहर लाल 4 साल के थे तो उनके पिता हरबंस लाल खट्टर रोहतक ज़िले के ही बनियानी गांव में आ गए। निंदाना में उनके दादा और पिता की दुकान थी जबकि बनियानी में उन लोगों ने खेती के लिए जमीन ख़रीदी थी। क़रीबी दोस्तों के मुताबिक खट्टर स्कूली दिनों में वे काफ़ी गंभीर स्वभाव के थे, जिसके कारण उनके साथी उन्हें ‘हेडमास्टर’ कहकर बुलाते थे। खट्टर के भाई चरणजीत के मुताबिक, मनोहर मेडिकल की तैयारी करना चाहते थे लेकिन पिता चाहते थे कि बिजनेस में समय दें। 1974 के आसपास मनोहर भाइयों के साथ दिल्ली के रानी बाग आए और बिजनेस शुरू किया। 1976 में वह आरएएसएस के संपर्क में आए और इमर्जेंसी में संपर्क बढ़ता गया। 1980 में वह संघ से पूर्णकालिक तौर पर जुड़ गए। मनोहर लाल खट्टर पर युवावस्था में परिवार की ओर से शादी के लिए जबर्दस्त दबाव था। परिजन चाहते थे कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रचारक परंपरा को छोड़ घर बसा लें, लेकिन खट्टर ने विवाह नहीं किया। खट्टर को 1994 में हरियाणा बीजेपी में प्रदेश संगठन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1996 का विधानसभा चुनाव बीजेपी ने बंसीलाल की पार्टी हरियाणा विकास पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। इस चुनाव की रणनीति बनाने में खट्टर की बड़ी भूमिका रही थी। 2002 में पार्टी ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का प्रभारी बनाया। लोकसभा चुनाव में खट्टर को हरियाणा में चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। खट्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबियों में शुमार हैं। 26 अक्टूबर 2014 को उन्होने हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जो गैर जाट समुदाय से आते हैं, 18 साल बाद वे इस पद पर आसीन होने वाले पहले गैर जाट नेता हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं। हरियाणा विधान सभा में वे करनाल का प्रतिनिधित्व करते हैं। 2014 के हरियाणा विधान सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की विजय के बाद विधायक दल द्वारा उन्हें नेता चुना गया और मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया।
विवाद
उन्होंने एक बार गोमांस के मुद्दे पर टिप्पणी की थी जिसकी वजह से उनकी काफी आलोचना हुई थी, उन्होंने लिखा था कि: “मुसलमान भारत में रह सकते हैं, लेकिन उन्हें गोमांस खाना बंद करना होगा”। इस बयान के बाद भाजपा पार्टी ने तत्काल कहा कि ‘पार्टी के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है और यह उनका व्यक्तिगत विचार है।’ अपने बयान के 24 घंटों के भीतर उन्होंने अपना बयान बदल लिया, और उन्होंने कहा कि मैं लोगों की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचना चाहता और मैं इसके लिए माफी चाहता हूं।’