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मीना कुमारी की जीवनी – Meena Kumari Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको मीना कुमारी की जीवनी – Meena Kumari Biography Hindi के बारे में बताएगे।

मीना कुमारी की जीवनी – Meena Kumari Biography Hindi

मीना कुमारी की जीवनी
मीना कुमारी की जीवनी

 

(English – Meena Kumari)मीना कुमारी भारत की एक मशहूर हिन्दी फिल्मों की अभिनेत्री थीं।

उन्हे भारतीय सिनेमा की ट्रैजेडी क्वीन (शोकान्त महारानी) भी कहा जाता है।

उन्होने  बैजु बावरा , परिणीता, साहब बीबी और गुलाम के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर मिला

संक्षिप्त विवरण

 

नाममीना कुमारी
पूरा नाममहजबीं बानो
जन्म1 अगस्त 1932
जन्म स्थानमुंबई
पिता का नामअली बख़्श
माता का नाम इक़बाल बेगम
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म मुस्लिम
जाति

जन्म – मीना कुमारी की जीवनी

Meena Kumari का जन्म 1 अगस्त, 1932 को मुंबई, महाराष्ट्र में एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम अली बख़्श था और माता इकबाल बेगम  थीं। उनका वास्तविक नाम ‘महजबीं बानो’ था। उनके  पिता एक पारसी थिएटर में काम किया करते थे और माता एक नर्तकी थीं। जब उनका जन्म हुआ, तब पिता अली बख्‍श और मां इकबाल बेग़म के पास डॉक्‍टर को देने के पैसे नहीं थे। हालत यह थी कि दोनों ने तय किया कि बच्‍ची को किसी अनाथालय के बाहर सीढ़ियों पर छोड़ दिया जाए और छोड़ भी दिया गया। लेकिन, पिता का मन नहीं माना और वह पलट कर भागे और बच्‍ची को गोद में उठाकर घर ले आए। किसी तरह मुश्किल भरे हालातों से लड़ते हुए उन्होंने उसकी परवरिश की। परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब रहने के कारण मीना कुमारी को बचपन में ही स्कूल छोड़ देना पड़ा।

24 मई, 1952 को मीना कुमारी ने कमाल अमरोही से शादी कर ली।

फिल्मी करियर

1939 में बतौर बाल कलाकार उनको विजय भट्ट की फ़िल्म ‘लेदरफेस’ में काम करने का मौक़ा मिला।

अपनी पहचान को तलाशती मीना कुमारी को लगभग दस वर्षों तक फ़िल्म जगत् में संघर्ष करना पड़ा। इस बीच उनकी ‘वीर घटोत्कच’ (1949) और ‘श्री गणेश महिमा’ (1950) जैसी फ़िल्में प्रदर्शित तो हुई, पर उन्हें इनसे कुछ ख़ास पहचान नहीं मिली। वर्ष 1952 में मीना कुमारी को विजय भट्ट के निर्देशन में ‘बैजू बावरा’ में काम करने का मौक़ा मिला। इस फ़िल्म की सफलता के बाद मीना कुमारी बतौर अभिनेत्री फ़िल्म जगत् में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गईं।

फ़िल्म पाकीज़ा

कमाल अमरोही की फ़िल्म ‘पाकीज़ा’ के निर्माण में लगभग चौदह वर्ष लग गए। इस दौरान मीना कुमारी कमाल अमरोही से अलग हो चुकी थीं, फिर भी उन्होंने फ़िल्म की शूटिंग जारी रखी क्योंकि उनका मानना था कि ‘पाकीज़ा’ जैसी फ़िल्मों में काम करने का मौक़ा बार-बार नहीं मिलता। 1972 में जब ‘पाकीज़ा’ प्रदर्शित हुई तो फ़िल्म में मीना कुमारी के अभिनय को देख दर्शक मुग्ध हो गए और यह फ़िल्म आज भी मीना कुमारी के जीवंत अभिनय के लिए याद की जाती है।

