मेहर चंद महाजन ने लाहौर न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। मेहरचंद महाजन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश थे।15 अक्तूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक वे जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री बने। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको मेहर चंद महाजन की जीवनी – Mehr Chand Mahajan Biography Hindi के बारे में बताएंगे।
मेहर चंद महाजन की जीवनी – Mehr Chand Mahajan Biography Hindi
जन्म
मेहर चंद महाजन का जन्म 23 दिसंबर 1889 को टिक्का नगरोटा जिला कांगड़ा में हुआ था।
शिक्षा
मेहर चंद महाजन ने प्रारम्भिक शिक्षा नूरपुर के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद 1913 में उन्होंने धर्मशाला में वकालत शुरू की और 1914 से 1918 तक उन्होंने पंजाब के गुरदासपुर में भी वकालत की। उन्होंने 1942 में लाहौर से कानून की डिग्री प्राप्त की थी।
करियर
1938 से 1943 तक महाजन जी ने लाहौर हाई कोर्ट की बार एसोसियेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया । 15 अक्तूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक वे जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री बने तो इस दौरान उन्होंने राजनीतिक कौशल के चलते जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाने में अहम भूमिका निभाई। इसके उपरान्त वे 4 जनवरी, 1954 को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया के तीसरे मुख्य न्यायाधीश बने और इसके साथ ही उन्होने नूरपुर क्षेत्र का नाम रोशन किया। महाजन जी कई संस्थाओं के संस्थापक व कई अहम पदों पर रहे चुके है ।
- मेहर चंद महाजन को 27 दिसंबर 1943 को लाहौर न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
- मेहरचंद महाजन भारत के सर्वोच्च न्यायालय के तीसरे न्यायाधीश थे।
- इसके बाद जनवरी 1954 से दिसंबर 1954 तक वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य देश के रूप में कार्यरत रहे थे।
- 15 अक्तूबर, 1947 से 5 मार्च, 1948 तक वे जम्मू-कश्मीर के प्रधानमंत्री बने
मृत्यु
मेहर चंद महाजन की 1967 में मृत्यु हो गई थी।