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मनोहर पर्रीकर की जीवनी – Manohar Parrikar Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको मनोहर पर्रीकर की जीवनी – Manohar Parrikar Biography Hindi के बारे में बताएगे।

मनोहर पर्रीकर की जीवनी – Manohar Parrikar Biography Hindi

मनोहर पर्रीकर की जीवनी
मनोहर पर्रीकर की जीवनी

Manohar Parrikar गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन थे।

मनोहर परिकर उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में सांसद भी रह चुके हैं ।

वे 2014 में देश के रक्षा मंत्री बने थे।

उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद की शपथ 14 मार्च 2017 को ली।

वे  2000 से 2005 तक और 2012 से 2014 तक गोवा के मुख्यमंत्री के साथ
ही वे बिजनेस सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।

2014 में उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देकर भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार में रक्षा मंत्री का पदभार संभाला।

वे पहले ऐसे भारतीय मुख्यमंत्री है, जिन्होंने आई आई टी से स्नातक किया हुआ है।

जन्म

मनोहर पर्रीकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 में मापुसा ,गोवा ,भारत में हुआ था।

उनके पिता का नाम गोपाल कृष्ण पर्रीकर था और उनकी माता का नाम राधा बाई पर्रीकर था।

उनके भाई का नाम अवधूत पर्रिकर है। पर्रिकर और मेधा की शादी साल 1981 में हुई थी।

पर्रिकर के गोवा के मुख्यमंत्री बनने के कुछ समय बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी।

पर्रिकर के दो बेटे हैं।

जिनमें से पहले बेटे का नाम उत्पल पर्रिकर है, जबकी दूसरे बेटे का नाम अभिजीत पर्रिकर है।

पर्रिकर के दोनों बेटों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।

उत्पल बतौर एक इंजीनियर के रूप में कार्य कर रहे हैं, जबकि अभिजीत का खुद का एक व्यापार है।

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं।

गोवा का सर्वोच्च पद होने के बावजूद पर्रीकर क्षेत्र का दौरा अपने विधायकों के साथ अकसर स्कूटर पर करते हैं।

जब वे किसी कार्यक्रम में शरीक भी होते हैं तो वे साधारण वेशभूषा में पहुंचते हैं।

पर्रीकर के एक नजदीकी बताते हैं कि एक बार पर्रीकर को एक कार्यक्रम में शरीक होने पांच सितारा होटल जाना था, लेकिन समय पर उनकी गाड़ी खराब हो गई।

उन्होंने तत्काल एक टैक्सी बुलवाई और साधारण कपड़े और चप्पल पहने वे होटल पहुंचे।

जैसे ही टैक्सी से वे उतरे तो होटल के दरबान ने उन्हें रोका और कहा कि तुम अन्दर नहीं जा सकते।

तो पर्रीकर ने दरबान को बताया कि वे गोवा के मुख्यमंत्री हैं, यह सुनकर दरबान ठहाके मारकर हंसने लगा और बोला कि ‘तू मुख्यमंत्री है तो मैं देश का राष्ट्रपति हूं।’ इतने में कार्यक्रम के आयोजक मौके पर पहुंचे और मामला सुलझाया।

शिक्षा – मनोहर पर्रीकर की जीवनी

मनोहर पर्रीकर ने गोवा राज्य के लोयोला हाई स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की थी।

12वीं की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने मुंबई में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में दाखिला लिया था और यहां से उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी।

वहीं पर्रिकर को हिंदी और अंग्रेजी भाषा के अलावा मराठी भाषा भी बोलनी आती है।

वे पहले ऐसे भारतीय मुख्यमंत्री है, जिन्होंने आई आई टी से स्नातक किया हुआ है।

करियर

पर्रिकर अपने स्कूलों के दिनों से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  में शामिल हो गए थे।

उन्होने पढ़ाई के साथ-साथ आरएसएस की युवा शाखा के लिए भी काम करना शुरू कर दिया था।

वहीं स्कूल से पास होने के बाद उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई आरंभ कर दी।

उन्होने पढ़ाई पूरी करने के बाद एक बार फिर आरएसएस को अपनी सेवा देना शुरू कर दिया।

जिसके बाद उन्हें बीजेपी पार्टी का सदस्य बनने का मौका मिला और उन्होंने बीजेपी पार्टी की तरफ से पहली बार चुनाव भी लड़ा।

बीजेपी ने पर्रिकर को 1994 में गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया।