सहनायक

Meena Kumari के सिनेमा करियर में उनकी जोड़ी फ़िल्म अभिनेता अशोक कुमार के साथ काफ़ी प्रसिद्ध रही। मीना कुमारी और अशोक कुमार की जोड़ी वाली फ़िल्मों में ‘तमाशा’, ‘परिणीता’, ‘बादबान’, ‘बंदिश’, ‘भीगी रात’, ‘शतरंज’, ‘एक ही रास्ता’, ‘सवेरा’, ‘फरिश्ता’, ‘आरती’, ‘चित्रलेखा’, ‘

फ़िल्में

1939 लैदरफ़ेस1939 अधुरी कहानी1940 पूजा बीना1940 एक ही भूल
1941 नई रोशनी1941 बहन1941 कसौटी1941 विजय
1942 गरीब1943 प्रतिज्ञा1944 लाल हवेली1946 बच्चों का खेल
1946 दुनिया एक सराय1948 पिया घर आजा1948 बिछड़े बालम1949 वीर घटोत्कच
1950 श्री गणेश महिमा1950 मगरूर1950 हमारा घर1951 सनम
1951 मदहोश1951 लक्ष्मी नारायण1951 हनुमान पाताल विजय1952 अलादीन और जादुई चिराग
1952 तमाशा1952 बैजू बावरा1953 परिणीता1953 फुटपाथ माला
1953 दो भीगा ज़मीन1953 दाना पानी1953 दायरा1953 नौलखा हार
1954 इल्ज़ाम1954 चाँदनी चौक1954 बादबाँ1955 रुखसाना
1955 बंदिश1955 आज़ाद1956 नया अंदाज़1956 शतरंज
1956 मेम साहिब1956 हलाकू1956 एक ही रास्ता1956 बंधन
1957 शारदा1957 मिस मैरी1958 यहूदी1958 सवेरा
1958 सहारा1958 फरिश्ता1959 सट्टा बाज़ार1959 शरारत
1959 मधु1959 जागीर1959 चिराग कहाँ रोशनी कहाँ1959 चाँद
1959 चार दिल चार राहें1959 अर्द्धांगिनी1960 दिल अपना और प्रीत पराई1960 बहाना
1960 कोहिनूर1961 ज़िंदगी और ख्वाब1961 भाभी की चूड़ियाँ1961 प्यार का सागर
1962 साहिब बीबी और ग़ुलाम छोटी बहू1962 मैं चुप रहूंगी1962 आरती1963 किनारे किनारे
1963 दिल एक मन्दिर1963 अकेली मत जाइयो1964 सांझ और सवेरा1964 गज़ल नाज़
1964 चित्रलेखा1964 बेनज़ीर1964 मैं भी लड़की हूँ1965 भीगी रात
1965 पूर्णिमा1965 काजल1966 पिंजरे के पंछी1966 फूल और पत्थर
1967 मझली दीदी1967 नूरजहाँ1967 चन्दन का पालना1967 बहू बेगम
1968 बहारों की मंज़िल1970 जवाब1970 सात फेरे1971 मेरे अपने
1972 दुश्मन1972 पाकीज़ा1972 गोमती के किनारे ( आखिरी फिल्म)

मृत्यु – मीना कुमारी की जीवनी

फ़िल्म पाक़ीज़ा के रिलीज़ होने के तीन हफ़्ते बाद मीना कुमारी की तबीयत बिगड़ने लगी। 28 मार्च 1972 को उन्हें बम्बई के सेंट एलिज़ाबेथ अस्पताल में दाखिल करवाया गया।  जिसके बाद 31 मार्च 1972 को उनकी मृत्यु हो गई।

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Sonu Siwach

नमस्कार दोस्तों, मैं Sonu Siwach, Jivani Hindi की Biography और History Writer हूँ. Education की बात करूँ तो मैं एक Graduate हूँ. मुझे History content में बहुत दिलचस्पी है और सभी पुराने content जो Biography और History से जुड़े हो मैं आपके साथ शेयर करती रहूंगी.

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