मोहनलाल सुखाड़िया राजस्थान के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में से एक थे। उन्हें ‘आधुनिक राजस्थान का निर्माता’ भी कहा जाता है। मोहनलाल सुखाड़िया सबसे लंबे समय तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे थे। तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको मोहन लाल सुखाड़िया की जीवनी – Mohan Lal Sukhadia Biography Hindi के बारे में बताएंगे
मोहन लाल सुखाड़िया की जीवनी – Mohan Lal Sukhadia Biography Hindi
जन्म
मोहन लाल सुखाड़िया का जन्म 31 जुलाई 1916 को झालावाड़, राजस्थान में हुआ था। उनके पिता का नाम पुरुषोत्तम लाल सुखाड़िया था जो मुंबई और सौराष्ट्र के अच्छे क्रिकेटरों में से गिने जाते थे। वे एक जैन परिवार से संबंध रखते थे।
शिक्षा
राजस्थान के नाथद्वारा और उदयपुर में अपननी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद मोहनलाल सुखाड़िया वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजीकल इंस्टीट्यूट से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए मुंबई के लिए चले गए। वहाँ मोहनलाल सुखाड़िया छात्र संगठन के महासचिव भीं चुने गए।
करियर
कॉलेज में मोहनलाल सुखाड़िया देश के कई प्रमुख राष्ट्रीय नेताओं जैसे- सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, युसूफ मेहरली, अशोक मेहता के संपर्क में आए । सुखाड़िया जी निरंतर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मीटिंग में उपस्थित रहते थे और एक सक्रिय कार्यकर्ता की भूमिका निभाई।
कॉलेज पूरी होने के बाद मोहन लाल सुखाड़िया वापस नाथद्वारा, राजस्थान आ गए, जहाँ पर उन्होंने एक छोटी-सी इलेक्ट्रिक दुकान से व्यावसायिक जीवन शुरू किया। 1 जून, 1938 को मोहन लाल सुखाड़िया का इंदुबाला सुखाड़िया के साथ अंतर्जातीय विवाह किया। जिसका उनके परिवार वालो ने घोर विरोध किया।
सामाजिक प्रगति और परिवर्तन के पुरोधा
मोहनलाल सुखाड़िया जात-पात और छुआछूत जैसी बीमारियों के प्रबल विरोधी थे। उन्हें सामाजिक परिवर्तन प्रगति व परिवर्तन के पुरोधा कहा जाता है। जिन्होंने ना केवल गतिशीलता के लिए समाज में जागरूकता पैदा की बल्कि समाज व परिवार के घोर विरोध के बावजूद अपने स्वयं के जीवन को जात -पात के बंधनों से मुक्त कर आदर्श प्रस्तुत किया। परिवार का विरोध काफी अर्से तक चलता रहा। लेकिन बाद में उनकी माता ने अपने पुत्र व पुत्र वधु को आशीर्वाद दिया।
मुख्यमंत्री
मोहनलाल सुखाड़िया को ‘आधुनिक राजस्थान का निर्माता’ कहा जाता है। 13 नवंबर 1954 को मोहनलाल सुखाड़िया राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने सबसे अधिक समय लगभग 17 साल तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद पर कार्य किया। वे 1954 से 1971 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहे । इसके बाद में कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल भी रह चुके थे।
मृत्यु
मोहनलाल सुखाड़िया की मृत्यु 2 फरवरी 1982 को बीकानेर में हुई। उनके निधन के पश्चात लोकसभा चुनाव में श्रीमती इंदुबाला लोकसभा से सांसद चुनी गई।