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मीरा कुमार की जीवनी – Meira Kumar Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको मीरा कुमार की जीवनी – Meira Kumar Biography Hindi के बारे में बताएगे।

मीरा कुमार की जीवनी – Meira Kumar Biography Hindi

मीरा कुमार की जीवनी
मीरा कुमार की जीवनी

श्रीमती मीरा कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं।

वे पंद्रहवीं लोकसभा में बिहार के सासाराम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्हें 3 जून 2009 को लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के रूप में बिना किसी विरोध के चुना गया था।

उन्होंने 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद के खिलाफ यू पी ए के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और 34% वोटों से हार गए।

जन्म

मीरा कुमारी का जन्म 31 मार्च 1945 में बिहार में हुआ।

उनके पिता का नाम बाबू जगजीवन राम और उनकी माता का नाम इंद्राणी देवी था।

मीरा कुमारी ने 1968 में बिहार की पहली महिला कैबिनेट मंत्री सुमित्रा देवी के पुत्र भारत के उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता श्री मंजुल कुमार से शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियाँ हैं।

जिनका नाम इस प्रकार है- बेटा अंशुल और बेटी स्वाति और देवांगना। मीरा कुमारी के पिता स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक न्याय हेतु संघर्ष करता और उप प्रधानमंत्री थे और इनकी माता स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता और अनेक पुस्तकों की लेखिका थी।

शिक्षा – मीरा कुमार की जीवनी

मीरा कुमारी ने प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के महारानी गायत्री देवी स्कूल से पूरी की।

श्रीमती मीरा कुमार ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ और मिरांडा हाउस कॉलेज में M.A. और एल एल बी की शिक्षा प्राप्त की।

मीरा कुमार ने कला में स्नातक (मास्टर ऑफ़ आर्ट्स), विधि स्नातक और स्पैनिश में एडवांस्ड डिप्लोमा की डिग्रियाँ ली हैं।

मीरा कुमारी अंग्रेजी, स्पेनिश, हिंदी, संस्कृत, भोजपुरी भाषाओं में काफी निपुण थी.

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कार्यक्षेत्र

1973 में वे भारतीय विदेश सेवा (IAS) के लिए चुनी गई और कुछ वर्षों तक स्पेन, ब्रिटेन और मॉरीशस में उच्चायुक्त रही। लेकिन उन्हें अफसरशाही रास नहीं आई और उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाने का फैसला किया।

राजनीतिक

राजनीति में मीरा कुमारी का प्रवेश 80 के दशक में हुआ था.

1985 में वह पहली बार बिजनौर में से संसद के लिए चुनी गई।

1990 में वे कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव चुनी गए।

1996 में वे दूसरी बार सांसद बनीं और तीसरी पारी उन्होंने 1998 में शुरु की उन्होंने 2000 में बिहार के सासाराम से लोकसभा सीट जीती. जी एम सी बालयोगी के बाद वे दूसरे दलित नेता है जो इस पद तक पहुंची है.

विशेष रुचि – मीरा कुमार की जीवनी

हिंदी में कविताएं लिखना जिनमें से उन से प्रकाशित हो चुकी है

जब मैं स्कूल की छात्रा थी, तब कई बार दर्शक दीर्घा से मैंने लोकसभा की कार्यवाही को देखा। उस समय स्वतंत्रता संग्राम के पुरोधा इस सदन में बैठकर देश के लोगों के हित में फैसले लेते थे। खासकर दलितों, वंचितों और कमजोर तथा हाशिए पर खड़े हुए लोगों के लिए वह बड़ी मशक्कत करते थे। मीरा कुमार कहती है कि मैं हमेशा कुछ ना कुछ पढ़ती रहती हूं और मेरी प्रिय पुस्तक महाकवि कालिदास का अभिज्ञान शाकुंतलम् है।

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