मृणाल पाण्डे (English – Mrinal Pandey) प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक एवं भारतीय टेलीविजन की जानी-मानी हस्ती हैं। 21 वर्ष की उम्र में उनकी पहली कहानी हिन्दी साप्ताहिक ‘धर्मयुग’ में छपी। अगस्त 2009 तक वे हिन्दी दैनिक “हिन्दुस्तान” की सम्पादिका थीं। हिन्दुस्तान भारत में सबसे ज्यादा पढे जाने वाले अखबारों में से एक हैं। वे हिन्दुस्तान टाइम्स के हिन्दी प्रकाशन समूह की सदस्या भी हैं। इसके अलावा वो लोकसभा चैनल के साप्ताहिक साक्षात्कार कार्यक्रम (बातों बातों में) का संचालन भी करती हैं।
मृणाल पाण्डे की जीवनी – Mrinal Pandey Biography Hindi

जन्म
मृणाल पाण्डे का जन्म 26 फरवरी 1946 को मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में हुआ। उनके पिता का नाम एस.डी. पन्त तथा उनकी माता नाम शिवानी था जोकि जानी-मानी उपन्यासकार एवं लेखिका थीं।
शिक्षा
मृणाल पाण्डे ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल में पूरी की। उसके बाद इन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एम. ए. किया। इन्होंने अंग्रेजी एवं संस्कृत साहित्य, प्राचीन भारतीय इतिहास, पुरातत्व, शास्त्रीय संगीत तथा ललित कला की शिक्षा कारकारन (वाशिंगटन डी. सी.) से पूरी की।
करियर
21 वर्ष की उम्र में उनकी पहली कहानी हिन्दी साप्ताहिक ‘धर्मयुग’ में छपी। तब से वो लगातार लेखन कर रही हैं। समाज सेवा में उनकी गहरी रूचि रही है। वो कुछ वर्षों तक ‘सेल्फ इम्प्लायड वूमेन कमीशन ’ की सदस्या रही हैं। अप्रैल 2008 में इन्हें पीटीआई (PTI) की बोर्ड सदस्य बनाया गया।
अगस्त 2009 तक वे हिन्दी दैनिक “हिन्दुस्तान” की सम्पादिका थीं। ‘हिन्दुस्तान’ भारत में सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अख़बारों में से एक हैं। वे हिन्दुस्तान टाइम्स के हिन्दी प्रकाशन समूह की सदस्या भी हैं। इसके अलावा वो लोकसभा चैनल के साप्ताहिक साक्षात्कार कार्यक्रम (बातों बातों में) का संचालन भी करती हैं।
प्रमुख कृतियाँ
उपन्यास
- ‘अपनी गवाही’
- ‘हमका दियो परदेस’
- ‘रास्तों पर भटकते हुए’
- ‘पटरंग’
- ‘देवी’
- ‘ओ ओबेरी’ ।
कहानियाँ
- यानी कि एक बात थी
- बचुली चौकीदारिन की कढ़ी
- एक स्त्री का विदागीत
- चार दिन की जवानी तेरी।
आलोचना
- ओ उब्बीरी
- बंद गलियों के विरुद्ध
- स्त्री : लम्बा सफर
- स्त्री : देह की राजनीति से देह की राजनीति तक
- ध्वनियों के आलोक में स्त्री
आलेख
- जहाँ औरतें गढ़ी जाती है