और पर्रिकर को इस चुनाव में जीत मिली। लेकिन बीजेपी चुनाव में कुछ खास नहीं कर सकी।

वहीं पर्रिकर ने गोवा की विधानसभा सभा में विपक्ष नेता की भूमिका भी निभाई ।

 गोवा के मुख्यमंत्री

  •  2000 में गोवा में हुए विधान सभा चुनावों में बीजेपी पार्टी को जनता का साथ मिला और बीजेपी को गोवा की सत्ता में आने का मौका मिला। वहीं सत्ता में आते ही बीजेपी पार्टी ने उस राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर पर्रिकरजी को चुना। 24 अक्टूबर को पर्रिकर जी ने बतौर गोवा का मुख्यमंत्री चुने गए । हालांकि पर्रिकर के परिवार के हालात उस वक्त सही नहीं चल रहे थे और उनकी पत्नी कैंसर से ग्रस्त थी।
  • लेकिन किन्हीं कारणों से उनका ये कार्यकाल ज्यादा समय तक नहीं चल पाया और 27 फरवरी 2002 को उन्हें अपनी ये कुर्सी छोड़नी पड़ी।   5 जून 2002 को उन्हे दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया।
  • 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली और पर्रिकर को मुख्यमंत्री के पद को छोड़ना पड़ा। जिसके बाद बीजेपी पार्टी को  2012 में गोवा में हुए चुनाव में फिर विजय प्राप्त हुई और फिर से बीजेपी ने पर्रिकर को मुख्यमंत्री बना दिया।   2014 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी को जीत मिली और पार्टी केंद्र में अपनी सरकार बनाने में सफल रही ।जब देश के रक्षा मंत्री को चुनने की बारी आई, तो बीजेपी की पहली पसंद पर्रिकर बने और उन्होंने देश का रक्षा मंत्री बना दिया गया। देश के रक्षा मंत्री बनने के लिए पर्रिकर को अपना मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा और उनकी जगह लक्ष्मीकांत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।
  •  2017 में एक बार दोबारा गोवा में विधानसभा के चुनाव हुए और इन चुनावों में एक बार फिर से बीजेपी की जीत हासिल हुई। गोवा के विधायकों ने अपने राज्य के लिए पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा जिसके चलते पर्रिकर को अपना रक्षा मंत्री पद छोड़ना पड़ा और वो गोवा के मुख्यमंत्री पद को संभालने गोवा वापस आ गए।

विवाद – मनोहर पर्रीकर की जीवनी

मनोहर पर्रिकर का राजनीतिक जीवन भी अन्य नेताओं की तरह अनेक विवाद जुड़ा हुआ हैं और समय-समय पर पर्रिकर को इन विवादों को सामना करना पड़ा है। हालांकि इन विवादों के कारण उनके राजनीति करियर पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा।

  • यूरोपीय कचरा प्रबंधन संयंत्रों से जुड़ा विवाद –

2013 में भारत की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल यूरोप गया था। इस प्रतिनिधिमंडल में गोवा के उपमुख्यमंत्री फ्रांसिस डिसूज सहित कई विधायक मौजूद थे। ये प्रतिनिधिमंडल यूरोप के कचरा प्रबंधन पर अध्ययन करने के लिए गए थे।

वहीं इस यात्रा के दौरान करीब 1 करोड़ रुपए का खर्चा आया था और इसी खर्चे को लेकर पर्रिकर को विवाद का सामना करना पड़ा था।

  • फीफा विश्व कप दावत को लेकर हुआ विवाद

2014 में ब्राजील में हुए फीफा विश्व कप से जुड़ी हुई एक दावत को लेकर भी पर्रिकार पर विपक्ष पार्टी ने हमला किया था। विपक्ष पार्टी का कहना था कि इस दावत के आयोजन पर करीब 89 लाख रुपए का खर्चा आया था और जनता के पैसों को पानी की तरह इस्तेमाल किया गया है।

आमिर खान की टिप्पणी पर पर्रिकर का बयान

अभिनेता आमिर खान द्वारा देश के हालातों को लेकर की गई एक टिप्पणी पर पर्रिकर ने अपनी नाराजगी जतायी था।

पर्रिकर ने कहा था कि अगर भारत में किसी को रहना है, तो उसे देश की राष्ट्रीयता का सम्मान करना चाहिए।

जो व्यक्ति देश के खिलाफ बोलते हैं, उसको सबक सिखाना चाहिए।

हालांकि पर्रिकर ने ये बयान देते हुए किसी का भी नाम नहीं लिया था।

लेकिन उनकी बातों से साफ था, कि वो आमिर खान की टिप्पणी पर अपनी राय रख रहे हैं।

आपको बता दे कि पर्रिकर के दिए गए इस बयान से कुछ दिन पहले ही आमिर खान ने कहा था, कि उनकी पत्नी ने भारत से बाहर जाने की बात कही थी।

आमिर खान ने ये टिप्पणी भारत में धार्मिक असहिष्णुता के मुद्दे पर की थी।

वहीं पर्रिकर द्वारा दिए गए बयान की काफी आलोचना की गई थी।

जिसके चलते पर्रिकर ने एक और बयान देते हुए कहा था, कि उन्होंने किसी पर भी व्यक्तिगत उपर वो टिप्पणी नहीं की थी।

  • पाकिस्तान को बताया था नरक

बतौर भारत के रक्षा मंत्री रहते हुए पर्रिकर ने पाकिस्तान देश पर एक बयान दिया था।

अपने इस बयान में पर्रिकर ने कहा था कि इस देश में जाना किसी नरक में जाने से कम नहीं है।

वहीं पर्रिकर के इस बयान पर पाकिस्तान ने नाराजगी जताई थी।

  • विद्यालयों जुड़े विवाद

2001 में बतौर गोवा के मुख्यमंत्री रहते हुए पर्रिकर ने गोवा के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों को विद्या भारती में बदल दिया था। पर्रिकर के इस फैसले की आलोचना की गई थी। क्योंकि विद्या भारती आरएसएस की एक शिक्षा शाखा है।

 पुरस्कार – मनोहर पर्रीकर की जीवनी

  • पर्रिकर को आईआईटी-मुंबई द्वारा सम्मानित किया जा चुका हैं। उन्हें उनके कॉलेज द्वारा ये सम्मान 2001 में दिया गया था।
  • इतना ही नहीं साफ छवि वाले इस नेता को सीएनएन-आईबीएन ने भी राजनीति श्रेणी में पुरस्कार दिया था। पर्रिकर को ये पुरस्कार 2012 में दिया गया था।

मृत्यु

मनोहर पर्रीकर लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे।

जिसके चलते 17 मार्च 2019 रविवार को 63 वर्ष की आयु में पणजी, गोवा, भारत में उनकी मृत्यु हो गई।

इसे भी पढ़े – वीर सावरकर की जीवनी – Veer Savarkar Biography Hindi

Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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